जननायक की जयंती पर विद्यापति सेवा संस्थान ने अर्पित किया श्रद्धा सुमन
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने सोमवार को कर्पूरी चौक पर स्थित जननायक की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया. उनके साथ चेतना समिति के अध्यक्ष विवेकानंद झा, दुर्गा नंद झा, प्रवीण कुमार झा, प्रो चंद्रशेखर झा बूढ़ाभाई, गिरधारी झा आदि ने भी उनकी मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की. मौके पर डा बैजू ने कहा कि सादगी के पर्याय कर्पूरी ठाकुर लोकराज की स्थापना के हिमायती थे. उन्होंने अपना सारा जीवन इसमें लगा दिया. आज उन्हें भले जातिविशेष की राजनीति के दायरे में सीमित कर दिया जाता है, लेकिन उनके दायरे में वह पूरा समाज आता था, जिसकी तीमारदारी को उन्होंने अपना मिशन बना लिया था.
विवेकानंद झा ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर क नाम उन महान समाजवादी नेताओं की पंक्ति में आता है, जिन्होंने निजी और सार्वजनिक जीवन, दोनों में आचरण के ऊंचे मानदंड स्थापित किए. प्रवीण कुमार झा ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर देशी माटी में जन्में देशी मिजाज के राजनेता थे, जिन्हें न पद का लोभ था, न उसकी लालसा और जब कुर्सी मिली भी तो उन्होंने कभी उसका न तो धौंस दिखाया और न ही तामझाम. मुख्यमंत्री रहते हुए सार्वजनिक जीवन में ऐसे कई उदाहरण हैं जब उन्होंने सादगी की अनूठी मिसाल पेश की. भारतीय राजनीति में ऐसे विलक्षण राजनेता कम ही मिलते हैं. इसीलिए कर्पूरी ठाकुर को सिर्फ नायक नहीं, जननायक कहा गया.
दुर्गानंद झा ने कहा कि राजनीति में ग़रीब गुरबों की आवाज़ को बुलंद रखने की कोशिशों में जुटे कर्पूरी की साहित्य, कला एवं संस्कृति में काफी दिलचस्पी थी. प्रो चन्द्रशेखर झा बूढ़ाभाई ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर की राजनीति की जड़ें जनता-जनार्दन के बीच काफी गहरी थीं. गिरधारी झा ने कहा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए उनके द्वारा किए गये उपाय काफी कारगर साबित हुए. क्योंकि वे जानते थे कि समाज को शिक्षित किए बिना उनकी कोशिश रंग नहीं ला सकेगी. कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर डॉ महेंद्र नारायण राम, डा श्रीपति त्रिपाठी, हीरा कुमार झा, हरिश्चंद्र हरित, डॉ गणेश कांत झा, विनोद कुमार झा, प्रो विजयकांत झा, डॉ उदय कांत मिश्र, डॉ महानंद ठाकुर, आशीष चौधरी, पुरूषोत्तम वत्स आदि ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए.