सीतामढ़ी कैलाश सत्यार्थी को नोबेल शांति पुरस्कार मिलने की आठवीं वर्षगांठ के अवसर पर बाल सभा का हुआ आयोजन

श्री कैलाश सत्यार्थी को नोबेल शांति पुरस्कार मिलने की आठवीं वर्षगांठ के अवसर पर बाल सभा का हुआ आयोजन

नोबेल शांति पुरस्कार मिलने पर सत्यार्थी ने विश्व के उन बच्चों को समर्पित किया था , जिनकी पहचान बाल श्रमिकों के रूप में होती है

सीतामढ़ी:- बथनाहा प्रखंड के किशनपुर गाँव स्थित मध्य विद्यालय में बाल समिति के अगुवाई में बचपन बचाओ आंदोलन के संस्थापक नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी को नोबेल शांति पुरस्कार मिलने की आठवी वर्षगांठ पर बाल सभा का आयोजन किया गया । बाल सभा में बाल अधिकारों के लिए कार्य करने वाले श्री कैलाश सत्यार्थी के संघर्ष को बताया गया वही बाल श्रम , बाल तस्करी , बाल विवाह जैसी बुराइयों से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देकर जागरूक किया गया साथ ही दो सौ छात्र – छात्राओं के बीच कलम का वितरण कर उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित किया गया । इस अवसर पर सभी ने मिलकर बाल श्रम बाल विवाह जैसी बुराइयों के रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करने का संकल्प लिया । बचपन बचाओ आंदोलन के सहायक परियोजना अधिकारी मुकुंद कुमार चौधरी ने बताया की श्री सत्यार्थी ने नोबेल शांति पुरस्कार मिलने पर विश्व के उन बच्चों को समर्पित किया था , जिनकी पहचान बाल श्रमिकों के रूप में होती है , उन्होंने कहा कि जब तक गरीब का बच्चा-बच्चा शिक्षित नहीं होगा तब तक बाल मजदूरी को पूरी तरह समाप्त नहीं किया जा सकता है। इस दिशा में बचपन बचाओ आंदोलन का प्रयास जारी है। उन्हें समाज से भी इस मामले में सहयोग की प्रत्याशा है। बाल सभा में शिक्षक राजेश कुमार, संजीत कुमार सुनील कुमार सुशील कुमार सहित दो सौ से अधिक छात्र-छात्राएं शामिल थे।

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