सात फरवरी से मिशन इंद्रधनुष अभियान, की जा रही तैयारी
-बच्चों व गर्भवती महिलाओं को बीमारियों से बचाव के लिये किया जायेगा टीकाकरण
– छूटे हुये इलाकों पर दिया जायेगा विशेष ध्यान- सिविल सर्जन

दरभंगा आगामी सात फरवरी से जिला में मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम के तहत नियमित टीकाकरण अभियान की शुरुआत की जायेगी। इसके तहत दो वर्ष के बच्चों व गर्भवती महिलाओ को कई गंभीर बीमारियों से बचाव के लिये टीकाकृत किया जायेगा। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयारी की जा रही है। इसके माध्यम से कोरोना संक्रमण के बीच नियमित टीकाकरण को गति प्रदान करने को लेकर विभाग की ओर से पहल की गयी है। इस क्रम में आगामी सात फरवरी (प्रथम चक्र) से सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान शुरू किया जाएगा। अभियान के तहत जिला के सभी प्रखंडों में चयनित सत्र स्थलों पर गर्भवती महिलाओं एवं दो वर्ष तक के बच्चों का विभिन्न जानलेवा बीमारियों से बचाव को ले टीकाकरण किया जायेगा। 90 प्रतिशत आच्छादन की प्राप्ति को लेकर इस अभियान में शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी, मिजल्स, विटामिन ए, डीपीटी बूस्टर डोज, मिजल्स बूस्टर डोज और बूस्टर ओपीवी के टीके लगाए जाएंगे। इसके अलावा अभियान में गर्भवती को टेटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका भी लगाया जाएगा। सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार सिन्हा ने कहा कि कोई भी शिशु छूटे नहीं इसकी योजना बनाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया पंचायत स्तर पर टीकाकरण समिति बनाने तथा पूर्व की रणनीति पर कार्य किया जाएगा। उन स्थलों की प्राथमिकता दी जाएगी जिन गांव तथा टोला में नियमित टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं हुआ हो। कम आच्छादन वाले नियमित टीकाकरण सत्र तथा ऐसा टीकाकरण सत्र जहां विगत 6 माह में 2 या 2 बार से अधिक टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं किया गया हो। साथ ही ऐसा टीकाकरण सत्र जहां विगत एक वर्ष के अंदर काली खांसी, गलघोटू, खसरे का केस या आउटब्रेक पाया गया हो। इसके अतिरिक्त ईट भट्ठा, दियारा क्षेत्र ,मलिन बस्ती इत्यादि जहां पर स्वतंत्र रूप से टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं होता हो उन्हें प्राथमिकता सूची में अवश्य कवर करना सुनिश्चित किया जायेगा।
डयू लिस्ट बनाने का निर्देश-
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एके मिश्रा ने बताया अभियान की सफलता के लिए सहयोगी संस्था, आईसीडीएस, जीविका,टोला सेवक, पंचायतीराज के सदस्य का सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिया कि अभियान के प्रारंभ होने के पूर्व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र/ शहरी प्लानिंग यूनिट पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की अध्यक्षता में सभी चिकित्सा अधिकारियों ,सीडीपीओ, स्वास्थ्य प्रशिक्षक, महिला पर्यवेक्षिका, एएनएम जनप्रतिनिधि, विकास मित्र एवं सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ सप्ताहिक बैठक में कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा अवश्य करना सुनिश्चित किया जाएगा। समीक्षा के उपरांत आंगनबाड़ी, आशा अन्य स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं को चिह्नित गांव के प्रत्येक घरों में सर्वे एवं डीयू लिस्ट बनाने के लिये तिथि का निर्धारण करने का निर्देश दिया गया है। सभी संबंधित कर्मियों एवं पदाधिकारियों को सूक्ष्म कार्य योजना प्लान एवं रिपोर्टिंग के संबंध में प्रशिक्षण देने को कहा गया है। आंगनबाड़ी, आशा जनप्रतिनिधि एवं विकास मित्रों को उनके क्षेत्र में होने वाले टीकाकरण संबंधित सूचना से अवगत कराया जायेगा। डीआईओ ने कहा कि सभी चिह्नित क्षेत्रों में मोबिलाइजेशन हर हाल में करना सुनिश्चित कराने को कहा गया है।
22 जनवरी तक माइक्रोप्लान उपलब्ध कराने का निर्देश:
जिला प्रतिक्षण पदाधिकारी डॉ मिश्रा ने कहा कि सभी घरों में सर्वे के पश्चात आशा फैसिलिटेटर, पर्यवेक्षक के द्वारा सर्वे का सत्यापन कराने का निर्देश दिया गया है। सभी घरों में सर्वे के पश्चात आशा एवं एएनएम द्वारा ड्यू लिस्ट में छूटे हुए लाभार्थियों का नाम अंकित कर डीयू लिस्ट को अपडेट करने को कहा गया है। सर्वे कार्य एवं अद्यतन डीयू लिस्ट का मूल्यांकन एवं सत्यापन प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक, आशा फैसिलिटेटर, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, महिला पर्यवेक्षिका, एलएचभी एवं सहयोगी संस्था के प्रतिनिधि द्वारा किया जाएगा। कार्यक्रम की सफलता के मद्देनजर सभी आवश्यक गतिविधियों की तिथि भी निर्धारित कर दी गई थी। 22 जनवरी तक माइक्रो प्लानिंग तैयार कर उपलब्ध करायी गयी, 25 जनवरी तक कम्युनिकेशन प्लान तथा 28 जनवरी तक सर्वे एवं मैपिंग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
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