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समस्तीपुर मलेरिया एक प्रकार का बुखार है, किसी भी उम्र के लोगों को ले सकता है चपेट में

मलेरिया से बचने को पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े पहनें
-मलेरिया कार्यक्रम को लेकर आशा फैसिलिटेटर का प्रशिक्षण आयोजित

-मलेरिया एक प्रकार का बुखार है, किसी भी उम्र के लोगों का ले सकता है चपेट में

 

समस्तीपुर  मलेरिया कार्यक्रम अंतर्गत आशा फैसिलिटेटर का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सदर अस्पताल स्थित निक्कू हॉल में किया गया। जिसमें हसनपुर, विथान, रोसरा, सिंधिया, शिवाजी नगर, विभूतिपुर, खानपुर, वारिसनगर, कल्याणपुर एवं पूसा की आशा फैसिलिटेटर ने भाग लिया। , प्रशिक्षण को संबोधित करते हुए , भीबीडीसीओ डॉ विजय कुमार ने मलेरिया होने के कारण उसके बचाव एवं उपचार पर विस्तृत रूप से चर्चा की। .जिला वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. विजय कुमार ने कहा कि मलेरिया प्लाजमोडियम नामक परजीवी से संक्रमित मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया एक प्रकार का बुखार है जो किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। इसमें कंपकंपी के साथ 103 से लेकर 105 डिग्री तक बुखार होता है। कुछ घंटों के बाद पसीने के साथ बुखार उतर जाता है, लेकिन बुखार आते-जाते रहता । उन्होंने कहा कि फेलसीपेरम मलेरिया (दिमारी मलेरिया) की अवस्था में तेज बुखार होता है। खून की कमी हो जाती है। बुखार दिमाग पर चढ़ जाता है। फेफड़े में सूजन हो जाती है। पीलिया एवं गुर्दे की खराबी फेलसीपेरम मलेरिया की मुख्य पहचान है।

सोते समय मच्छरदानी का करें प्रयोगः

डॉ. कुमार ने मलेरिया से बचने की सलाह देते हुए कहा कि पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े पहनें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आसपास जलजमाव वाली जगहों को मिट्टी से भर दें। जलजमाव वाले स्थान पर केरोसिन तेल या डीजल डालें। घर के आसापस बहने वाली नाले की साफ-सफाई करते रहें। उन्होंने कहा कि मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में सरकार की तरफ से डीडीटी का छिड़काव कराया जाता है। छिड़काव कर्मियों के आने पर उनका सहयोग करें और छिड़काव की तिथि की जानकारी ग्रामीणों को दें।

सरकारी अस्पतालों में जांच और इलाज की मुफ्त व्यवस्थाः

सिविल सर्जन डॉ एसके चौधरी ने कहा कि मलेरिया बुखार होने पर पीड़ित व्यक्ति को नजदीकी सरकारी अस्पताल जाना चाहिए। खून की जांच में मलेरिया निकलने पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा लेनी चाहिए। सरकारी अस्पतालों में इसकी निःशुल्क जांच और इलाज की व्यवस्था है। मलेरिया फैलाने वाला मच्छर किसी स्थान पर ठहरे हुए साफ पानी और धीमी गति से बहने वाली नालियों में अंडे देते और वहां पर पनपते हैं ।

आशा के लिए प्रोत्साहन राशि की भी व्यवस्थाः

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ कुमार ने बताया कि आशा कार्यकर्ता क्षेत्र में जाकर मलेरिया के लक्षण वाले मरीजों की आरडीटी किट से जांच कर रही हैं। प्रति जांच उन्हें 15 रुपये की राशि देने की भी व्यवस्था है। साथ ही मरीज मिलने पर उसका इलाज कराने पर 75 रुपये प्रति मरीज अलग से दिए जाने की व्यवस्था है। साफ है कि जिले को मलेरिया से मुक्त करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। 2030 तक मलेरिया को खत्म करने का लक्ष्य है, इसे लेकर प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही।

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