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बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ आंदोलन कार्यक्रम के तहत 500 प्राइवेट एवं सरकारी वाहनों में स्टीकर लगाने का हुआ लोकार्पण

 

 

बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ आंदोलन कार्यक्रम के तहत 500 प्राइवेट एवं सरकारी वाहनों में स्टीकर लगाने का हुआ लोकापर्ण आगनबाड़ी केंद्र में 50 गुड्डा- गुड़िया बोर्ड लगाए जाने का लोकार्पण किया गया

मजिले में बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ अभियान को धार देने के लिए आईसीडीएस तथा परिवहन विभाग द्वारा जिले के 500 सरकारी और प्राइवेट वाहनों पर जागरूकता स्टीकर लगवाए जाएंगे। लोगों को स्टीकर के माध्यम से बेटियों को बचाने और पढ़ाने के लिए जागरूक कर शपथ दिलाई जाएगी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। यह अभियान आंदोलन का रूप ले चुका है। बड़े शहरों से लेकर गांवों तक में विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। ताकि बेटियों का कोख में कत्ल होने से बचाया जा सके। जागरूकता कार्यक्रमों की कड़ी में ही वाहनों पर भी स्टीकर लगाए जाएंगे। सरकारी वाहनों से लेकर प्राइवेट वाहनों पर स्टीकर लगेंगे।

जिले के प्रत्येक प्रखंड के 50 आंगनबाड़ी केंद्रों पर लगाए जाएंगे गुड्डा -गुड़िया बोर्ड:

कार्यक्रम के दौरानआईसीडीएस डीपीओ डॉ रश्मि वर्मा ने बताया जिले के प्रत्येक प्रखंड के 50 आंगनबाड़ी केंद्रों पर गुड्डा गुड़िया बोर्ड लगाए जाने का लोकार्पण किया गया। डीपीओ ने बताया। इस बोर्ड पर गांव में हर महीने कितने बेटे और बेटियां पैदा हुए, इसकी सूचना गुड्डा-गुड़िया बोर्ड पर देनी होगी। यह जिम्मेदारी पंचायत की होगी। वहीं हर महीने आंगनबाड़ी केंद्रों पर अन्नप्राशन तथा गोदभराई मनाया जाएगा।

आईसीडीएस डीपीओ डॉ. रश्मि वर्मा ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को लेकर कहा बेटियां हमारे देश व प्रदेश का सम्मान हैं। बेटियों के प्रति समाज की सोच को बदलने की जरूरत है। सरकार ने निर्णय लिया है कि अब हर गांव को हर माह बेटियों और बेटों के पैदा होने का विस्तृत ब्यौरा सार्वजनिक स्थल पर गुड्डा-गुड़िया बोर्ड पर अंकित करना होगा। जिले में लिंगानुपात की स्थिति सुधारने के लिए तमाम विभाग संयुक्त प्रयास कर रहे हैं। सरकार अब पीएनडीटी एक्ट को सख्ती से लागू कर रही है। कहा कि सबसे पहले लोगों को जागरूक करना जरूरी है। इस कार्य में मीडिया सबसे अहम भूमिका निभा रहा है।

पढ़ाई छोड़ने वाली बेटियों को लाएं स्कूल वापस

एडीएम अवधेश राम ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि बेटियों को अधिक से अधिक शिक्षित करने के लिए प्रेरित करें। जो बेटियां पढ़ाई बीच में छोड़ चुकी हैं, उन बेटियों को भी स्कूल में लाया जाए। आंगनबाड़ी केंद्रों में सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। सभी गर्भवती महिलाओं को उचित आहार मुहैया कराने की सलाह दी जाए। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डिलीवरी के बाद जच्चा-बच्चा की देखभाल अस्पताल में रखकर करना सुनिश्चित करें।

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