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संघर्ष व चुनौतियों से भरा रहा 10 करोड़ लोगों के टीकाकरण का सफर

संघर्ष व चुनौतियों से भरा रहा 10 करोड़ लोगों के टीकाकरण का सफर

•जिले में अब तक 39 लाख से अधिक लोगों का हुआ टीकाकरण
•691 सत्र स्थल पर चला मेगा अभियान
•जिले के 72% लोगों ने लिया पहला टीका व 86%लोगों ने लिया दूसरा डोज
•ओमिक्रोन से बचने के लिए टीकाकरण आवश्यक

मधुबनी कोरोना ओमिक्रोन स्ट्रेन से बचाव के लिए एकमात्र उपाय कोविड टीकाकरण ही है। टीके की प्रथम डोज के बाद दूसरा डोज़ लिए बिना पूर्ण सुरक्षा संभव नहीं है। कोविड की दूसरी डोज़ के बाद ही शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण होता है। तब शरीर कोरोना से लड़ने के लिए तैयार होता है । कोरोना का टीका जिले के सभी व्यक्तियों तक पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया राज्य करीब 10 लाख करोड़ लोगों के टीकाकरण के लक्ष्य के नजदीक पहुंच चुका है । आंकड़ों के अनुसार राज्य में 9 करोड़ 61 लाख 99 हजार, 342 लोगों का टीकाकरण किया गया है। जिसमें 5 करोड़ 71 लाख 63 हजार 728 लोगों को प्रथम डोज एवं 3 करोड़ 90 लाख 35 हजार 614 लोगों को दूसरा डोज लगाया जा चुका है। जिसमें जिले की अहम भूमिका रही। जिले में अब तक 39 लाख 5 हजार 27 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है । जिसमें 23 लाख 11हजार 779 लोगों को प्रथम डोज एवं 15 लाख 93 हजार 248 लोगों को दूसरा डोज लगाया जा चुका है। टीकाकरण अभियान की सफलता के लिए जिले में शुक्रवार को एक बार 691 केंद्रों पर मेगा अभियान चलाया गया। विभाग द्वारा 31 दिसंबर से पूर्व सभी लोगों को प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है.

चुनौतियों से भरा रहा सफर:
सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया यह सफर कई चुनौतियों तथा संघर्ष का परिणाम है। उन्होंने बताया टीकाकरण अभियान की सफलता के लिए धार्मिकगुरुओं के साथ बैठक, मस्जिदों से प्रचार प्रसार व हर घर दस्तक अभियान के तहत लोगों के घर घर पहुंच एवं दुर्गम इलाकों में भी स्वास्थ्य कर्मी पहुंचे और लोगों का टीकाकरण किया। वहीं जिले के सभी प्रखंड में संचालित रिफ्यूज रिस्पांस टीम ने लोगों के भ्रम को दूर करते हुए टीकाकरण किया। 27 व 30 दिसम्बर को मेगा अभियान चलाकर अब तक टीकाकरण के दूसरे डोज से वंचित 14% लोगों को टीकाकृत किया जाएगा। उन्होंने बताया जिले में 72% लोगों के प्रथम डोज का टीकाकरण किया गया है वहीं प्रथम डोज लेने वाले 86% लोगों को टीके की दूसरी डोज दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इसके लिये टीकाकरण की मुहिम में जुटे तमाम विभागीय अधिकारी व कर्मी बधाई के पात्र हैं। सामूहिक प्रयास से ही बेहतर नतीजे हासिल किये जा सकते हैं।अभी संक्रमण के फैलाव का खतरा बरकरार है। खासकर नए स्ट्रेन ओमिक्रोम को देखते हुए विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है। जिन्होंने किसी कारण अब तक कोरोना का टीका नहीं लिया है प्राथमिकता के आधार पर टीका लगायें। इस वैश्विक महामारी से आम जनमानस को निजात दिलाने का यही एक उपाय है। संबंधित विभागीय अधिकारियों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि जिले के आखिरी व्यक्ति के टीकाकृत होने तक हमें अपना प्रयास जारी रखना होगा। ताकि इस महामारी को करारी शिकस्त दी जा सके। सिविल सर्जन ने बताया जिले में 31 दिसंबर से पहले सभी लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है।
नए स्ट्रेन से बचने के लिए टीकाकरण आवश्यक :
सिविल सर्जन ने बताया कि देश में नए स्ट्रेन ओमिक्रोन ने दस्तक दे दी है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर कई परिवारों ने खुद व दूसरों की सुरक्षा के लिए कोरोना की संपूर्ण डोज ले ली है। टीका का सुरक्षा कवच होने के बावजूद लोगों को मास्क पहनने की आदत हो गई है। जिले में टीकाकरण के साथ साथ कोविड टेस्टिंग के प्रति भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ज़िले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जिले से बाहर रहने वाले अपने घर परिवार के पास वापस आते हैं, उस दौरान जिले के सभी बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर कोविड-19 जांच अतिआवश्यक है। साथ ही जिन्होंने टीका नहीं लिया है, उन्हें वैक्सीनेशन की सुविधा प्रदान की जाए। इस दौरान किसी व्यक्ति के संक्रमित होने की पुष्टि होने पर विभागीय प्रोटोकॉल का अनुपालन किया जाए। टीकाकरण के बाद भी कोविड प्रोटोकाल का पालन करना बहुत आवश्यक है। वह भी तब तक जब तक यह संक्रमण पूरी तरह खत्म ना हो जाए। इसलिए आवश्यक होने पर ही घर से बाहर मास्क लगाकर निकलें। घर से बाहर निकलने के दौरान संयम बरतें व भीड़-भाड़ से बचें।

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