आपदा से निपटने की विभागीय कवायद तेज, 3.88 करोड़ की लागत से 50 बेड का बनेगा
प्रीफैब्रिकेटेड अस्पताल.
– जिले का पहला आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा अस्पताल
– रहिका प्रखंड में जगह चिन्हित कर बनाया जाएगा अस्पताल
– जिले के सभी सीएससी में लगेगा गैस पाइपलाइन बेड तक पहुंचेगा मरीजों को ऑक्सीजन की सुविधा
मधुबनी कोविड की तीसरी लहर ओमीक्रोन के मद्देनजर रहिका प्रखंड में लगभग 50 बेड का 3.88 करोड़ की लागत से सभी सुविधाओं से लैस फैब्रिकेटेड कोविड हॉस्पिटल बनाया जाएगा।जिसके लिए बीएमएसआईसीएल से अल्पकालीन निविदा निकाल दी गई है। जिसके बाद अस्पताल निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।अस्पताल के आधारभूत संरचना में कंटेनर इंस्टॉल कर आधुनिक सुविधाओं से लैस वातानुकूलित और ऑक्सीजन सहित सुविधाओं से तैयार किया जाएगा। इस प्रीफैब्रिकेटेड अस्पताल में कोविड मरीजों के अलावा अन्य मरीजों की भर्ती करके उनका इलाज किया जाएगा। जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. दया शंकर निधि ने बताया फैब्रिकेटेड आधुनिक हॉस्पिटल को आधुनिक तरीके से वातानुकूलित बनाया जाएगा तथा हर बेड पर ऑक्सीजन की सप्लाई उपलब्ध करवाई जाएगी इसके अलावा वॉशरूम और अन्य तमाम सुविधाएं और सफाई व्यवस्था का उचित प्रबंध किया जाएगा। यहां हर तरह की सुविधा उपलब्ध है एसी और पंखे तक लगाए जाएंगे वही मरीज का बेहतरीन इलाज किया जाएगा और साथ में सुबह शाम का खाना भी उपलब्ध करवाया जाएगा। अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। पोर्टेबल एक्सरे मशीन की सुविधा उपलब्ध होगी। कोरोना के तीसरी लहर ओमीक्रोम व आपदा में अतिरिक्त बेडो की आवश्यकता महसूस होती थी परंतु बेड उपलब्ध नहीं होने के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाता था इस परिस्थिति में आवश्यकता पड़ने पर इस अस्पताल का उपयोग किया जाएगा। जो आधुनिक सुख सुविधाओं से सुसज्जित होगा।
2 से 3 महीने में तैयार होंगे अस्पताल:
जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. दया शंकर निधि ने बताया रहिका प्रखंड में बनने वाले यह अस्पताल 2 से 3 महीने में यह अस्पताल बनकर तैयार हो जाएंगे। जिससे जिले के मरीजों को ऑक्सीजन बेड व आईसीयू बेड की कमी नहीं होगी।उन्होंने बताया जिले का यह पहला प्रीफैब्रिकेटेड होगा।
जिले के सभी सीएससी में लगेगा गैस पाइपलाइन बेड तक पहुंचेगा मरीजों को ऑक्सीजन की सुविधा:
डीपीएम ने बताया जिले के सभी सीएससी में गैस पाइपलाइन बेड तक ऑक्सीजन पहुंचाया जाएगा कोरोना के तीसरी लहर ओमोक्रॉन को देखते हुए मरीजों को बेड पर ही ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। डी- टाइप जंबो सिलेंडर से सभी बेड पर आपूर्ति की जाएगी।जिससे सिलेंडर उठाकर ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी।