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27 जून से अंतर्रार्ष्ट्रीय पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान की होगी शुरुआत – हर खबर सबसे पहले आप तक

27 जून से अंतर्रार्ष्ट्रीय पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान की होगी शुरुआत

– एएनएम, आशा व आंगनवाड़ी सेविकाओं द्वारा पिलाई जाएगी दवा
– 6.88 लाख से अधिक बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने का है लक्ष्य

– 5 वर्ष तक के बच्चों को जरूर दें “दो बूंद जिंदगी की”

मधुबनी :  बच्चों में विकलांगता होने के प्रमुख लक्षणों में से एक पोलियो को जड़ से खत्म करने के लिए जिले में अंतर्राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत 27 जून से होगी। पोलियो एक गंभीर बीमारी है, जो किसी व्यक्ति के शरीर को लकवाग्रस्त कर देता है. चूंकि छोटे बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है। इसलिए उसे इस बीमारी से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा होता है। इसे होने से पहले ही खत्म कर देने के लिए 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एस.के. विश्वकर्मा ने जिले के सभी परिजनों से अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उन्हें पोलियो की दवा पिलाकर अभियान को सफल बनाने में जिला स्वास्थ्य विभाग की पूरी तरह सहयोग करने की अपील की।

हर बच्चा पिये दवा इसलिए टीम है पूरी तरह तैयार :

डब्ल्यूएचओ एसएमओ डॉ आदर्श वर्गीज ने बताया पल्स पोलियो अभियान के तहत 27 जून से 5 दिनों तक चलने वाले चक्र में जिले के 8,16,987 घरों को लक्षित किया गया है तथा 6,88,184 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाना सबसे लक्ष्य है। तथा अभियान के लिए 14,488 नए बच्चों को भी चिन्हित किया गया है।

अभियान की सफलता के लिए टीम का हुआ गठन:

अभियान के सफलता के लिए जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा
डोर टू डोर: 1954
ट्रांजिट टीम: 362
मोबाइल टीम: 116
सुपरवाइजर: 708
लक्षित घर: 816,987
लक्षित बच्चे: 6,88,184
का गठन किया गया है। प्रत्येक दल में एक आशा और एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं जो घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलएंगी, दवा पिलाने के बाद बच्चों के और उनके माता -पिता का नाम, गृह संख्या आदि फार्म में भर कर अपने केंद्र में जमा करवाएँगी।

खतरनाक लकवाग्रस्त बीमारी है पोलियो :

डीआईओ डॉ. एस के विश्वकर्मा ने बताया कि पोलियो एक खतरनाक लकवाग्रस्त वायरस जनित रोग है. बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण उसे पोलियो का खतरा ज्यादा है.यह बीमारी विशेष रूप से रीढ़ के हिस्सों व मस्तिष्क को ज्यादा नुकसान पहुँचता है. इससे बचाव के लिए लोगों को अपने बच्चों को पोलियो की दवा जरूर पिलानी चाहिए. पोलियो ड्रॉप के साथ बच्चों को संपूर्ण टीकाकरण भी करवाना चाहिए जो 12 जानलेवा बीमारियों से बचाए रखता है.

कार्यक्रम की शत-प्रतिशत सफलता के लिए आंगनवाड़ी सेविका करेंगी सहयोग:

आईसीडीएस डीपीओ डॉ. रश्मि वर्मा ने बताया पोलियो अभियान की सफलता के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है जो डोर टू डोर भ्रमण कर 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाएंगे। इसके लिए सभी सीडीपीओ तथा एलएस को निर्देश दिया गया है। साथ ही आंगनवाड़ी सेविका, महिला पर्यवेक्षक को संध्याकालीन बैठक में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।आईसीडीएस के तरफ से किसी भी तरह समस्या होती है तो उसका तुरंत निष्पादन करना सूचित करेंगे ताकि पोलियो अभियान में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो।

कोविड संक्रमण से बचाव का रखा जाएगा ध्यान :
यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा ने बताया कि पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के दौरान कोविड संक्रमण से बचाव का पूरा ध्यान रखा जाएगा. कर्मियों द्वारा दवा पिलाने के समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा. स्वास्थ्य कर्मियों को पूरी तरह से मास्क व ग्लव्स का उपयोग करने के लिए निर्देशित किया गया है।

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