डेंगू निरोधक दिवस पर सीएम साइंस कालेज में संगोष्ठी का आयोजन
डेंगू एक ऐसी बीमारी है जिसे महामारी के रूप में देखा जाता है। वयस्कों के मुक़ाबले, बच्चों में इस बीमारी की तीव्रता अधिक होती है। लेकिन एक व्यक्ति अपने जीवनकाल में सिर्फ़ एक बार ही किसी ख़ास प्रकार के डेंगू से संक्रमित होता है। उक्त बातें प्राचार्य प्रो. दिलीप कुमार चौधरी ने डेंगू निरोधक दिवस पर सीएम साइंस कॉलेज की एनसीसी एवं एनएसएस इकाई द्वारा संयुक्त रूप से बुधवार को आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कही। उन्होंने कहा कि यह बीमारी यूरोप महाद्वीप को छोड़कर पूरे विश्व में होती है तथा काफ़ी लोगों को प्रभावित करती है। डेंगू की स्थिति में मृत्यु दर लगभग एक प्रतिशत है जबकि यह बरसात के मौसम में तेज़ी से फैलता है।
मौके पर एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी डा सत्येंद्र कुमार झा ने कहा कि डेंगू निरोधक दिवस का महत्व मानव की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। साधारणतः गर्मी के मौसम में यह रोग महामारी का रूप ले लेता है जब मच्छरों की जनसंख्या अपने चरम सीमा पर होती है। डेंगू एशिया, अफ़्रीका, दक्षिण तथा मध्य अमेरिका के कई उष्ण तथा उपोष्ण क्षेत्रों में विशेष रूप से होता है।एनसीसी पदाधिकारी डा अभय सिंह ने कहा कि डेंगू बुख़ार से पीड़ित रोगी के रक्त में डेंगू विषाणु प्रवेश कर प्लेटलेट पर आक्रमण करता है। प्लेटलेट शरीर में रक्तस्राव रोकने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
हिंदी विभाग के अध्यक्ष सह बर्सर डॉ. दिनेश प्रसाद साह ने कहा कि मलेरिया की तरह डेंगू बुख़ार भी मच्छरों के काटने से फैलता है लेकिन डेंगू सभी मच्छरों से नहीं फैलता है। यह केवल कुछ जाति के मच्छर से फैलता है। वनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार झा ने कहा कि डेंगू बुख़ार उस मच्छर के काटने से होता है जिसने पहले से ही किसी डेंगू के मरीज़ को काटा हो। यह मच्छर उन जगहों पर तेज़ी से फैलते हैं जहाँ काफी समय से पानी जमा हों। कार्यक्रम में डा सुजीत कुमार चौधरी, डा अजय कुमार ठाकुर, डा सुषमा रानी, डा पूजा अग्रहरी, डॉ. रश्मि रेखा आदि ने भी अपने विचार रखे।