सदर अस्पताल के अलावा सात अन्य स्वास्थ्य संस्थानों के लक्ष्य प्रमाणीकरण को लेकर कवायद तेज

लक्ष्य प्रमाणीकरण के लिए आरपीएम ने सदर अस्पताल किया निरीक्षण

सदर अस्पताल के अलावा सात अन्य स्वास्थ्य संस्थानों के लक्ष्य प्रमाणीकरण को लेकर कवायद तेज
– 26,27 अगस्त को राज्य स्तरीय टीम करेगी मूल्यांकन
– मे आई हेल्प यू जल्द शुरू करने का दिया निर्देश
– प्रसव कक्ष में सभी 36 प्रकार के पंजीयन को अपडेट का किया मूल्यांकन
-सुविधाओं की ब्रांडिंग के लिए किया जाता हैं मूल्यांकन
-लक्ष्य योजना के तहत पहले भी की जा चुकी है ग्रेडिंग

मधुबनी

सदर अस्पताल प्रसव गृह व मातृत्व ओटी के लक्ष्य प्रमाणीकरण की कवायद शुरू की गई है। विदित हो कि हर 3 साल पर प्रमाणीकरण किया जाता है, 2020 में भी सदर अस्पताल के प्रसव गृह तथा मैटरनिटी ऑपरेशन थियेटर का लक्ष्य प्रमाणीकरण किया गया था। जिसमें सदर अस्पताल का प्रसव गृह लक्ष्य प्रमाणित हो गया था, वहीं इस वर्ष लक्ष्य प्रमाणीकरण की कवायद तेज कर दी गई है इसको लेकर शनिवार को क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल हौदा ने इस माह दूसरी बार प्रसव कक्ष का निरीक्षण किया जिस क्रम में उन्होंने प्रसव कक्ष में सभी 36 प्रकार के रजिस्टर के अपडेशन की जानकारी ली, साथ ही रिपेयरिंग वर्क को पूरा करने का निर्देश दिया, कचरा निस्तारण तथा साफ-सफाई को लेकर विशेष निर्देश दिया. बताया 26, 27 अगस्त को राज्य स्तरीय टीम के द्वारा मूल्यांकन किया जाएगा इसी को लेकर निरीक्षण कार्यक्रम किया गया है इस दौरान उन्होंने सदर अस्पताल में नवनिर्मित “मे आई हेल्प यू” काउंटर को भी जल्द से जल्द शुरू करने का निर्देश दिया. इस दौरान प्रसव कक्ष के एएनएम, टेक्निशियन,स्टाफ नर्स स्टाफ को प्रशिक्षित किया गया। आरपीएम ने बताया प्रसव कक्ष तथा ओटी के गुणवत्ता को इंप्रूव करने के लिए बेहतर कार्य किया गया है इनफेक्शन कंट्रोल में सुधार हुआ है इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया जा रहा है। लेकिन कुछ खामियां जिसे दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है. वहीं सदर अस्पताल के अलावाजिले के 7 स्वास्थ्य संस्थानों को लक्ष्य के लिए तैयार किया जा रहा है जिसके तहत एचडीएच झंझारपुर, एसडीएच जयनगर, हरलाखी, बिस्फी, राजनगर, खुटौना, लौकही में लक्ष्य प्रमाणीकरण को लेकर कार्य किया जायगा .

भौतिक निरीक्षण कर 8 इंडीकेटरों की होती हैं जांच:

लक्ष्य योजना के तहत केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा लक्ष्य प्रमाणीकरण के 8 मानकों (इंडीकेटरों ) जिसमें मुख्य रूप से सेवा प्रावधान (सर्विस प्रोविजन), रोगी का अधिकार, इनयूट्रस, सपोर्ट सर्विसेज, क्लिनिकल सर्विसेज, इंफेक्शन कॉंट्रोल, क्वालिटी मैनेजमेंट, आउटकम शामिल है। इन सभी आठों इंडीकेटरों का कुल 362 उपमानकों पर अस्पताल के प्रसव कक्ष एवं शल्य कक्ष का लगभग 6 से 9 महीनों तक लगातार क्वालिटी सर्किल (संस्थान स्तर पर), ज़िला कोचिंग दल (ज़िला स्तर पर) इसके अलावा क्षेत्रीय कोचिंग दल द्वारा लगातार पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण कर आवश्यकता अनुसार सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता है। प्रशिक्षण के बाद अस्पताल का भौतिक निरीक्षण किया जाता है हैं और यह देखा जाता हैं कि प्रशिक्षण लेने के बाद स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा कार्य किया जा रहा है या नहीं। साथ ही उपरोक्त आठों इंडीकेटरों इंडिकेटर्स के अनुरूप पंजी का संधारण व नियमानुसार समुचित ढंग से रखा जाता है या नहीं, इससे संबंधित निरीक्षण किया जाता है।

सुविधाओं की ब्रांडिंग के लिए किया जाता है मूल्यांकन:

प्रभारी अस्पताल अधीक्षक डॉ डीएस मिश्रा ने बताया प्रसव कक्ष में देखभाल सुविधाओं का मूल्यांकन के बाद प्रसूति कक्ष और मैटरनिटी ऑपरेशन थियेटर में गुणवत्ता सुधार का मूल्यांकन राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) के माध्यम से किया जाना है। उसके बाद ही एनक्यूएएस पर 70% अंक प्राप्त करने वाली प्रत्येक सुविधाओं को लक्ष्य प्रमाणित सुविधा के रूप में प्रमाणित किया जाएगा। इसके अलावा एनक्यूएएस स्कोर के अनुसार लक्ष्य प्रमाणित सुविधाओं की ब्रांडिंग की जाएगी। 70 से 80 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को सिल्वर की श्रेणी में रखा जाता है। जबकि 81 से 90 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को गोल्ड की श्रेणी में रखा जाता है। वहीं 91 से 100 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को प्लेटिनम की श्रेणी में रखा जाता है। इन सभी को श्रेणियों में को प्रशस्ति पत्र व प्रोत्साहन के रूप में नकद राशि प्रदान की जाती है दिया जाता हैं।

लक्ष्य योजना के तहत पहले भी हो चुकी है ग्रेडिंग:

अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद ने बताया सदर अस्पताल के लेबर रूम को लक्ष्य योजना के तहत वर्ष 2020 में ही प्रमाणित किया जा चुका है। लक्ष्य कार्यक्रम के तहत तीन स्तर पर रैंकिंग की जाती है। जिसमें पहले स्तर पर जिला, दूसरे स्तर पर क्षेत्रीय (रीजनल) एवं तीसरे स्तर पर राष्ट्रीय रैंकिंग की जाती है. । प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिए अस्पताल को 75 अंक प्राप्त करना होता है।

इन मानकों पर तय किया जाता है हैं पुरस्कार:
-अस्पताल की आधारभूत संरचना
-साफ-सफाई एवं स्वच्छता
-जैविक कचरा निस्तारण
-संक्रमण रोकथाम
-अस्पताल की अन्य सहायक प्रणाली
-स्वच्छता एवं साफ़-सफाई को बढ़ावा देना

मौके पर केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी, अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद, प्रसव कक्ष इंचार्ज माधुरी कुमारी,केयर डीपीओ धीरज कुमार, डॉ राहुल रंजन डीटीओ एफ, ज्योति डागर (एनएमएस ) रणविजय कुमार सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे.

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