दरभंगा विश्व दिब्यांग दिवस पर लायंस क्लब आफ दरभंगा टाऊन द्वारा पांच दिव्यंगो को वाकर और ऐक दिव्यांग को व्हील चेयर प्रदान किया गया।

वाकर ममता झा, विमल कांत मिश्रा,खुशबू कुमारी को दिया गया और व्हील चेयर सीमा कुमारी को दिया गया। क्लब द्वारा मैडोना इंग्लिश स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में यह वितरण किया गया। इस अवसर पर क्लब के अध्यक्ष लायन एस एम माइकल ने कहा कि ३ दिसमबर १९९२ से विश्व भर में विश्व दिव्यांग दिवस मनाया जाता है।
प्रतिवर्ष 3 दिसंबर का दिन दुनियाभर में दिव्यांगों की समाज में मौजूदा स्थिति, उन्हें आगे बढ़ने हेतु प्रेरित करने तथा सुनहरे भविष्य हेतु भावी कल्याणकारी योजनाओं पर विचार-विमर्श करने के लिए जाना जाता है। दरअसल यह संयुक्त राष्ट्र संघ की एक मुहिम का हिस्सा है जिसका उद्देश्य दिव्यांगजनों को मानसिक रुप से सबल बनाना तथा अन्य लोगों में उनके प्रति सहयोग की भावना का विकास करना है। इस अवसर पर लायंस पूर्व गवर्नर लायन पवन कुमार सुरेका ने कहा कि इस दिवस के तौर पर इस आयोजन को मनाने की औपचारिक शुरुआत वर्ष 1992 से हुई थी। जबकि इससे एक वर्ष पूर्व 1991 में सयुंक्त राष्ट्र संघ ने 3 दिसंबर से प्रतिवर्ष इस तिथि को अन्तरराष्ट्रीय विकलांग दिवस के रूप में मनाने की स्वीकृति प्रदान कर दी थी।मेडिकल कारणों से कभी-कभी व्यक्ति के विशेष अंगों में दोष उत्पन्न हो जाता है, जिसकी वजह से उन्हें समाज में ‘विकलांग’ की संज्ञा दे दी जाती है और उन्हें एक विशेष वर्ग के सदस्य के तौर पर देखा जाने लगता है। क्लब के सचिव लायन अनिल कुमार सिंह ने कहा कि हमारे देश में दिव्यांगों के प्रति दो तरह की धारणाएं देखने को मिलती हैं। पहला, यह कि जरूर इसने पिछले जन्म में कोई पाप किया होगा, इसलिए उन्हें ऐसी सजा मिली है और दूसरा कि उनका जन्म ही कठिनाइयों को सहने के लिए हुआ है । इसलिए उन पर दया दिखानी चाहिए। हालांकि यह दोनों धारणाएं पूरी तरह बेबुनियाद और तर्कहीन हैं। बावजूद इसके, दिव्यांगों पर लोग जाने-अनजाने छींटाकशी करने से बाज नहीं आते। डा मृदुल कुमार शुक्ला ने कहा अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस दिव्यांगों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिवस होता है जैसे पुत्र अपनी मां के लिए मदर डे का इंतजार करता है वैसे दिव्यांग दिवस का बहुत ही बेसब्री से इंतजार करते हैं क्योंकि इस दिवस के तौर पर उन्हें एक ऐसा सम्मान प्राप्त होता है जो कि उन्हें आमतौर पर किसी और से नहीं मिल पाता है आमतौर पर लोग दिव्यांगों को किसी चीज के लायक नहीं समझते हैं परंतु दिव्यांग दिवस साबित करता है कि दिव्यांग भी किसी से कम नहीं होते हैं हमारे भारतवर्ष में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में ऐसे उदाहरण हैं जिन्होंने दिव्यांग होते हुए भी ऐसे बहुत से कार्य किए हैं जो सामान्य मनुष्य नहीं कर सकता डा ऋतु झा ने कहा कि हम यह कह सकते हैं कि दिव्यांगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है और इससे सामान्य मनुष्य को यह सीखना चाहिए कि दिव्यांग किसी से कम नहीं होते और उनका सम्मान करना चाहिए इस अवसर पर क्लब के राजेश बोहरा, डेजी माइकल, विशाल पंसारी, सतीश कुमार सिंह, ओम प्रकाश अग्रवाल, शिशिर कुमार, पवन कानोड़िया, शरद कुमार, मनीष कुमार, दयानंद, नवीन बैरोलिय,इला रानी सिंह, उपस्थित रहे। कार्यक्रम के संयोजक लायन संजीव कुमार अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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