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स्त्री व प्रसूति रोग विभाग के 10 साल से बंद पड़े पेइंग वार्ड के कमरे को मरीजों के लिये खोला

स्त्री व प्रसूति रोग विभाग के 10 साल से बंद पड़े पेइंग वार्ड के कमरे को मरीजों के लिये खोला

कमरा को दुरुस्त करने के बाद बुकिंग की प्रक्रिया शुरू

डीएमसीएच अधीक्षक के पहल पर महिला मरीज व परिजनों को मिली सुविधा

अब 12 कमरा में लंबे उपचार के लिये रह सकेंगे महिला मरीज

अजित कुमार सिंह

दरभंगा. डीएमसीएच के गायनी विभाग के पेइंग वार्ड में 10 साल से बंद पड़े अतिरिक्त पांच कमरों में महिला मरीजों को ठहरने की सुविधा उपलब्ध हो गयी है. अधीक्षक डॉ हरिशंकर मिश्रा के सार्थक प्रयास से अब वार्ड में 12 कमरा उपयोग के लायक हो गया है. रविवार को अधीक्षक ने विधिवत इस कमरे को मरीजों को सुपूर्द कर दिया. इससे पहले वार्ड में केवल सात कमरा ही था. अब रूम की संख्या बढ़ जाने से मरीज व परिजनों को यहां रहने में सहूलियत होगी है. इसके अलावा बाथरूम, बिजली व पानी की सुविधा को भी बेहतर कर दिया गया है. बता दें कि सोमवार से कोई भी मरीज 50 रुपया देकर इसे बुक करा सकते हैं. इसके लिये मरीजों को आवेदन लेकर अधीक्षक कार्यालय में संबंधित विभाग में संपर्क करना होगा. विदित हो कि 24 घंटे के लिये यह बुकिंग मान्य होगा. कमरा बुक करने के समय मरीज के परिजनों को सात दिन का शुल्क जमा करना होगा. मालूम हो कि 24 घंटे के हिसाब से मरीजों को शुल्क देय होगा.

अन्य पांच रूम को भी किया जायेगा दुरुस्त

विभागीय जानकारी के अनुसार विभाग में और पांच कमरा बेकार पड़ा हुआ है. फिलहाल उसमें सामानों को रखा गया है. इसका इस्तेमाल स्टोर के रूप में किया जा रहा है. इसकी जानकारी अधीक्षक डॉ हरिशंकर मिश्रा को दे दी गयी है. अधीक्षक ने इस कमरा को भी उपयोग में लाने के लिये पहल करने की बात कही है. इसके लिये कर्मियों को आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दिया. साथ ही अन्य समस्याओं को भी इंगित करने को कहा है, ताकि उसका निदान किया जा सके.

रोजाना पहुंचते डेढ़ सौ से अधिक मरीज

बता दें कि गायनिक विभाग के ओपीडी में रोजाना डेढ़ सौ से अधिक मरीज व परिजन उपचार के लिये पहुंचते हैं. इसमें दरभंगा के अलावा समस्तीपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल जिला के मरीज शामिल हैं. यहां लंबे उपचार के लिये कमरा नहीं मिलने पर बाहर शुल्क देकर रेस्ट हाउस बुक करना पड़ता है, लेकिन पेइंग वार्ड में कमरों की संख्या बढ़ने से ऑपरेशन के बाद महिलाओं के परिजनों को इधर- उधर भटकने से कुछ हद तक निजात मिल जायेगी. अधीक्षक डॉ हरिशंकर मिश्रा ने कहा कि वर्षों से बंद पड़े पांच कमरा को दुरुस्त कर मरीजों के उपयोग के लिये सौंप दिया गया है. अन्य कमरों को भी रहने के लायक बनाने की कोशिश की जा रही है.

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