सघन दस्त पखवाड़ा के तहत जागरूक करने के लिये शिशु विभाग में नुक्कड़ नाटक का किया आयोजन
प्रत्येक वर्ष एक लाख से अधिक बच्चों की मौत डायरिया से हो जाती- डॉ केएन मिश्रा
दस्त से बचाव के लिये रोटावायरस वैक्सीन लेना जरूरी- डॉ अशोक कुमार

दरभंगा. सघन दोस्त निवारण पखवाड़ा के मद्देनजर डीएमसीएच के शिशु विभाग के परिसर में एक नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया. इसके तहत लोगों को जागरूक किया गया. मौजूद अभिभावकों को ओआरएस के पैकेट बांटे गए. शिशु विभागाध्यक्ष डॉ केएन मिश्रा ने कहा कि पांच साल के नीचे के बच्चों में दस्त या डायरिया पुरी दुनिया में मृत्यु के महत्वपूर्ण कारणों में से एक है. भारत में प्रतिवर्ष एक लाख से ऊपर बच्चे की मौत डायरिया से हो जाती है. बताया कि दुर्भाग्य से बिहार दस्त जनित रोगों में भारत में सर्वोच्च स्थान पर है. कहा कि दस्त को ना सिर्फ रोका जा सकता है, बलिक समय पर ओआरएस और जिंक का इस्तेमाल सुनिश्चित कर मृत्यु दर को शुन्य पर लाया जा सकता है. इस अवसर पर नर्सों, चिकित्सकों ने अभिभावकों को जागरूक करते हुये इसके इस्तेमाल का संदेश जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया.
स्वच्छता व शुद्ध पेयजल जरूरी
डॉ ओमप्रकाश ने स्वच्छता और शुद्ध पेयजल के ऊपर जोर देते हुए कहा की गंदगी दस्त को निमंत्रित करती है. इसलिये खाने पीने से पहले हांथ को साबुन से अच्छे से धोयें. बताया कि बरसात के मौसम में खुले में बिकने वाली चीजों पर मक्खियां भिनकती हैं. इसलिये ठेले पर और खुले में बिकने वाले खाने पीने के समान का इस्तेमाल नहीं करें. इसका अनुपालन करने से दस्त से बचा जा सकता है.
रोटावायरस वैक्सीन लेने से दस्त से बचाव संभव
डॉ अशोक कुमार ने कहा कि बिहार में ग्रामीण इलाकों में दस्त दर भारत में सबसे ज्यादा है, इसलिए दस्त के रोकने के उपायों को घर- घर तक पहुंचाना है. उन्होंने सभी से रोटावायरस वैक्सीन लेने का आह्वान किया, जो खतरनाक दस्त से बचाता है. मौके पर डॉ एनपी गुप्ता ने बताया कि दस्त कुपोषण का महत्वपूर्ण कारण है. दस्त से बचाने के लिए हर शिशु को जन्म के तुरंत बाद से मां का स्तनपान और छह महीने बाद मां के दूध के साथ घर के पौष्टिक भोजन जरूर देना है. डॉ रिजवान हैदर ने कहा कि शिक्षा व जागरूकता दस्त को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण साधन है, इसलिए महिलाओं को शिक्षित बनाना है. साथ ही शौचालय का घर में निर्माण दस्त जनित रोगों को कम करने का महत्वपूर्ण साधन है. इसलिये प्रत्येक घर को शौचालय होना जरूरी है. कहा कि विभाग की ओर से इस रोग से बचाव के लिये जागरूकता अभियान 30 जून तक चलाया जायेगा. इस दौरान आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता के द्वारा घर- घर जाकर ओआर एस के पैकेट वितरित किए जा रहे हैं.
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