सद्भावना यात्रियों का दल शुक्रवार को दरभंगा पहुंचेगा
दरभंगा पहुंचने पर यात्रियों का भव्य स्वागत करेगा विद्यापति सेवा संस्थान
भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना एवं पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के आशीर्वचनों के साथ आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं धार्मिक यात्रा का गुरुवार को समापन हुआ। सद्भावना यात्रा समिति दरभंगा का 20 सदस्यीय दल विगत 29 अगस्त को उत्तर से दक्षिण को जोड़ने के संकल्प के साथ दरभंगा से प्रस्थान किया था। विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने बताया कि दरभंगा पहुंचने पर यात्री दल के सदस्यों का संस्थान की ओर से दरभंगा जंक्शन पर भव्य स्वागत किया जाएगा।
भारत की आजादी के 75वीं वर्षगांठ पर मनाए जा रहे देशव्यापी अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में दक्षिण भारत की सद्भावना यात्रा पर दरभंगा से रवाना हुआ सद्भावना यात्रा समिति के 20 सदस्यों का दल तमिलनाडु के रामेश्वरम, कन्याकुमारी, मदुरई, मीनाक्षी मंदिर, कांचीपुरम तथा आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी एवं मलिकार्जुन सहित तेलंगाना के अनेक तीर्थ स्थलों की यात्रा कर उड़ीसा के भुवनेश्वर होते हुए जगन्नाथ पुरी पहुंचा।
यात्री दल के संयोजक-सह-मैथिली के वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत झा ने बताया कि यात्रियों का दल गुरुवार को पुरी से दरभंगा के लिए प्रस्थान किया। उन्होंने बताया कि इस यात्रा के दौरान यात्रियों ने मिथिला की गौरवशाली संस्कृति को दक्षिण भारत के लोगों के बीच खूब प्रचारित-प्रसारित करने के साथ ही दक्षिण भारत की सभ्यता और संस्कृति को करीब से जानने का भरसक प्रयास किया। जिसका आने वाले समय में मिथिला एवं दक्षिण भारत की संस्कृति के बीच सामंजस्य कायम करने के साथ ही इसका पर्यटन के क्षेत्र को बढ़ावा देने में लाभकारी होगा। बता दें कि सांस्कृतिक तथा धार्मिक यात्रा पर गये इस दल के सदस्यों ने तमिलनाडु, तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश के अनेक तीर्थ स्थलों पर जाकर कोरोना महामारी से मुक्ति हेतु विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा अर्चना की है। इस यात्रा दल में डॉ जयप्रकाश चौधरी जनक एवं मणिकांत झा के अतिरिक्त अशोक कुमार चौधरी, विजय चंद्र झा, देवकुमार चौधरी, रघुवीर मिश्र, अनिल अग्रवाल, दिलीप कुमार चौधरी, नीशीत कुमार, आशा देवी, नीलम झा, मीना देवी, भरोसा देवी, इंदू देवी, शैला देवी, सुधा देवी, सरोज मिश्र, वसुंधरा देवी, नीलम देवी तथा अंजू देवी शामिल हैं।