अजित कुमार सिंह की रिपोर्ट
5 दिवसीय पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान शुरू
जिलाधिकारी ने बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाकर किया अभियान का शुभारंभ
– एएनएम, आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा पिलाई जाएगी दवा
– 6.74 लाख से अधिक बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने का है लक्ष्य
– 5 वर्ष तक के बच्चों को जरूर दें “दो बूंद जिंदगी की”
मधुबनी बच्चों में विकलांगता होने के प्रमुख लक्षणों में से एक पोलियो को जड़ से खत्म करने के लिए जिले में अंतर्राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत जिलाधिकारी डॉ. अमित कुमार ने सदर अस्पताल में शिशुओं को पोलियो ड्रॉप पिलाकर की। इस दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि पोलियो एक गंभीर बीमारी है, जो किसी व्यक्ति के शरीर को लकवाग्रस्त कर देता है। चूंकि छोटे बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है इसलिए उसे इस बीमारी से संक्रमित होने की सम्भावना अधिक होती है। इसे होने से पहले ही खत्म कर देने के लिए 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जा रही है। उन्होंने जिले के सभी परिजनों से अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उन्हें पोलियो की दवा पिलाकर अभियान को सफल बनाने में जिला स्वास्थ्य विभाग को सहयोग करने की अपील की।
हर बच्चा पीये दवा इसलिए टीम है पूरी तरह तैयार :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एस के विश्वकर्मा ने बताया पल्स पोलियो अभियान के तहत 27 फरवरी से 5 दिनों तक चलने वाले चक्र में जिले के 8,18,565 घरों को लक्षित किया गया है तथा 6,74,393 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य है। अभियान के लिए 15,931 नए बच्चों को भी चिह्नित किया गया है।
अभियान की सफलता के लिए टीम का हुआ गठन:
अभियान के सफलता के लिए जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा
डोर टू डोर: 1954
ट्रांजिट टीम: 362
मोबाइल टीम: 116
सुपरवाइजर: 707
लक्षित घर: 8,18,565
लक्षित बच्चे: 6,74,393
का गठन किया गया है। प्रत्येक दल में एक आशा और एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं जो घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाएंगी। दवा पिलाने के बाद बच्चों के और उनके माता -पिता का नाम, गृह संख्या आदि फार्म में भर कर अपने केंद्र में जमा करवाएँगी।
लकवाग्रस्त बीमारी है पोलियो :
डीआईओ डॉ. विश्वकर्मा ने बताया कि पोलियो एक लकवाग्रस्त वायरस जनित रोग है। बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण उसे पोलियो होने की सम्भावना ज्यादा है।यह बीमारी विशेष रूप से रीढ़ के हिस्सों व मस्तिष्क को ज्यादा नुकसान पहुँचाता है। इससे बचाव के लिए लोगों को अपने बच्चों को पोलियो की दवा जरूर पिलानी चाहिए। पोलियो ड्रॉप के साथ बच्चों को संपूर्ण टीकाकरण भी करवाना चाहिए जो 12 जानलेवा बीमारियों से बचाए रखता है।
कोविड संक्रमण से बचाव का रखा जाएगा ध्यान :
एसीएमओ डॉ आर के सिंह ने बताया कि पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के दौरान कोविड संक्रमण से बचाव का पूरा ध्यान रखा जाएगा। कर्मियों द्वारा दवा पिलाने के समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा। स्वास्थ्य कर्मियों को पूरी तरह से मास्क व ग्लब्स का उपयोग करने के लिए निर्देशित किया गया है।
अभियान के उद्घाटन में प्रभारी अधीक्षक डॉ डीएस मिश्रा, सीडीओ डॉक्टर जीएम ठाकुर, डब्ल्यूएचओ एसएमओ डॉक्टर आदर्श वर्गीज, यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा,आदि उपस्थित रहे।