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Darbhanga प्राचार्य और अधीक्षक ने मरीज को बांटे ओ आर एस के पैकेट

प्राचार्य और अधीक्षक ने मरीज को बांटे ओ आर एस के पैकेट

ओ आर एस से दस्त से होने वाली मृत्यु को किया जा सकता है कम

दरभंगा. बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा चलाए जा रहे सघन दस्त निवारण पखवाड़ा एवं आई ए पी दरभंगा के द्वारा चलाए जा रहे ओआर एस सप्ताह के दौरान दरभंगा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के शिशु विभाग के आउटडोर में प्राचार्य और अधीक्षक ने मरीज को ओ आर एस के पैकेट बांटे। आईएपी के सामुदायिक कार्यक्रम प्रभारी डॉक्टर कमोद झा द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में आई ए पी के अध्यक्ष डॉक्टर अशोक कुमार, दरभंगा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं शिशु रोग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर के एन मिश्रा, दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर हरिशंकर मिश्रा, उपाधीक्षक डॉक्टर हरेंद्र कुमार, डॉक्टर एनपी गुप्ता, डॉक्टर मणी शंकर, डॉक्टर अमित कुमार, डॉक्टर ओम प्रकाश, डॉक्टर मनीष कुमार इत्यादि चिकित्सकों के साथ बहुत बड़ी संख्या में सीनियर रेजिडेंट, पीजी छात्र एवं इंटर्न ने भाग लिया।

इस अवसर पर अधीक्षक डॉक्टर हरिशंकर मिश्रा ने दस्त से होने वाली मृत्यु को कम करने के लिए आई ए पी एवं शिशु विभाग द्वारा चलाए जा रहे अभियान की भूरी भूरी प्रशंसा की। उन्होंने राज्य स्वास्थ्य समिति के बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉक्टर विजय प्रकाश राय से आग्रह कर डी आई ओ डॉ. ए. के. झा के सौजन्य से आउटडोर में वितरित करने के लिए 300 ओआर एस के पैकेट तुरंत मंगवाए और शिशु विभाग को आउटडोर के लिए उपलब्ध कराया।
इस अवसर पर प्राचार्य एवं शिशु रोग विभाग अध्यक्ष डॉक्टर के एन मिश्रा ने इनटर्नस को ओ आर एस के महत्व के बारे में विस्तार से समझाया। ओ आर एस को दस्त शुरू होने के साथ ही तुरंत शुरू कर देना है। इसके बनाने की विधि का महत्व है। जो पैकेट बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा दिया जा रहा है, उसे 1 लीटर स्वच्छ पानी में घोलकर 24 घंटा रखा जा सकता है। इसे घूंट-घूंट कर पिलाते रहना है जिससे बच्चों को निर्जलीकरण से बचाया जा सके। परंतु जब भी लगे की बच्चा ज्यादा बीमार हो रहा है और उसकी आंखें धंसी रही हैं या पेशाब कम हो रहा हो, बुखार हो गया है या दस्त 14 दिन से ज्यादा का हो गया, दस्त में खून आ रहा है तो उसे तुरंत नजदीक के अस्पताल में ले जाना है। गंभीर निर्जलीकरण वाले बच्चों को नस से पानी चढ़ने की जरूरत पड़ती है। सनद रहे की मानसून के शुरू होते ही 5 साल के नीचे के बच्चों में दस्त का प्रकोप काफी बढ़ गया है और आउटडोर में दस्त से ग्रसित मरीज के आने की संख्या बढ़ गई है। दस्त बच्चों में मृत्यु का एक बड़ा कारण है। इसमें प्रदूषित पानी और भोजन के साथ कुपोषण एक बड़ा कारण है। ओ आर एस के प्रचार प्रसार के साथ स्वच्छता और पोषक आहार के बारे में भी जागरूक करना अति आवश्यक है। आईएपी के अध्यक्ष डॉक्टर अशोक कुमार ने दस्त रोगों से मृत्यु को शुन्य तक ले जाने के लिए आईएपी की प्रतिबद्धता प्रकट की।

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