संवाददाता सम्मेलन का हैंडआउट
दलित-गरीबों को उजाड़ने पर रोक लगे,जो जहां बसे हैं उन्हें बासगीत पर्चा मिले!विस्थापन से पूर्व वैकल्पिक वास आवास की व्यवस्था हो-नया वास-आवास कानून बनाने को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन तेज होगा-खेग्रामस
मनरेगा में काम दो आंदोलन तेज होगा,दैनिक मज़दूरी 600 रुपये करने और कार्यस्थल पर भुगतान की मांग तेज़ होगी-मनरेगा मज़दूर सभा
गांव-गरीबों के मुद्दों को लेकर विधानसभा में सरकार को घेरेंगे-माले विधायकगण
खाद की उपलब्धता और धान खरीद की गारंटी करे सरकार

दरभंगा बिहार में भाजपा-जदयू की नीतीश सरकार मज़दूर-किसानों और छात्र-नौजवानों के सवालों से भाग रही है। बिहार के किसानों की बढ़ती बदहाली के प्रति सरकार संवेदनहीन बनी हुई है! खाद उपलब्धता और धान खरीद की गारंटी नही कर रही है।संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मज़दूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव धीरेंद्र झा ने कहा कि बिहार सबसे गरीब राज्यों की सूची में इसलिये आया है क्योंकि यहां मनरेगा को लूट के हवाले कर दिया गया है और खेतिहर आबादी-मज़दूरों के लिये कल्यणकारी योजनाओं में लूट मची है।मनरेगा मज़दूरी सबसे कम है और मज़दूरों की जगह फ़र्ज़ी मज़दूरों के नाम पर लूट मची है।
विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में गांव-गरीबों के आक्रोश का सामना करना होगा।
इस मौके पर बोलते हुए विधायक दल के उपनेता सत्यदेव राम ने कहा कि दलित-गरीबों पर बढ़ते हमले के प्रति सरकार उदासीन बनी हुई है।रामसेवक राम की बर्बर हत्या हुई है लेकिन हत्यारों पर केस नही लिया जा रहा है और न ही पीड़ित परिवार को मुआबजा दिया जा रहा है।गरीबों को उजाड़ने के सरकारी अभियान के खिलाफ प्रतिरोध खड़ा किया जाएगा।
खेग्रामस के राज्य अध्यक्ष सह विधायक बीरेंद्र गुप्ता एवं राज्य सचिव सह विधायक गोपाल रविदास ने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में घर,घरारी और जमीन के लिये बड़ा आंदोलन होगा। नेताओं ने कहा कि सरकार को वास आवास का व्यापक सर्वे कर नया वास आवास कानून बनाना होगा।
संवाददाता सम्मेलन में शत्रुघ्न सहनी, पंकज सिंह, उपेंद्र पासवान, दिलीप सिंह भी उपस्थित थे।
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