वर्ल्ड ब्लड डोनर डे: आपके खून के हर बूंद में है जीवन का महादान
रक्तदान से नहीं होती कमजोरी, तंदुरुस्ती के लिए हैं फायदेमंद
रक्तदान करना है हार्ट अटैक व कैंसर के खतरे को कम
स्वास्थ्य विभाग रक्तदान करने के लिए लोगों को कर रहा जागरूक

मधुबनी कोरोना संक्रमण के कारण स्वैछिक रक्तदान में आयी कमी को पूरा करने की कवायद फिर से शुरू हो गयी है. जिला में रक्तदान शिविरों के आयोजन की दिशा में काम किया जा रहा है. खून की कमी से होने वाली मृत्यु दर को कम करने में लगे रक्तवीरों को स्वास्थ्य विभाग सम्मानित भी कर रही है. साथ ही थैलसिमिया, स्किल सेल एनिमिया व हिमोफीलिया सहित अन्य स्वास्थ्य प्रक्रियाओं में रक्त की आवश्यकता को पूरा करने के लिए लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक किया जा रहा है. इसी के मद्देनजर आज रक्तदान करने वालों के सम्मान में वर्ल्ड ब्लड डोनर डे मनाया जा रहा है.
हार्ट अटैक के खतरे को करता है कम:
लोगों में इस बात का भ्रम है कि रक्तदान करने से कमजोरी होती है. लेकिन ऐसा सोचना बिल्कूल ही सही नहीं है. यह किसी कमजोरी का कारण नहीं बनता बल्कि नई रक्त कोशिकाओं के बनने से यह आपको स्वस्थ्य रखता है. डोनर को हार्ट अटैक व कैंसर के खतरे अन्य की अपेक्षाकृत कम होती है रक्त पतला होने से रक्त का थक्का नहीं बनता और नसों में इसका प्रवाह अधिक सुगमता से होता है. रक्तदान करने वालों को मानसिक शांति का भी एहसास होता है.
संभावित बीमारियों की मिलती है जानकारी:
रक्तदान से पूर्व व्यक्ति कई जांच प्रक्रियाओं से गुजरता है. इनमें हीमोग्लोबिन टेस्ट, ब्लड प्रेशर व वजन सहित हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, एचआईवी, सिफलिस और मलेरिया की जांच आदि शामिल है. इससे डोनर को संभावित बीमारी की जानकारी भी मिल जाती है. व्यक्ति समय रहते अपना इलाज करा सकता है.
रक्तदान करने वालें रखें ध्यान:
• रक्तदान से तीन घंटे पहले पौष्टिक आहार लें.
• रक्तदान के बाद अच्छी तरह भोजन करें.
• मसालेदार व तली भुनी चीज नहीं खायें.
• शराब, धूम्रपान व तंबाकू सेवन से बचें.
• मेडिकल जांच के बाद ही रक्तदान करें.
• रक्तदान के बाद अच्छी नींद जरूर लें.
रक्तदान करने के लिए स्वस्थ्य रहना जरूरी:
ब्लड बैंक प्रभारी डॉ विनोद झा ने बताया एक स्वस्थ्य व्यक्ति 18 साल की उम्र के बाद रक्तदान कर सकता है. उसका वजन 50 किलोग्राम या इससे अधिक होना चाहिए. रक्तदान करने वाला कैंसर, हृदयरोग, किडनी रोग, मिर्गी, ग्रंथि रोग से प्रभावित नहीं होना चाहिए. एचआईवी, डेंगू, मलेरिया, हेपेटाइटिस बी या सी से ग्रस्ति व्यक्ति भी रक्तदान नहीं कर सकता है. साथ ही सिजनोफ्रेनिया या मधुमेह वाले लोग भी रक्तदान नहीं कर सकते. महिलाएं भी रक्तदान कर सकती हैं. लेकिन बच्चों को स्तनपान करानेवाली महिलाएं व मासिक चक्र से गुजर रहीं महिलाएं रक्तदान नहीं करें.
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