बच्चे के जन्म के बाद आधे घंटे के अंदर स्तनपान कराना अमृत समान : डॉ. डी.के. झा
– स्तनपान से बच्चों के साथ माताओं को भी फायदा
– एएनएम व माताओं को स्तनपान के प्रति किया गया जागरूक
मधुबनी ,
अभी विश्व स्तनपान सप्ताह चल रहा है। एक अगस्त को शुरू यह सप्ताह सात अगस्त तक चलेगा। इसे लेकर जिले में तमाम तरह के कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। एएनएम,आशा और ममता कार्यकर्ता अस्पतालों से लेकर लोगों के घरों तक पहुंचकर लोगों को स्तनपान के प्रति जागरूक कर रही हैं। इसी क्रम में शनिवार को सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष में एएनएम व माताओं को स्तनपान के प्रति जागरूक किया गया। अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ धीरेंद्र कुमार झा ने बताया कि स्तनपान न सिर्फ बच्चे के लिए, बल्कि माताओं के लिए भी फायदेमंद होता है। बच्चों को तो यह कई तरह की बीमारियों से बचाता है ही, साथ में माताओं को भी कई तरह की बीमारियों से बचाकर रखता है। स्तनपान के प्रति हर माता को जागरूक रहना चाहिए। इसके तमाम फायदे हैं। नियमित तौर पर स्तनपान कराने से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत तो होती ही है, जिससे उसका कई तरह की बीमारियों से बचाव होता है। साथ ही माताओं को भी इससे कई फायदे होते हैं। स्तनपान कराने से माताओं में भी स्तन कैंसर का खतरा कम हो जाता है। साथ में मोटापा टाइप-2 मधुमेह का भी खतरा कम हो जाता है। स्तनपान कराने से पांच वर्ष तक की उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में कमी आती है। साथ ही बच्चों को दस्त, निमोनिया समेत कई बीमारियों से बचाता है। इसके अलावा बच्चों की बौद्धिक क्षमता भी मजबूत होती है। इस तरह से स्तनपान कराने के कई फायदे हैं। इससे बच्चे से लेकर मां तक का बचाव होता है।
मां का गाढ़ा पीला दूध बच्चों के लिए अमृत के समानः
डॉ झा ने कहा कि अभी स्तनपान सप्ताह चल रहा है। इस दौरान लोगों को स्तनपान के महत्व के बारे में बताया जा रहा है। अभी जो जानकारी दी जा रही है, उसे लोगों को ध्यान में रखना चाहिए। जन्म के आधे घंटे के अंदर ही बच्चे को मां का दूध पिलाना शुरू कर देना चाहिए। मां का यह गाढ़ा पीला दूध बच्चों के लिए अमृत के समान होता है। बच्चे के सर्वांगीण शारीरिक और मानसिक विकास के लिए जन्म से लेकर छह माह तक सिर्फ मां का दूध पिलाना चाहिए। इससे बच्चा न सिर्फ शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होता , बल्कि उसके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है जो कि उसका बीमारियों से बचाव करता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने पर अगर बच्चा बीमार भी पड़ जाता तो वह उससे आसानी से उबर जाता है। इसलिए बच्चे के जन्म के बाद छह माह तक माताओं को स्तनपान कराने पर जोर देना चाहिए।
छह माह तक सिर्फ मां का ही दें दूधः
केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह ने बताया कि बच्चे के जन्म के छह माह तक तो सिर्फ मां का ही दूध पिलाना चाहिए। इसके बाद बच्चे को पूरक आहार, जैसे कि खिचड़ी, खीर इत्यादि देनी चाहिए। पूरक आहार देने के बाद भी बच्चे को दो साल तक मां का दूध अवश्य पिलाना चाहिए। तभी बच्चे का सर्वांगीण शारीरिक और मानसिक विकास हो पाता है। साथ ही स्वस्थ शरीर का भी निर्माण होता है। इसलिए, स्तनपान कराने वाली सभी माताओं को पुराने ख्यालातों और अवधारणाओं से बाहर आकर दो वर्षों तक अपने शिशु को स्तनपान कराना चाहिए।
मौके पर अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद, एएनएम, आशा, ममता सहित अन्य कर्मी उपस्थित रहे।