डा सुनील ने जेएनयू मे लहराया बिहार का परचम मधुबनी जिला के खिरहर गाँव निवासी पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता डा सुनील कुमार चौधरी ने जेएनयू मे आयोजित”

डा सुनील ने जेएनयू मे लहराया बिहार का परचम

मधुबनी जिला के खिरहर गाँव निवासी पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता डा सुनील कुमार चौधरी ने जेएनयू मे आयोजित”

रिपोर्ट न्यूज़ डेस्क दरभंगा news24live

ग्लोबल सिम्पोजियम ऑन डिजास्टर रेजिलिएन्ट स्मार्ट सिटीज”मे शोध पत्र प्रस्तुत कर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बिहार का परचम लहराया।डा चौधरी के शोध पत्र का शीर्षक था- स्मार्ट सिटी रिजिलिएन्स-लर्निंग फ्रौम इमरजेन्सी रिसपौन्स सिस्टम आफ जापान । आपदा रोधी समाज निर्माण के लिए कृतसंकल्पित तथा विज्ञान एवं तकनीक के विभिन्न पहलुओं को समाज के अन्तिम पंक्ति के लोगों तक पहुंचाने को कटिबद्ध डा चौधरी ने डिजास्टर रेजिलिएन्ट स्मार्ट सिटीज के निर्माण एवं प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की ।आपदा रोधी समाज निर्माण आन्दोलन के पर्याय बन चुके डा चौधरी ने इमरजेन्सी रिस्पौन्स सिस्टम इन स्मार्ट सिटीज पर बड़े ही सहज-सरल एवं रोचक ढंग से प्रकाश डाला।वे जेएनयू,दिल्ली में ग्लोबल सिम्पोजियम ऑन डिजास्टर रेजिलिएन्ट स्मार्ट सिटीज मे शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले बिहार एवं पथ निर्माण विभाग के पहले अभियंता हैं। उन्होने बताया कि भारत एक बहुआपदा प्रवण देश है जो बाढ एवं सुखाड़ की मार झेलता रहा है ।उन्होने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में भारत के हर राज्य में स्मार्ट सिटी का निर्माण होना है ।ऐसे में जरूरी है कि स्मार्ट सिटीज निर्माण एवं प्रबंधन में क्लाइमेट एवं डिजास्टर रेजिलिएन्ट एप्रोच अपनाया जाय। डिजास्टर रेजिलिएन्ट एप्रोच डिजास्टर के साथ जीने की कला है ।उन्होने स्मार्ट सिटीज को डिजास्टर रेजिलिएन्ट बनाने की प्रक्रिया में जापान के इमरजेन्सी रिस्पांस सिस्टम को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।उन्होने बताया कि जापान में बड़ी संख्या में भूकंप आते रहते हैं, परन्तु जान माल एवं इन्फ्रास्टक्चर का नुकसान नहीं के बराबर होता है ।इसका सम्पूर्ण श्रेय जापान के स्मार्ट कम्यूनिकेशन सिस्टम एवं स्मार्ट इमरजेन्सी रिस्पांस सिस्टम को जाता है ।भारत में आपदा के समय स्मार्ट सिटीज मे जीरो टौलरेन्स पर प्रबंधन की बात करनी है तो जापान के इमरजेन्सी रिस्पांस सिस्टम को अपनाने की आवश्यकता है ।डॉ चौधरी ने जलवायु परिवर्तन जनित प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए इन्टिग्रेटेड एप्रोच अपनाने की जरूरत बताई । साथ ही क्लाइमेट चेन्ज की जगह क्लाइमेट अफेयर की जोरदार वकालत की ।इसके लिए समाज में लोगो को जागरूक करना होगा ।उन्होने बताया कि पुराने सिटीज को स्मार्ट बनाने की बजाय उसे डिजास्टर रेजिलिएन्ट बनाना ज्यादा श्रेयस्कर होगा।साथ ही ग्रीन फ़ील्ड डिजास्टर रेजिलिएन्ट स्मार्ट सिटीज बनाने की आवश्यकता पर बल दिया ।पिछले पापाँच वर्षों में भारत में स्मार्ट सिटीज एवं डिजास्टर रेजिलिएन्ट निर्माण एवं प्रबंधन के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम हुआ है।आपदा प्रबंधन पर डी आर आर रोड मैप बनाया गया है ।क्लाइमेट एवं डिजास्टर रेजिलिएन्ट निर्माण पर बड़े पैमाने पर काम हो रहा है । प्राकृतिक आपदा के समय इन्फ्रास्टक्चर भारी संख्या में क्षति ग्रस्त हो जाते हैं एवं जान माल की काफ़ी क्षति होती है जिससे लोगों को भारी कष्ट उठाना पड़ता है।ऐसे में पारम्परिक निर्माण एवं प्रबंधन में बदलाव की जरूरत है ।डा चौधरी ने निर्माण कार्य में अभिकल्प एवं मटेरियल के विशिष्टयो एवं प्रबंधन नीतियों में बदलाव की जरूरत की जोरदार वकालत की एवं इस दिशा में शोध को बढ़ावा देने की जरूरत बताई ।उन्होने निर्माण कार्य में प्लास्टिक, जूट,भेटिभर ग्रास,फ्लाइ ऐश,सेल्फ क्यूरिन्ग एन्ड सेल्फ कम्पैक्टिन्ग कन्क्रीट के प्रयोग की आवश्यकता पर बल दिया ।उन्होने क्लाइमेट एवं डिजास्टर रेजिलिएन्ट निर्माण एवं प्रबंधन में बायोइन्जिनियरिन्ग की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला।उन्होने बताया कि ऐसे पौधों को लगाने की जरूरत है जो कार्बन डाई ऑक्साइड का शोषण कर सके। उन्होने बताया कि डिजास्टर रेजिलिएन्ट निर्माण एवं प्रबंधन पर समाज के हर तबके को जागरूक करने के अभियान को एक आन्दोलन का रूप देकर पूरा देश में फैलाने की जरूरत है । डा चौधरी अन्तरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के तकनीकी एवं सामाजिक संगठनों से जुड़कर जलवायु परिवर्तन जनित आपदा एवं उससे निपटने के लिए डिजास्टर रेजिलिएन्ट एवं कौस्ट इफेक्टिव टेक्नोलॉजी को समाज के अन्तिम पंक्ति के लोगों तक पहुंचाने का काम करते रहे हैं ।डा चौधरी बिहार राज्य अभियंत्रण सेवा संघ के पूर्व सचिव भी रह चुके हैं ।उन्होने निम्नलिखित पंक्तियों के साथ अपनी बात समाप्त की-
बिहार के हम अभियंता, आसमां है हद हमारी,
जानते हैं चान्द सूरज, ज़िद हमारी, जद हमारी ।
हम वही जिसने कि आपदा प्रबंधन का ग्यान साधा,
हम वही जिसके लिए दिन रात की उपजी न बाधा ।
इन उजालो का यही पैगाम ले आये हैं हम,
स्मार्ट सिटीज ,हाँ मगर डिजास्टर रेजिलिएन्ट बनायेंगे हम।
अन्त मे उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया ।

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