5 दिवसीय अंतर्रार्ष्ट्रीय पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान की हुई शुरुआत
– प्रभारी सिविल सर्जन ने बच्चों को ड्रॉप पिलाकर किया अभियान का शुभारंभ
– एएनएम, आशा व आंगनवाड़ी सेविकाओं द्वारा पिलाई जाएगी दवा
– 6.76 लाख से अधिक बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने का है लक्ष्य
– 5 वर्ष तक के बच्चों को जरूर दें “दो बूंद जिंदगी की”
मधुबनी बच्चों में विकलांगता होने के प्रमुख लक्षणों में से एक पोलियो को जड़ से खत्म करने के लिए जिले में अंतर्राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत एसीएमओ सह प्रभारी सिविल सर्जन डॉ आर.के सिंह ने सदर अस्पताल में शिशुओं को पोलियो ड्रॉप पिलाकर की. इस दौरान सर्जन ने बताया कि पोलियो एक गंभीर बीमारी है, जो किसी व्यक्ति के शरीर को लकवाग्रस्त कर देता है. चूंकि छोटे बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है इसलिए उसे इस बीमारी से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा होता है. इसे होने से पहले ही खत्म कर देने के लिए 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जा रही है. उन्होंने जिले के सभी परिजनों से अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उन्हें पोलियो की दवा पिलाकर अभियान को सफल बनाने में जिला स्वास्थ्य विभाग की पूरी तरह सहयोग करने की अपील की।
हर बच्चा पिये दवा इसलिए टीम है पूरी तरह तैयार :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एस के विश्वकर्मा ने बताया पल्स पोलियो अभियान के तहत 26 सितंबर से 30 सितंबर तक 5 दिनों तक चलने वाले चक्र में जिले के 8,17,715 घरों को लक्षित किया गया है तथा 6,76,759 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाना सबसे लक्ष्य है।
अभियान की सफलता के लिए टीम का हुआ गठन:
अभियान के सफलता के लिए जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा
डोर टू डोर: 1954
ट्रांजिट टीम: 362
मोबाइल टीम: 116
सुपरवाइजर: 706
लक्षित घर: 8,17,715
लक्षित बच्चे: 6,76,759
का गठन किया गया है। प्रत्येक दल में एक आशा और एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं जो घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलएंगी, दवा पिलाने के बाद बच्चों के और उनके माता -पिता का नाम, गृह संख्या आदि फार्म में भर कर अपने केंद्र में जमा करवाएँगी।
खतरनाक लकवाग्रस्त बीमारी है पोलियो :
डीआईओ डॉ. विश्वकर्मा ने बताया कि पोलियो एक खतरनाक लकवाग्रस्त वायरस जनित रोग है. बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण उसे पोलियो का खतरा ज्यादा है.यह बीमारी विशेष रूप से रीढ़ के हिस्सों व मस्तिष्क को ज्यादा नुकसान पहुँचता है. इससे बचाव के लिए लोगों को अपने बच्चों को पोलियो की दवा जरूर पिलानी चाहिए. पोलियो ड्रॉप के साथ बच्चों को संपूर्ण टीकाकरण भी करवाना चाहिए जो 12 जानलेवा बीमारियों से बचाए रखता है.
कोविड संक्रमण से बचाव का रखा जाएगा ध्यान :
यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा ने बताया कि पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के दौरान कोविड संक्रमण से बचाव का पूरा ध्यान रखा जाएगा. कर्मियों द्वारा दवा पिलाने के समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा. स्वास्थ्य कर्मियों को पूरी तरह से मास्क व ग्लव्स का उपयोग करने के लिए निर्देशित किया गया है.
अभियान के उद्घाटन में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ.एस.के विश्वकर्मा, डब्ल्यूएचओ एसएमओ डॉ.आदर्श वर्गीज यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा, अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद, चंचल कुमार आदि उपस्थित रहे.