मधुबनी जिले के रहिका प्रखंड के इजरा स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में टीबी स्क्रीनिंग कैंप लगाया गया जिसमें 101 मरीजों का स्क्रीनिंग किया गया।

रहिका प्रखंड के इजरा स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में लगाया गया टीबी स्क्रीनिंग कैंप

-स्वास्थ्य विभाग व डॉक्टर फॉर यू द्वारा लगाया गया कैंप
-100 से अधिक लोगों का किया गया स्क्रीनिंग


मधुबनी जिले के रहिका प्रखंड के इजरा स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में टीबी स्क्रीनिंग कैंप लगाया गया जिसमें 101 मरीजों का स्क्रीनिंग किया गया. जिसमें 15 लोगों का बलगम सीबी नट जांच के लिए भेजा गया 20 लोगों का एक्सरे के लिए रेफर किया गया उसके साथ ही 40 लोगों का ब्लड शुगर जांच किया गया कैंप का आयोजन स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टर फॉर यू द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कैंप में लोगों की जांच की गई और टीबी को लेकर जागरूक किया गया। इस कैम्प के आयोजन को लेकर माइकिंग भी करायी गई थी । मौके पर संचारी रोग पदाधिकारी डॉक्टर जीएम ठाकुर ने कहा कि जांच के साथ लोगों को टीबी के प्रति जागरूक किया गया। उन्हें टीबी के लक्षण, बचाव और इलाज की जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि टीबी की बीमारी में बीच में दवा नहीं छोड़नी चाहिए। जब तक बीमारी ठीक नहीं हो जाए, तब तक दवा का सेवन करते रहना चाहिए। ऐसा करते रहने से टीबी जल्द ठीक हो जाता लेकिन अगर दवा बीच में छोड़ देते हैं तो एमडीआर टीबी होने का खतरा हो जाता है। उन्होंने कहा कि एमडीआर टीबी हो जाने के बाद बीमारी ठीक में समय लग जाता है। इसलिए शिविर में लोगों को नियमित तौर पर दवा का सेवन करने की सलाह दी गई। साथ ही पोषण पर भी ध्यान देने की बात कही गई। पोषण के लिए सरकार की तरफ से जब तक दवा चलती है, पांच सौ रुपये की राशि भी मिलती है। लोगों को उस पैसे से अपने लिए पौष्टिक आहार लेते रहने की सलाह दी गई।

टीबी के प्रति समुदाय में फैलाई जा रही जागरूकता :

डीपीसी पंकज कुमार ने बताया कि टीबी को लेकर अभियान लगातार जारी है। एक तरफ पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने का अभियान जारी है इसके अलावा स्कूलों और घनी आबादी वाले क्षेत्र में भी लोगों को टीबी के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इस काम में जिले के टीबी चैंपियन भी सहयोग कर रहे हैं। टीबी के लक्षण, इलाज और बचाव की जानकारी लोगों की दी जा रही है। साथ ही टीबी की बीमारी को लेकर सरकार जो भी योजनाएं चला रही , उनके बारे में लोगों को बताया जा रहा है। सामुदायिक स्तर पर फैलने के बाद टीबी जैसी बीमारी पर काबू पाने में सहायता मिलेगी। इसी उद्देश्य के साथ इजरा में कैंप लगाया गया था।

निक्षय मित्र बन टीबी रोगियों से निभाएं सच्ची मित्रता:

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ.जी. एम. ठाकुर ने कहा कि टीबी रोग के उन्मूलन में सामान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, गैर सरकारी संस्थान, कॉर्पोरेट संस्थान अपनी मजबूत भागीदारी निभा सकते हैं. इसके लिए सरकार ‘निक्षय मित्र’ बनने का मौका दे रही है. अभियान के तहत ‘निक्षय मित्र’ बनने वाले व्यक्ति या संस्थान मरीजों को पोषण, डायग्नोस्टिक और रोजगार के स्तर पर मदद कर उनसे सच्ची मित्रता निभा सकते हैं.उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और जिला यक्ष्मा केंद्र ने अपील की है कि ‘निक्षय मित्र’ बनकर टीबी रोगियों की सहायता करने का संकल्प लें. इसके तहत कोई भी सामान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, राजनीतिक दल, गैर सरकारी संस्थान, कॉर्पोरेट संस्थान ‘निक्षय मित्र’ बनकर टीबी रोगियों की मदद कर सकते हैं. पोषण, जांच और रोजगार से जुड़ी मदद कर टीबी मुक्त जिला बनाने में अपना योगदान कर सकते हैं.

कैंप को सफल बनाने में डॉक्टर जीएम ठाकुर, डीपीसी पंकज कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजेंद्र महतो, डॉ शैलेश कुमार, बीसीएम सुबेश अनल, डॉ. एम. ए. रहमान, डीटीसी के एसटीएलएस अमीरुद्दीन अंसारी, डॉक्टर फॉर यू के सचिव साकेत झा, जिला समन्वयक शशि मिश्रा एवं उनकी टीम मौजूद रहे.

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