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कालाजार उन्मूलन अभियान की हुई शुरुआत

कालाजार उन्मूलन अभियान की हुई शुरुआत

सिंथेटिक पायरोथायराइड कीटनाशक का होगा छिड़काव
15 जुलाई तक पूर्व में प्रभावित इलाकों में खत्म करना है अभियान
हर पीएचसी पर मुफ्त जांच सुविधा उपलब्ध
कालाजार उन्मूलन के लिए भारत सरकार का मानक प्राप्त
सरकार द्वारा रोगी को मिलती है आर्थिक सहायता

समस्तीपुर ,
जिले में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सिंथेटिक पायरोथायराइड (एसपी) कीटनाशक का छिड़काव शुरू किया गया है। अभियान की शुरुआत जिले के पटोरी प्रखंड के धमोन उत्तरी गांव से की गई है । अभियान अगले 15 जुलाई तक चलेगा। अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा लोगों को मच्छरदानी लगाकर सोने, घरों के आसपास साफ-सफाई रखने और नालियों को साफ रखने आदि के लिए जागरूक करने का भी निर्देश दिया गया। ताकि, लोगों को वेक्टर जनित रोग जैसे कालाजार, मलेरिया, डेंगू से बचाव के लिए प्रेरित किया जा सके।
जिला में 17 प्रखंड के 54 राजस्व ग्रामों में कालाजार नियंत्रणार्थ एस. पी. छिड़काव:
जिला में 17 प्रखंड के 54 राजस्व ग्रामों में कालाजार नियंत्रणार्थ एस. पी. छिड़काव शुरू किया गया। जिसमें कुल घरों की संख्या 50,112, कूल कमरों की संख्या 1,21,344, कुल आक्रांत राजस्व ग्रामों की जनसंख्या 256410 है तथा कुल 46 दल बनाए गए हैं।
कालाजार के कारण :
कालाजार मादा फाइबोटोमस अर्जेंटिपस(बालू मक्खी) के काटने के कारण होता है, जो कि लीशमैनिया परजीवी का वेक्टर (या ट्रांसमीटर) है। किसी जानवर या मनुष्य को काट कर हटने के बाद भी अगर वह उस जानवर या मानव के खून से युक्त है तो अगला व्यक्ति जिसे वह काटेगा वह संक्रमित हो जायेगा। इस प्रारंभिक संक्रमण के बाद के महीनों में यह बीमारी और अधिक गंभीर रूप ले सकती है, जिसे आंत में लिशमानियासिस या कालाजार कहा जाता है।
कालाजार उन्मूलन के लिए भारत सरकार का मानक प्राप्त :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विजय कुमार ने बताया जिले में लगातार छिड़काव के कारण कालाजार उन्मूलन के लिए भारत सरकार का जो मानक है उसे प्राप्त किया जा चुका है। मरीजों की संख्या शून्य करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। जिले में वर्ष 2021 में 43 मरीज मिले हैं और वर्ष 2022 के मई माह तक कालाजार के 19 मरीज मिले हैं।
सरकार द्वारा रोगी को मिलती है आर्थिक सहायता :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार संतोष कुमार ने बताया कालाजार से पीड़ित रोगी को मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में पैसे भी दिए जाते हैं। बीमार व्यक्ति को 6600 रुपये राज्य सरकार की ओर से और 500 रुपए केंद्र सरकार की ओर से दिए जाते हैं। यह राशि वीएल (ब्लड रिलेटेड) कालाजार में रोगी को प्रदान की जाती है। वहीं चमड़ी से जुड़े कालाजार (पीकेडीएल) में 4000 रुपये की राशि केंद्र सरकार की ओर से दी जाती है।
कालाजार के लक्षण :
– लगातार रुक-रुक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना।
– वजन में लगातार कमी होना।
– दुर्बलता।
– मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना।
– व्यापक त्वचा घाव जो कुष्ठ रोग जैसा दिखता है।
– प्लीहा में नुकसान होता है।
छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल :
– छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें
– घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल के अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें
– छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें
– ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिसमें कीटनाशक (एस.पी) का असर बना रहे
– अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।

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