मोबाइल एप के माध्यम से कोरोना मरीजों का हाल जान सकेंगे परिजन
-डीसीएचसी एवं डीएमसीएच के कोविड मरीजों के लिए लंच हुआ एप
‘एसएमएस के माध्यम से मिलती रहेगी मरीज की हालत की अद्यतन जानकारी

दरभंगा एनआईसी दरभंगा में जिलाधिकारी राजीव रौशन ने डेडीकेटेड कोविड सेंटर, परीक्षा भवन जिला स्कूल एवं डीएमसीएच में भर्ती होने वाले कोरोना पॉजिटिव मरीजों के प्रबंधन के लिये कोविड-19 एप का शुभारंभ किया । इस एप में भर्ती होने वाले मरीजों का रजिस्ट्रेशन नंबर, उनके नाम- पता, भर्ती की तारीख, बेड नंबर, उम्र, जिले का नाम, मोबाइल नंबर एवं एक अटेंडेंट का मोबाइल नंबर डाला जाएगा। जैसे ही सबमिट किया जाएगा दाहिने ओर बने हरे रंग के बेड संख्या वाले एक खाना स्वत: लाल रंग का हो जाएगा। इस एप में मरीज के पल्स रेट, तापमान, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर,एसपीओटू, ऑक्सीजन दर, श्वसन दर की स्थिति सुबह शाम अद्यतन की जाती रहेगी। यदि मरीज का बेड कभी शिफ्ट किया जाता है तो हरे रंग के खाने में आवंटित नया बेड दिखने लगेगा और एप में प्रविष्टि होते ही दोनों मोबाइल नंबर पर एस एम एस के माध्यम से मरीज एवं मरीज के अटेंडेंट को अद्यतन जानकारी मिलती रहेगी। इससे अटेंडेंट को डीएमसीएच या डीसीएचसी में रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दाएं तरफ के हरा खाना प्रत्येक वार्ड में उपलब्ध बेड की संख्या के अनुसार नंबर सहित अंकित है। यह एप आज से क्रियान्वित हो गया है। इस अवसर पर एनआईसी में सहायक समाहर्ता अभिषेक पलासिया, जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी राजीव कुमार झा, डीएमसी के प्राचार्य डॉ केएन मिश्रा, डीएमसीएच अधीक्षक डॉ हरिशंकर मिश्रा, सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार सिन्हा, उप निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, जिला योजना पदाधिकारी नवीन कुमार, डीपीएम हेल्थ विशाल कुमार, जिला आईटी प्रबंधक संजय कुमार सहनी एवं संबंधित पदाधिकारी गण उपस्थित थे।
अस्पताल आने- जाने से मिलेगी मुक्ति-
सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार सिन्हा ने कहा कि इस एप के शुरुआत होने से कोरोना मरीजों की स्थिति की जानकारी मोबाइल के माध्यम से परिजनों तक आसानी से मिल जायेगी। इसके लिये परिजनों को अस्पताल का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर यह एप कारगर साबित होगी। कहा कि संक्रमित मरीज के परिजनों को उनका हाल जानने के लिये परेशानी झेलनी पड़ती है। खासकर दूर- दराज के लोगों के लिये यह वरदान साबित होगी। बगैर अस्पताल जाये घर बैठे अपने मरीजों के स्थिति से अवगत हो पायेंगे।
संक्रमण के मद्देनजर लिया गया निर्णय-
डीएमसी प्राचार्य डॉ केएन मिश्रा ने बताया कि कोरोना की पिछली लहर में आइसोलेशन वार्ड में इलाजरत मरीजों के कारण परिसर में भीड़ जुट जाती थी। कई बार परिजनों को वार्ड नहीं जाने की सलाह दी जाती थी। बावजूद लोग नहीं मानते थे। मना करने पर मरीजों की स्थिति जानने के लिये वार्ड जाने की जिद करते थे, लेकिन अब परिजनों को यह सुविधा मिल जाने से किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। वहीं अस्पताल में संक्रमण के मद्देनजर भीड़- भाड़ पर नियंत्रण किया जा सकेगा।
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