प्रतिवर्ष ’10 अगस्त’ को डेंगू के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने तथा इसके प्रति सचेत रहने के लिए ‘डेंगू निरोधक दिवस’ मनाया जाता है
•साफ स्थिर पानी में पनपते हैं एडिज के मच्छर
•डेंगू के प्रति जागरूकता के लिए विभाग ने जुलाई माह में मनाया डेंगू माह
मधुबनी
दुनियाभर में डेंगू एक गंभीर बीमारी के तौर पर उभरी है. हर साल इस घातक बीमारी की वजह से लाखों लोगों की जान जाती है. हमारे देश में भी हर साल बड़ी संख्या में लोग इस बीमारी की चपेट में आता हैं, यही वजह है कि डेंगू की बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए प्रतिवर्ष 10 अगस्त को डेंगू के प्रति सचेत रहने के लिए निषेध दिवस मनाया जाता है. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विनोद कुमार झा ने बताया डेंगू की बीमारी एडीज मच्छर के काटने से होती है और इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होने लगते हैं. अगर प्लेटलेट्स बेहद कम हो जाए तो इससे मरीज की मौत भी हो जाती है.डेंगू के मामले मॉनसून के शूरू होने के बाद से ही सामने आने लगते हैं. दरअसल, डेंगू का लार्वा रूके हुए 7 दिन या उससे अधिक ठहरे हुए साफ पानी में ही पनपता है, ऐसी सूरत में लापरवाही बरतने पर डेंगू फैलने की आशंका बढ़ जाती है. डेंगू एक फ्लू जैसी बीमारी है जो डेंगू वायरस के कारण होती है डेंगू वायरस मच्छर के दिन में काटने से फैलता है डॉ झा ने डेंगू से बचाव को लेकर विभाग द्वारा जुलाई माह में पूरे एक माह ताकि जागरूकता अभियान चलाया गया अभियान के दौरानस्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया तथा बैनर- पोस्टर, के माध्यम से छात्र छात्राओं को डेंगू के प्रति जागरूक किया गया अभियान के दौरान 2 मरीज संदिग्ध पाए गए लेकिन दोनों मरीज जिले से बाहर संक्रमित हुए
एडिस मच्छर के काटने से होता है डेंगू :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विनोद कुमार झा ने बताया कि एडिस मच्छर के काटने से डेंगू होता है। यह मच्छर दिन में काटता है और स्थिर एवं साफ पानी में पनपता है। तेज बुखार, बदन, सिर एवं जोड़ों में दर्द और आंखों के पीछे दर्द हो तो सतर्क हो जाएं। त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान, नाक- मसूढ़ों से या उल्टी के साथ रक्त स्राव होना और काला पखाना होना डेंगू के लक्षण हैं। इन लक्षणों के साथ यदि तेज बुखार हो तो तत्काल सदर अस्पताल जाएं और अपना इलाज करवाएं। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को पहले डेंगू हो चुका है तो उसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे व्यक्ति दोबारा डेंगू बुखार की आशंका होने पर सरकारी अस्पताल या फिर डॉक्टर से संपर्क करें।
समय पर इलाज कराने पर मरीज हो जाता स्वस्थ्य :
जिला वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी राकेश कुमार रंजन ने बताया कि सभी तरह का बुखार डेंगू नहीं होता है। बुखार होने पर बिना समय गंवाए डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर जांच के बाद जैसा कहेंगे, उसके अनुसार अपना इलाज करवाएं। डेंगू होने की स्थिति में सभी मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। सिर्फ गंभीर मरीजों को ही भर्ती होना पड़ता है। समय पर इलाज कराने पर मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य हो सकता है।
दिन में सोते समय भी लगाएं मच्छरदानी :
डॉ झा ने बताया कि दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। इसके साथ-साथ मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में भी करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर के सभी कमरों को साफ- सुथरा रखें। टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रिज में पानी जमा नहीं होने दें। पानी टंकी और घर के आसपास अन्य जगहों पर भी पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें और कीटनाशक दवा का इस्तेमाल करें। गमला, फूलदान का पानी हर दूसरे दिन बदल दें। घर के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर सतर्कता जरूरी है। मॉल व दुकान चलाने वाले लोग भी खाली जगहों पर रखे डिब्बे और कार्टनों में पानी जमा नहीं होने दें। जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें।
डेंगू के लक्षण :
•अचानक तेज सिर दर्द व तेज बुखार
•मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना
•आंखों के पीछे दर्द होना जो कि आंखों को घुमाने से बढ़ता है
•जी मिचलाना एवं उल्टी होना
गंभीर मामलों में नाक मुंह मसूड़ों से खून आना
•त्वचा पर चकत्ते उभरना
बचाव के उपाय:
•एडिज के मच्छर साफ स्थिर पानी में पनपते हैं
•कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान इत्यादि को प्रति सप्ताह खाली करें एवं धूप में सुखाकर प्रयोग करें
•घरों के दरवाजे व खिड़कियों में जाली परदे लगाए.