*बचपन बचाओ आंदोलन अपने सहयोगी संस्था कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फ़ाउंडेशन के तहत बिहार पुलिस के साथ मिलकर सरदार पटेल भवन, पटना में तीन दिवसीय पुलिस प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया*

मिथिला एवं तिरहुत क्षेत्र के पुलिस पदाधिकारी प्रशिक्षण में हुए शामिल
बिहार : बचपन बचाओ आंदोलन अपने सहयोगी संस्था कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के साथ मिलकर बिहार पुलिस के संयुक्त तत्वाधान में सरदार पटेल भवन, पटना में पुलिस अधिकारियों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बुधवार को सरदार पटेल भवन में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन कार्यक्रम का उदघाटन बिहार पुलिस के डी. जी ( प्रशिक्षण ) आई. पी. एस आलोक राज , आई.जी ( प्रशिक्षण) आई.पी. एस विजय कुमार वर्मा ,बचपन बचाओ आंदोलन की निदेशक संपूर्णा बेहूरा, राज्य संयोजक मुख्तार उल हक एवं राज्य समन्वयक अर्जित अधिकारी के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया| इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मिथिला और तिरहुत क्षेत्र के पुलिस रेंज के साथ जोनल के डीएसपी एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के नोडल पुलिस अधिकारी, महिला थाना अध्यक्ष और एस सी, एस टी थाना अध्यक्ष ने भाग लिया साथ ही रेलवे पुलिस मुजफ्फरपुर के डीएसपी एवं थाना अध्यक्ष एवं कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के प्रतिनिधि सदफ फारूकी शामिल हुए आदि शामिल हुये| प्रतिभागियों के रजिस्ट्रन के बाद बिहार पुलिस के डी. जी ( प्रशिक्षण ) आई.पी. एस आलोक राज ने प्रशिक्षण के उद्देश्य के बारे में बताते हुये कहा कि बच्चों से संबंधित क़ानूनों की जानकारी इस तीन दिवस के प्रशिक्षण कार्यक्रम में दी जाएगी तथा बच्चों के मामलो में जिला और थाना स्तर पर पुलिस अधिकारी जमीनी स्तर पर जिन समस्याओं से जूझते हैं, उनके समाधान पर चर्चा की जाएगी| वही बचपन बचाओ आंदोलन की निदेशक संपूर्णा बेहूरा ने पुलिस अफसरों को बालकों के विरुद्ध अपराध एवं बालकों द्वारा किए गए अपराध के विषय में जानकारी दी। किशोर न्याय अधिनियम (जुवेनाइल जस्टिस एक्ट) एवं लैंगिक अपराधों से संबंधित पोक्सो अधिनियम के बारे में विस्तार से बताया गया। बाल मजदूरी एवं बाल विवाह पर चर्चा हुई, उन्होंने ने पुलिस अधिकारियों को जेजे एक्ट के तहत बरती जाने वाली सावधानी से अवगत कराया। बच्चों की सुरक्षा के साथ साथ सही देखभाल को लेकर भी सजग रहने की सलाह दी गई। वही बिहार पुलिस के डी. जी ( प्रशिक्षण )आई.पी. एस आलोक राज
ने प्रशिक्षण के दौरान बिहार एवं देश में बच्चों के साथ घटी घटनाओं एवं पुलिस द्वारा उठाये गये कदमों का जिक्र करते हुए इसका अनुसरण करने पर जोर दिया गया। बचपन बचाओ आंदोलन के निदेशक संपूर्णा बेहुरा ने पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि कई बार बच्चों के साथ अमानवीय घटनाएं घटित होती है लेकिन डर के चलते बच्चे अपने परिजनों को उसके बारे में बताते नहीं हैं जिसके चलते आरोपी बच निकलते हैं, आरोपियों को कड़ी सज़ा मिले, इसके लिए पुलिस अधिकारी को पीड़ित के बयान पर सुसंगत धारा लगाकर मामले को मजबूत करना चाहिए, जिससे आरोपी को कड़ी से कड़ी सज़ा मिल सके|
प्रशिक्षकों ने न सिर्फ बच्चों की सुरक्षा से संबन्धित कानूनी प्रावधानों की बात की, बल्कि अधिकारियों को जागरूक करते हुये कहा, पीड़ित बच्चों को न्याय मिले, इसलिए पुलिस का संवेदनशील होना बहुत जरूरी है| पीड़ित के दर्द को समझना होगा और इसीलिए एफआईआर दर्ज करते समय विशेष सावधानियां बरती जाएं। घटना से जुड़े सभी पहलुओं का समावेश होना चाहिए। साक्ष्य संकलन में किसी तरह की चूक न होने पाए; ताकि अपराधी को सजा दिलाई जा सके। बिहार पुलिस के डी. जी ( प्रशिक्षण ) आई.पी. एस आलोक राज
ने कहा कि जवानों व अधिकारियों के ज्ञानवर्धन हेतु इस तरह के आयोजन लाभकारी साबित होते हैं। प्रशिक्षण कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ द्वारा धारा 354 व 376 के अनुसंधान व भौतिक साक्ष्यों का महत्व तथा संकलन, अभियोजन के परिप्रेक्ष्य में अंवेषण में हुई त्रुटियों का निराकरण, बच्चों एवं किशोर पर घटित अपराध पर विस्तार से जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान निदेशक संपूर्णा बेहुरा ने मानव व्यापार के बारे में बताते हुये न सिर्फ धारा 370 को परिभाषित किया, बल्कि 370 में दिये गए दंड की चर्चा करते हुये यह भी बताया कि मानव व्यापार का अपराध करने वाले अपराधी को उन सब धाराओं के तहत भी दंडित किया जाना चाहिए, जो दुर्व्यापार की पूरी प्रक्रिया के दौरान बच्चे के साथ किए गए| ये सब धाराएँ लगाकर मामले को मजबूत कर समय पर कोर्ट में चार्जशीट दायर करना चाहिए|
तीन दिवसीय कार्यक्रम में प्री और पोस्ट असेसमेंट टेस्ट, बच्चा कौन है, बाल कानूनों की आवश्यकता, भारत में बच्चों के मामलों का परिदृश्य, बाल कानूनों के तहत कानूनी प्रावधान, परिभाषित अपराध, निर्धारित सज़ा, अदालत के फैसले, केस स्टडीस, जिला स्तरीय अभिसरण से निपटने में विभिन्न हितधारकों की भूमिका, पुलिस, चिकित्सक, बाल कल्याण समिति, सरकारी वकील, विशेष न्यायालय आदि विषयों पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में विस्तृत जानकारी दी जायेगी। इस अवसर पर बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य समन्वयक अर्जित अधिकारी ने पुलिस अधिकारियों के साथ बचपन बचाओ आंदोलन का हेल्पलाइन नंबर बताते हुये कहा, किसी भी समय किसी भी मामले में मदद की जरूरत हो, तो हमसे संपर्क कर सकते हैं|
Darbhanga News24 – दरभंगा न्यूज24 Online News Portal