विश्वविद्यालय द्वारा पूरे हर्षोल्लास के साथ हॉकी के जादूगर और पद्म भूषण से सम्मानित मेजर ध्यानचंद  की जयंती मनायी गयी

विश्वविद्यालय खेल एवं सांस्कृतिक विभाग , ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा द्वारा पूरे हर्षोल्लास के साथ हॉकी के जादूगर और पद्म भूषण से सम्मानित मेजर ध्यानचंद  की जयंती मनायी गयी जिसमें विभिन्न खेलों के खिलाड़ियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय खेल पदाधिकारी प्रो० अजय नाथ झा के कर-कमलों द्वारा मेजर ध्यानचंद के चित्र पर पुष्प अर्पित करने के साथ हुआ। उन्होंने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में मेजर ध्यानचंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मेजर ध्यानचंद का सम्पूर्ण जीवन खेल और देश के प्रति समर्पित रहा है। सन् 1936 के ओलंपिक हॉकी फ़ाइनल मैच में भारत ने जर्मनी को 8-1 से हरा दिया था। जिसमें ध्यानचंद ने अकेले 3 गोल किए थे। भारत की इस जीत के बाद हिटलर तुंरत स्टेडियम छोड़ कर चला गया था। वहीं शाम को जब हिटलर ने ध्यानचंद से पूछा कि तुम हॉकी खेलने के अलावा क्या करते हो, तो उनका जवाब था भारतीय सेना का सैनिक हूं। इसके बाद हिटलर ने उन्हें जर्मनी की सेना में भर्ती होने का ऑफ़र दिया लेकिन उन्होंने यह कह कर ठुकरा दिया कि देश को आगे बढ़ाना मेरी ज़िम्मेदारी है। मेजर ध्यानचंद से न केवल खेल जगत अपितु हर भारतीय को सीख मिलती आई है तथा वो आज भी हम सभी के लिए आदर्श रूप में जीवंत है । हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को गोल करने की अद्भुत कला प्राप्त थी। खेल के मैदान में जब इनकी हॉकी उठती थी, तो विपक्षी टीम बिखर जाता था। इन्हे सही अर्थों में श्रद्धांजलि तभी अर्पित होगी जब देश के युवा वर्ग इनके द्वारा बताये हुये मार्ग पर प्रशस्त होंगे और भारत का नाम पुनः अग्रणी करेंगे। उन्होंने कहा कि आज का खेल दिवस ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के लिए हर्षोल्लास का विषय है क्योंकि इस विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार खेल के क्षेत्र में इतना अच्छा परिणाम प्राप्त हुआ है जिसका श्रेय सर्वप्रथम हमारे आदरणीय कुलपति प्रो० एस० पी० सिंह को तथा हमारे खिलाड़ियों को जाता है। खेल के क्षेत्र में यह सत्र एक स्वर्णिम सत्र रहा है जिसमें विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों ने न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने कठोर परिश्रम का लोहा मनवाया है और हम सभी को गौरवान्वित होने का एक सुनहरा पल दिया है । इस स्वर्णिम सत्र में हमारे विश्वविद्यालय ने कुल आठ प्रतियोगिताओं में उपलब्धियां हासिल की है जिन्हें आज के शुभ अवसर पर याद करके खिलाड़ियों के कठोर परिश्रम और कर्तव्यनिष्ठा को सम्मानित करना आवश्यक हो जाता है। इस मौके पर एम०एल०एस०एम० महाविद्यालय के खेल पदाधिकारी प्रो० विजय शंकर झा ने कहा कि खेल दिवस वस्तुतः खेल के संबंध में जागरुकता फैलाने का दिन है। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद ने अपने जीवन में तमाम कठिनाइयों और संघर्षों का सामना करते हुए हॉकी खेल में भारत का नाम ऊंचा किया था इसलिए इनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनका जीवन हम सभी को एक अनुशासित जीवन जीने और अपने कार्यों को पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा के साथ करना सिखाता है। मेरा पूर्ण विश्वास है कि यदि हम उनके बताये हुए पदचिन्हों पर चलेंगे तो हमारे संघर्षों के मध्य सफलता के फूल अवश्य खिलेंगे। स्पोर्ट्स एक्सपर्ट श्री मनीष राज ने कहा कि अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से सम्पूर्ण विश्व में भारत को विशिष्ट पहचान दिलाने वाले हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद जी की आज जयंती है। मैं हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद जी की जयंती पर उनका स्मरण कर नमन करता हूं। भारत को लगातार तीन ओलम्पिक खेलों में ‘स्वर्ण पदक’ दिलाने वाले इस महान खिलाड़ी के सम्मान में भारत सरकार द्वारा उनकी जयंती को “राष्ट्रीय खेल दिवस” के रूप में मनाया जाता है। हॉकी के इस महान खिलाड़ी ने 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया था और तीनों ही बार देश को गोल्ड मेडल दिलाने में कामयाबी हासिल की। देश को इनके जैसा खिलाड़ी दुबारा नहीं मिला। विश्वविद्यालय के हाल के सत्र पर यदि हम गौर करे तो यह सत्र खेलों के लिए बेहतरीन साबित हुआ हैं जिसके लिए मैं अपने तमाम खिलाड़ियों को बधाईयाँ और शुभकामनाएं देता हूं। इस शुभ अवसर पर हम सभी आशा करते है कि खेल जगत उनके द्वारा दिए गए आदर्शों को आत्मसात् करेगा और नयी बुलंदियों को प्राप्त कर सम्पूर्ण विश्व में देश का नाम रौशन करेगा। मुझे खुशी है कि इस दिशा में हमारा विश्वविद्यालय सही रूप में कार्यरत हैं जिसके कारण विश्वविद्यालय को विभिन्न खेलों में सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे है। इस अवसर पर विभाग के श्री राम श्रृंगार राम, श्री सुमित कुमार झा, कबड्डी प्रशिक्षक श्री अमित कुमार, सुदर्शन कुमार, अजीत कुमार, विक्की झा के साथ-साथ फुटबॉल कबड्डी एवं अन्य खेल के महिला एवं पुरुष खिलाड़ी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। अंत में राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर विश्वविद्यालय खेल एवं संस्कृति विभाग के तत्वाधान में महिला एवं पुरुष कबड्डी फ्रेंडली मैच का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन खेल पदाधिकारी प्रो. अजय नाथ झा ने किया । कार्यक्रम का समापन श्री राम श्रृंगार राम के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

 

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