रेडियोलॉजी विभाग को सुपरस्पेश्लिटी अस्पताल में किया गया शिफ्ट
मेडिसिन परिसर स्थित विभाग के जर्जर भवन का किया जाना है उन्नयन
विभागाध्यक्ष की मांग पर डीएमसी प्राचार्य ने लिया निर्णय
दरभंगा. डीएमसीएच के रेडियोलॉजी विभाग को सुपपरस्पेश्लिटी अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है. चार पुरानी अल्ट्रासाउन्ड मशीन को रविवार को ही वहां रख दिया गया था. सोमवार से काम भी शुरू कर दिया गया. आज करीब 45 मरीजों की जांच नये भवन में की गयी. विदित हो कि मेडिसिन परिसर स्थित रेडियोलॉजी विभाग जर्जर हो चुका है. इसका उन्नयन जरूरी है. इस संबंध में विभागाध्यक्ष डॉ संजय झा ने विभाग को कहीं अन्य जगह स्थानांतरित करने को लेकर प्राचार्य डॉ केएन मिश्रा को पत्र लिखा. सभी के सहमति के बाद रेडियोलॉजी विभाग को सुपरस्पेश्लिटी अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर संचालित करने पर सहमति बनी. उधर डिजिटल एक्सरे अल्ट्रासाउन्ड मशीन के इंस्टालेशन का काम चल रहा है. सीटी स्कैन के इंस्टालेशन का काम जल्द शुरू होने की बात बतायी गयी. जानकारी के अनुसार जल्द ही जांच मशीनों के स्थापित कर लिया जायेगा, ताकि आम मरीजों को इसका लाभ मिल सकेगा. मालूम हो कि सुपरस्पेश्लिटी अस्पताल शुरू होने पर ग्राउंड फ्लोर पर रेडियोलॉजी सहित अन्य कार्यालय का संचालन किया जाना है.
कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी व न्यूरोसर्जरी विभाग के ओपीडी शुरू होने में लगेगी देरी
बता दें कि सुपरस्पेश्लिटी अस्पताल के निर्माण में संवेदक की ओर से लापरवाही बरती जा रही है. काम में लेटलतीफी के कारण तीन विभागों के ओपीडी का संचालन नहीं हो पा रहा है. वहीं पेय जल के कनेक्शन का काम भी नहीं हो सका है. इधर प्राचार्य डॉ केएन मिश्रा की ओर से कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी एवं न्यूरोसर्जरी विभाग को शुरू करने की पहल की गयी है. संबंधित विभागाध्यक्षों से ओपीडी प्रारंभ करने को लेकर आवश्यक जरूरत की लिस्ट मांगी गयी है. अपने स्तर से संबंधित कमियों को दूर करने के बाद तीनों विभागों के ओपीडी को शुरू किया जा सकेगा. बता दें कि जिस स्थिति में सुपरस्पेश्लिटी अस्पताल का काम चल रहा है. इसमें एक साल का समय और लगेगा. वहीं संवेदक की ओर से बताया गया कि मार्च माह में काम को पुरा कर लिया जायेगा.
विभिन्न तलों पर होंगे यह विभाग
ग्राउंड फ्लोर पर डायरेक्टर ऑफिस, पीए रूम, डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट रूम, नर्सिंग सुपरिटेंडेंट रूम, डिप्टी नर्सिंग सुपरिटेंडेंट रूम, हॉस्पिटल ऑफिस फॉर सर्पोटिंग स्टाफ, रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट होगा. वहीं प्रथम तल पर नियोनेटोलॉजी, गैस्ट्रोएनटोलजी एण्ड हेपेटोलॉजी विभाग होंगे. दूसरे तल पर नेफ्रोलॉजी, बर्न्स, प्लास्टिक एण्ड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी, तीसरे तल पर न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलॉजी होगा. जबकि चौथा तल पर कार्डियोलॉजी, सीटीभीएस ऑउट पेशेंट डिपार्टमेंट व अंतिम पांचवें तल पर ऑपरेशन थियेटर, कैथ लैब, एनेस्थेसियोलॉजी एवं इनटेसिव केयर यूनिट कॉम्प्लेक्स होगा. इस प्रकार अस्पताल कुल आठ विभागों का होगा. इसके अंतर्गत न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, न्यूरोसर्जरी व न्यूनेटोलॉजी, सीटीभीएस, बर्न एण्ड प्लास्टिक सर्जरी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, गंभीर मरीजों का इलाज हो सकेगा. हर वार्ड में अत्याधुनिक 20 मुविंग बेड लगेंगे. इस प्रकार यह अस्पताल 210 बेड का होगा.