कोरोना वैक्सीन ने दी नयी जिंदगी- डॉ ओम प्रकाश
खुद व दूसरों की जान बचाने के लिये अवश्य लें टीका
टीका लेने से शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता में होती बढ़ोतरी

दरभंगा कोरोना वैक्सीन को लेकर कई तरह भ्रातियां फैलायी जा रही हैं। सोशल मिडिया व अन्य प्लेटफार्म से कई प्रकार की भ्रामक बातों से लोग टीका को लेकर सशंकित हो रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि वैक्सीन की का डोज लेने लोगों की मृत्यु की संभावना नहीं के बराबर होती है। लिहाजा लोगों को सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुये टीकाकरण अभियान में बढ़- चढ़ कर भाग लेना चाहिये. ताकि कोरोना संक्रमण को परास्त किया जा सके.
कोरोना से बचाव के लिये टीकाकरण अत्यंत जरूरी है –
डीएमसीएच के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ ओम प्रकाश का स्पष्ट रूप से कहना है कि कोरोना से बचाव के लिये टीकाकरण अत्यंत जरूरी है. वह अपने अनुभव को बताते हुये कहा कि वह भी कोरोना की का दूसरीbडोज लेने के बावजूद कोविड पॉजिटिव हो गये. लेकिन टीका का ही देन है कि वह वह आज जिंदा हैं. बताया कि वह जिला के पहले व्यक्ति हैँ, जिन्होंने जनवरी माह में सुपरस्पेश्लिटी अस्पताल केन्द्र पर जाकर वैक्सीन ली लिया. दूसरी डोज फरवरी माह में पूपुरी रा की किया. इसी बीच बीते मई माह को वह कोरोना संक्रमित हो गये. कहा कि वह शुगर के मरीज हैं. उस दौरान शुगर लेवल बहुत बढ़ा हुआ था. ऑक्सीजन लेवल घट गया था|. बुखार 103 डिग्री तक पहुंच गया था. परिवार के लोग व शुभचिंतक घबरा गये थे. जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वह अपने नर्सिंग होम में ही आइसोलेट हो गये. लेकिन उस स्थिति में भी उन्होंने हार नहीं मानी. मानसिक रूप से सबल होकर वायरस का मुकाबला किया. बताया कि उनको विश्वास था कि टीका लेने के कारण उनको कुछ नहीं होगा. उनके शरीर की का रोग प्रतिरोधक क्षमता अवश्य ही वायरस को मात देने में सफल होगी. आखिरकार उनके विश्वास की जीत हुई.
11 दिन में उन्होंने कोरोना को परास्त करने में सफलता पायी-
बताया कि महज 11 दिन में उन्होंने वह कोरोना को परास्त करने में सफलता पायी. कहा कि बीते सात मई को वह बीबिमार हो गये थे. 14 मई को कोरोना जांच में पॉजिटिव आये. चार दिनों के बाद 18 मई को पुन: जांच की किया तो उनकी का रिपोर्ट निगेटिव आयी. इस प्रकार डॉ. प्रकाश ने दावे के साथ बताया कि अगर वह टीका नहीं लेते तो शायद वह आज इस स्थिति में नहीं रहते. अब वह सामान्य स्थिति में मरीजों की चिकित्सा में जुट गये हैं. फिलहाल वह शारीरिक रूप से बिल्कुल स्वस्थ हैं.
हर हाल में कोरोना प्रोटोकॉल का करें अनुपालन:
डॉ ओम प्रकाश का कहना है कि कोरोना से बचाव के लिये प्रोटोकॉल का सख्ती से अनुपालन करना जरूरी है. अन्यथा संक्रमित हो सकते हैँ. बताया कि मई माह में उनकी पुत्री नोयडा से आयी थी. वह संक्रमित थी. इसी बीच उनके अन्य रिश्तेदार भी कोरोना पॉजिटिव थे. वह उनकी चिकित्सा में लग गये। इसी दौरान वह भी कोरोना की के चपेट में आ गये. बताया कि हालांकि उन्होंने मॉस्क पहना हुआ था.लेकिन किसी न किसी चूक चुक के कारण वह भी कोरोना पॉजिटिव हो गये। इसलिये कोरोना से बचाव के लिये लोगों को मास्क पहनना चाहिये. अत्यंत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें. अनावश्यक रूप से बाहर निकलने पर नुकसानदायक खतरनाक साबित हो सकता है. बीमार व्यक्ति को किसी भी स्थिति सुरत में बाहर नहीं निकलना चाहिये. सबसे जरूरी बात कोरोना को हराने के लिये टीकाकरण जरूर करावें.
बच्चों की सुरक्षा को ले करावें टीकाकरण:
डॉ प्रकाश ने कहा जब तक अधिकांश लोग टीका नहीं लेंगे। तब तक कोरोना वायरस के ट्रांजिशन को रोक नहीं पायेंगे। बड़ों के कोरोना की चपेट में आने पर बच्चों के भी संक्रमित होने की संभावना का खतरा है। इस स्थिति से बचने के लिये हर नागरिक को वैक्सीन लेनी चाहिये, ताकि अपने बच्चों को भी कोरोना से बचाव कर सकें। बताया कि बच्चों में प्राकृतिक रूप से वायरस से लड़ने की क्षमता अपेक्षाकृत अधिक होती है। लिहाजा कोरोना के तीसरे फेज आने की संभावना के मद्देनजर अधिकांश लोगों को टीकाकृत करना जरूरी है. कहा कि उनको विश्वास है कि अगर अधिकांश लोग टीका ले लेंगे तो अवश्य ही उनका बच्चा भी कोरोना के प्रकोप से से बच सकता है. कहा कि इसके लिये हमें हमे तैयार रहना होगा. इसे लेकर शरीर की के रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये टीका के अलावा खानपान में पौष्टिक तत्वों को शामिल करें।
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