कोरोना काल मे सप्ताह में दो दिन नियमित टीकाकरण पर दिया जाएगा ज़ोर- डीआईओ
•बुधवार व शुक्रवार को सभी प्रखंडो में नियमित टीकाकरण बढ़ाने को ले दिए गए निर्देश
•कोरोना काल मे 80 प्रतिशत से कम हुआ गर्भवती महिलाओं व बच्चों का नियमित टीकाकरण- डीआईओ
•संक्रमण के मद्देनजर नियमित टीका लेने के लिए कम लोग पहुंचे अस्पताल
दरभंगा कोरोना संक्रमण के बीच नियमित टीकाकरण बढ़ाने को लेकर विभागीय पहल शुरू हो चुकी है। संक्रमण काल मे नियमित टीकाकरण में कमी को देखते हुए विभाग की ओर से दिशा निर्देश दिए गए हैं। इसके अनुसार सप्ताह में दो दिन बुधवार और शुक्रवार को कोरोना टीकाकरण के कार्यक्रम के साथ- साथ नियमित टीकाकरण करवाने पर जोड़ देने को कहा गया है, ताकि गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को विभिन्न बीमारियों से बचाव के लिए टीका दिया जा सके। डीआईओ डॉ ए.के. मिश्रा ने कहा कोरोना काल में जहां कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए कोविड टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है। वहीं कोरोना संक्रमण के बीच सदर अस्पताल सहित विभिन्न प्रखंडों में नियमित टीकाकरण की संख्या घट गई है। कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से नियमित टीकाकरण अभियान पर असर पड़ा है। कोरोना वायरस के चलते टीकाकरण प्रभावित हुआ है। माता-पिता बच्चों को अस्पताल ले जाने से डर रहे हैं। इस कारण यह स्थिति बन गई है।
कम टीकाकरण होने पर कुछ पीएचसी को दिया निर्देश:
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ ए. के. मिश्रा ने बताया संक्रमण काल में भी बहुत कुछ पीएचसी नियमित टीकाकरण का प्रतिशत 90% रहा है। लेकिन कई पीएससी नियमित टीकाकरण के मामले में पीछे रह गए। इसके अंतर्गत कुशेश्वरस्थान, बेनीपुर, केवटी, दरभंगा सदर आदि प्रखंडों में टीकाकरण का आंकड़ा 80% से कम रहा है। इन प्रखंडों में टीकाकरण का आंकड़ा बढ़ाने को लेकर निर्देश दिए गए हैं, ताकि विभागीय दिशा निर्देश के अनुसार इसको 90% किया जा सके। डीआईओ ने कहा कोरोना काल में जिला का नियमित टीकाकरण का आंकड़ा करीब 80% रहा है इसको 90% करने के लिए विशेष पहल फिर से शुरू की जा रही है।
नियमित टीकाकरण बंद नहीं हुआ:
डीआईओ डॉ एके मिश्रा ने बताया कि नियमित टीकाकरण बंद नहीं किया गया है। लेकिन कोरोना की वजह से लोग कम आ रहे हैं। नवजात व गर्भवती का टीकाकरण कार्य जारी है। प्रखण्ड के विभिन्न पंचायत क्षेत्र स्थित सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर रोस्टर के अनुसार एएनएम द्वारा सभी टीका लगाए जाने का प्रावधान है। क्षेत्र स्थित सेविकाओं से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना काल मे भी केन्द्र पर टीका दिया जा रहा है। डीआईओ ने आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गर्भवती व नवजात छोटे बच्चों को टीका दिए जाने की बात कही।
जन्म के पहले साल में लगने वाले टीके बहुत अहम:
डीआईओ ने बताया बच्चे के जन्म के पहले साल में लगने वाले टीके बहुत अहम होते हैं। जन्म के समय लगने वाले बीसीजी, पोलियो और हैपेटाइटस बी के टीके प्रसव के बाद अस्पताल में ही दे दिये जाते हैं। इसके बाद बच्चों को समय-समय पर टीके लगवाने के लिए सरकारी अस्पताल में डॉक्टर के पास जाना होता है। जन्म पर बच्चों को बीसीजी, ओरल पोलियो वैक्सीन और हेपटाइटिस बी, छह हफ़्ते पर झ्र डीपीटी-1, इनएक्टिवेटिड पोलियो वैक्सीन, रोटावायरस, न्यूमोकॉकल कॉन्जुगेट वैक्सीन, 10 हफ़्तों पर डीपीटी-2, रोटावायरस-2, 14 हफ़्तों पर – डीपीटी-3, रोटावायरस-3, 9-12 महीनों पर खसरा और रूबेला-1, 16-24 महीनों पर खसरा-2, डीपीटी बूस्टर-1 और 5-6 साल पर डीपीटी बूस्टर-2 का डोज दिया जाता है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर और गर्भ में पल रहे बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य को लेकर कई तरह का टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जाता है। लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से बच्चों और गर्भवती महिलाओं का नियमित टीकाकरण कम हो रहा है।