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कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लोगों को करें जागरूक: डीएम

कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लोगों को करें जागरूक: डीएम

-सभी प्रखण्डों के कोविड केयर सेन्टर को दुरुस्त कर लिया जाए

-कोरोना से बचाव को लेकर डीएम ने बैठक में दिया निर्देश

दरभंगा समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेदकर सभागार में जिलाधिकारी राजीव रौशन की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन, जिला स्तरीय पदाधिकारी, सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के साथ कोरोना से बचाव को लेकर ऑनलाइन समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश देते हुए कहा कि सभी प्रखण्डों में कोरोना से बचाव के उपाय का लगातार माइकिंग कराकर प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागरूक किया जाए। इसके लिए प्रखंड स्तर पर उपलब्ध सभी संसाधनों का प्रयोग किया जाए यथा शिक्षक, विकास मित्र, जीविका दीदी, आशा, सेविका, सहायिका व किसान सलाहकार इत्यादि। बिना मास्क के दुकान एवं प्रतिष्ठान में किसी को पाये जाने पर पहले उसे समझाया जाए, नहीं मानने पर जुर्माना किया जाए। ग्राहक मास्क में हो, यह सुनिश्चित किया जाए। पंचायती राज के नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर गाँव-गाँव में जागरूकता फैलायी जाए। इसके लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी को नवनिर्वाचित पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ वर्चुअल मीटिंग कर लेने के निर्देश दिए गए। साथ ही अगर उनके क्षेत्र में कोई संक्रमित हुआ है, तो वे उसकी जाँच करावें। उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को नियमित रूप से टेस्टिंग करने का निर्देश दिया और शहरी क्षेत्र में टेस्टिंग की संख्या दोगुनी/तीगुनी करने का निर्देश दिया। डीएम ने कहा कि यदि किसी का रैपिड एन्टीजन टेस्ट पॉजिटिव आता है, तो पुनः आरटीपीसीआर. कराने की जरूरत नहीं है। यदि रिपोर्ट निगेटिव आता है और कोरोना के लक्षण विद्यमान हैं, तो आरटीपीसीआर जाँच करायी जा सकती है।

पॉजिटिव मरीजों का पूछें हाल चाल-
डीएम ने चिकित्सकों को प्रतिदिन पॉजिटिव मरीज से दूरभाष के माध्यम से 07 दिनों तक उनका हाल-चाल लेते रहने का निर्देश दिया तथा वैकल्पिक दिवस में चिकित्सक उनके घर जाकर देखेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा देखा जा रहा है कि अभी भी अधिकतर लोग मास्क का प्रयोग नहीं कर रहे हैं, जबकि इस महामारी से बचने का सर्वोत्तम उपाय एन-95 मास्क का प्रयोग या सर्जिकल मास्क के साथ कपड़े का मास्क का प्रयोग अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि दुकानदार भी कुछ मास्क रखें, ताकि कोई ग्राहक बिना मास्क के पहुँचे तो उन्हें मास्क उपलब्ध करावें। जिला स्तर पर पूर्वाह्न 09 00 बजे से रात्रि 09ः00 बजे तक कोरोना जाँच की व्यवस्था की गयी है। कोरोना जाँच में गतिमान आयु वर्ग (21 वर्ष से 50 वर्ष) पर विशेष ध्यान दिया जाए। जिनमें संक्रमण के लक्षण मिले, उनकी जाँच करवा ली जाए। उन्होंने कहा कि सभी प्रखण्डों के कोविड केयर सेन्टर को दुरुस्त कर लिया जाए। जिले में 926 बी. टाइप का भरा हुआ ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध हैं। यदि किसी प्रखंड में कमी है, तो माँग कर लें। साथ ही ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर को दुरुस्त करवा लिया जाए। टीकाकरण की कार्य-योजना बनाकर उपलब्ध कराये जा रहे टीके का तुरंत उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों को भी कोविड केयर सेन्टर के रूप में चिह्नित किया गया है। अनुमण्डल स्तर पर टीम बना ली जाए, जो यह जाँच करेगी कि निजी अस्पतालों में इलाज सरकार द्वारा निर्धारित मानक एवं दर पर किया जा रहा है कि नहीं। उन्होंने कहा कि सभी अपनी-अपनी व्यवस्था का ड्राई-रन कर देख लें तथा प्रतिवेदन उपलब्ध करायें। पॉजिटिव मरीजों को ससमय एम्बुलेन्स मिले, इसकी व्यवस्था प्रखण्ड स्तर पर रखी जाए। यदि कहीं एम्बुलेंस की कमी है, तो भाड़े पर रख ली जाए। उन्होंने कहा कि जितना ज्यादा टेस्टिंग होगी, उतना ज्यादा बचाव होगा। सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार सिन्हा ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को मॉडरेट केस कोविड केयर सेन्टर में तथा सीरियस केस डी.एम.सी.एच. रेफर करने को कहा।

सदर प्रखंड को प्रतिदिन 1500 एवं बहादुरपुर, बहेड़ी, बेनीपुर को 1000 टेस्टिंग कराने का दिया निर्देश –
डीएम ने कहा कि सभी पदाधिकारी एवं चिकित्सक एक टीम के रूप में काम करेंगे। लोगों को कोरोना महामारी के प्रति जागरूक करेंगे। कोरोना पॉजिटिव का ससमय इलाज करेंगे तथा नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेंगे। जागरूकता के लिए अपने सभी संसाधन यथा – आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका, जीविका दीदी, शिक्षक, विकास मित्र, किसान सलाहकार का प्रयोग करेंगे और मिल-जुल कर इस महामारी का सामना करेंगे।
उन्होंने कहा कि ऐसा देखा गया है कि प्रखण्ड स्तर पर पर्याप्त जानकारी के अभाव में ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर व ऑक्सीजन सिलिंडर का प्रयोग करने में परेशानी होती है। इसलिए जिला स्तर से 10 जनवरी को सभी प्रखण्ड के 01-01 कर्मी को ऑक्सीजन सिलिंडर व ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर का प्रयोग करने हेतु प्रशिक्षण दिया जाए। प्रखण्ड स्तर पर प्रशिक्षित व्यक्ति उसी दिन अपने प्रखण्ड के शेष कर्मियों को प्रशिक्षित करेंगे। यदि कहीं भी कोई कमी हो, तो अविलम्ब उसकी माँग कर ली जाए। बैठक में अनुमण्डल पदाधिकारी सदर स्पर्श गुप्ता, सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार सिन्हा, अपर समाहर्त्ता (आपदा प्रबंधन) अनिल कुमार सिन्हा, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अजय कुमार, उप निदेशक, जन सम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता, जिला आपदा प्रभारी सत्यक सहाय, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी डॉ. रश्मि वर्मा, डी.पी.एम. हेल्थ विशाल कुमार एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।

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