सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा की हुई शुरूआत
• जिलाधिकारी ने कार्यक्रम का किया शुभारंभ
• 15 से 30 जुलाई तक चलेगा अभियान
• अस्पताल में आने वाले बच्चों को दी गयी जिंक की गोली
• डायरिया से बचाव के लिए किया गया जागरूक
मधुबनी जिले में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा की शुरूआत जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा ने बच्चों को ओआरएस की घोल पिलाकर की। इस मौके पर जिलाधिकारी ने कहा कि डायरिया से होने वाली शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा की शुरूआत की गयी है। जिले में 15 से 30 जुलाई तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा चलाया जायेगा। इस दौरान सदर अस्पताल के मुख्य द्वार के सामने में जिंक कॉर्नर भी खोला गया है। जहां पर बच्चों को ओआरएस की घोल पिलायी गयी। इस मौके पर सिविल सर्जन ने वहां मौजूद मरीज व परिजनों को डायरिया से बचाव के बारे में जानकारी दी। इसके साथ माताओं को आरआरएस का घोल बनाने की विधि को भी बताया गया। अभियान जिले के 21 प्रखंडो में संचालित किया जाएगा जिसके तहत 10,80561 घरों के 1से 5 साल के 77,0482 बच्चों को ओआरएस का घोल पिलाया जाएगा जिसके लिए 3987 आशा वर्कर, 4855 आंगनबाड़ी सेविका, 376 एएनएम व 22 मोबाइल टीम का गठन किया गया है. अभियान के लिए 864884 ओआरएस एवं 349207 जिंक सल्फेट की आवश्यकता है.
स्वास्थ्य केंद्रों में ओआरएस-जिंक कॉर्नर की होगी स्थापना:
सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने कहा कि पखवाड़ा के दौरान स्वास्थ्य केंद्रों में ओआरएस-जिंक कॉर्नर के लिए सदर अस्पताल में 1, अनुमंडलीय अस्पताल मे 3 , प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मे 21, हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर पर 54 ओआरएस जिंक कॉर्नर का निर्माण किया गया है। यहां पर जिंक टेबलेट की समूची मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इस कॉर्नर में प्रशिक्षित स्टाफ की पदस्थापना की गयी है। बैनर पोस्टर और माइकिंग के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
परिवार के सदस्यों की होगी काउंसलिंग:
एसीएमओ डॉक्टर आर.के. सिंह ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा क्षेत्र भ्रमण के दौरान परिवार के सदस्यों के समक्ष ओआरएस घोल बनाना एवं इसके उपयोग की विधि, इससे होने वाले लाभ को बताना, साफ-सफाई , हाथ धोने के तरीके की जानकारी दी जायेगी। इसक साथ हीं परिवार इन बिन्दुओं पर परामर्श दी जायेगी।
• जिंक का उपयोग दस्त होने के दौरान बच्चों को आवश्यकत रूप से काराया जाये। दस्त बंद हो जाने के उपरांत भी जिंक की खुराक 2 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार 14 दिनों तक जारी रखा जाये
• जिंक और ओआरएस के उपयोग के उपरांत भी दस्त ठीक न होने पर बच्चे को नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जायें
• दस्त के दौरान और दस्त के बाद भी आयु के अनुसार स्तनपान, उपरी आहार तथा भेजन जारी रखा जाये
• उम्र के अनुसार शिशु पोषण संबंधी परामर्श दिया जायेगा
• पीने के लिए साफ एवं सुरक्षित पयेजल का उपयोग करें
• खाना बनाने एवं खाना खाने से पर्वू और बच्चे का मल साफ करने के उपरांत साबुन से हाथ धोयें
• डारिया होने पर ओआरएस और जिंक का उपयोग करने से बच्चों में तीव्र सुधार होता है
• बच्चे के मल का निस्तारण सुरक्षित स्थान पर जल्द से जल्द कर दिया जाये
• दस्त का फैलने से रोकने के लिए शौचालय का प्रयोग करना चाहिए
मौके पर एसीएमओ डॉ आर के सिंह, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एसके विश्वकर्मा, डीएमओ डॉ विनोद कुमार झा, डीपीएम डॉक्टर दयाशंकर निधि, अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे.