डा सुनील ने इण्डियन बिलडिन्ग कान्ग्रेस मे लहराया बिहार का परचम
मधुबनी जिला के खिरहर गाँव निवासी एवं पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता डा सुनील कुमार चौधरी ने नई दिल्ली में विग्यान भवन में आयोजित 24 वा इण्डियन बिलडिन्ग
कान्ग्रेस ” डेवलपमेंट आफ न्यू ग्रीन फ़ील्ड टाउनशिप “मे दो शोध पत्र प्रस्तुत कर राष्ट्रीय स्तर पर बिहार का परचम लहराया।डा चौधरी के शोध पत्र का शीर्षक था- 1.सेल्फ़ सस्टनेबल टाउनशिप- एन स्मार्ट एण्ड इंटेलिजेंट अर्बन सेन्टर एवं 2 .इनविरान्मेन्टल सस्टनेबलिटी आफ ग्रीन फ़ील्ड टाउनशिप प्रोजेक्ट । आपदा रोधी ,पर्यावरण के अनुकूल एवं संक्षरण रोधी समाज निर्माण के लिए कृतसंकल्पित तथा विज्ञान एवं तकनीक के विभिन्न पहलुओं को समाज के अन्तिम पंक्ति के लोगों तक पहुंचाने को कटिबद्ध डा चौधरी ने ग्रीन फ़ील्ड टाउनशिप के निर्माण एवं प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की ।पर्यावरण संरक्षण एवं आपदा रोधी समाज निर्माण आन्दोलन के पर्याय बन चुके डा चौधरी ने ग्रीन फ़ील्ड टाउनशिप को इनवरान्मेन्टली सस्टनेबल एवं सेल्फ़ सस्टनेबल बनाने के पहलुओं पर बड़े ही सहज-सरल एवं रोचक ढंग से प्रकाश डाला।वे इण्डियन बिलडिन्ग कान्ग्रेस में दो शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले भारत, बिहार एवं पथ निर्माण विभाग के पहले अभियंता हैं। उन्होने बताया कि भारत एक बहुआपदा प्रवण देश है जो बाढ एवं सुखाड़ की मार झेलता रहा है ।उन्होने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में भारत के हर राज्य में स्मार्ट सिटी का निर्माण होना है ।ऐसे में जरूरी है कि ग्रीन फ़ील्ड टाउनशिप के निर्माण एवं प्रबंधन में सेल्फ़ सस्टनेबल, इनवरान्मेन्टल सस्टनेबल, क्लाइमेट एवं डिजास्टर रेजिलिएन्ट एप्रोच अपनाया जाय।इनविरान्मेन्टल सस्टनेबलिटी विकास के साथ कार्बन फुट प्रिन्ट को कम करके की प्रक्रिया है ।डिजास्टर रेजिलिएन्ट एप्रोच डिजास्टर के साथ जीने की कला है ।उन्होने बताया कि जिस तरह से जनसंख्या वृद्धि हो रही है एवं प्रदूषण, अपशिष्ट पदार्थों का उत्सर्जन बढ रहा है सेल्फ़ सस्टनेबल एवं इनवरान्मेन्टल सस्टनेबल ग्रीन फ़ील्ड टाउनशिप को बढ़ावा देने की नितांत जरूरत है।डॉ चौधरी ने मेसो,माइक्रो एवं मैक्रो लेवल टाउनशिप प्लानिंग में इनविरानमेन्टल सस्टनेबलिटी एवं डिजास्टर रेजिलिएन्ट एप्रोच को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया ।उन्होने बताया कि विकास ऐसा हो जो विनाश से बचाये ,विकास ऐसा हो जो पर्यावरण को बचाये तथा विकास ऐसा हो जो सतत प्रगति की राह को दिखाये।डा चौधरी ने इनविरान्मेन्टल सस्टनेबलिटी एवं सेल्फ सस्टनेबल ग्रीन फ़ील्ड टाउनशिप को भारत मे बन रहे पाँच लार्ज स्केल टाउनशिप के केस स्टडी के द्वारा बड़े ही सहज-सरल एवं रोचक ढंग से प्रस्तुत किया ।भारत में इनविरानमेन्टली सस्टनेबल ग्रीन फ़ील्ड टाउनशिप के निर्माण एवं प्रबंधन की बात करनी है तो इनोवेटिव, कौस्ट इफेक्टिव एण्ड ग्रीन रिवोल्यूशनरी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना होगा, साथ ही पॉलिसी एवं गवरनेन्स में आमूल-चूल परिवर्तन लाना होगा । डॉ चौधरी ने इनविरानमेन्टली सस्टनेबल ग्रीन फ़ील्ड टाउनशिप के निर्माण एवं प्रबंधन के लिए इन्टिग्रेटेड एप्रोच अपनाने की जरूरत बताई । साथ ही सेल्फ सस्टनेबल एवं ग्रीन ट्रान्सपोर्ट की जोरदार वकालत की ।इसके लिए समाज में लोगो को जागरूक करना होगा ।उन्होने बताया कि पुराने सिटीज को स्मार्ट बनाने की बजाय उसे डिजास्टर रेजिलिएन्ट बनाना ज्यादा श्रेयस्कर होगा।साथ ही ग्रीन फ़ील्ड डिजास्टर रेजिलिएन्ट स्मार्ट सिटीज के निर्माण को बढ़ावा देना होगा ।पिछले पाँच वर्षों में भारत में स्मार्ट सिटीज एवं डिजास्टर रेजिलिएन्ट निर्माण एवं प्रबंधन के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम हुआ है।पर्यावरण प्रबंधन रोड मैप बनाया गया है ।क्लाइमेट एवं डिजास्टर रेजिलिएन्ट निर्माण पर बड़े पैमाने पर काम हो रहा है । ऐसे में पारम्परिक निर्माण एवं प्रबंधन में बदलाव की जरूरत है ।डा चौधरी ने निर्माण कार्य में अभिकल्प एवं मटेरियल के विशिष्टयो एवं प्रबंधन नीतियों में बदलाव की जरूरत की जोरदार वकालत की एवं इस दिशा में शोध को बढ़ावा देने की जरूरत बताई ।उन्होने निर्माण कार्य में प्लास्टिक, जूट,भेटिभर ग्रास,फ्लाइ ऐश के उपयोग पर बल दिया ।।उन्होने बताया कि ऐसे पौधों को लगाने की जरूरत है जो कार्बन डाई ऑक्साइड का शोषण कर सके। उन्होने बताया कि इनवरान्मेन्टल सस्टनेबल एवं सेल्फ़ सस्टनेबल डिजास्टर रेजिलिएन्ट निर्माण एवं प्रबंधन पर समाज के हर तबके को जागरूक करने के अभियान को एक आन्दोलन का रूप देकर पूरा देश में फैलाने की जरूरत है । डा चौधरी अन्तरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के तकनीकी एवं सामाजिक संगठनों से जुड़कर जलवायु परिवर्तन जनित आपदा एवं उससे निपटने के लिए डिजास्टर रेजिलिएन्ट एवं कौस्ट इफेक्टिव टेक्नोलॉजी को समाज के अन्तिम पंक्ति के लोगों तक पहुंचाने का काम करते रहे हैं ।डा चौधरी बिहार राज्य अभियंत्रण सेवा संघ के पूर्व सचिव भी रह चुके हैं ।उन्होने निम्नलिखित पंक्तियों के साथ अपनी बात समाप्त की-
बिहार के हम अभियंता, आसमां है हद हमारी,
जानते हैं चान्द सूरज, ज़िद हमारी, जद हमारी ।
हम वही जिसने कि पर्यावरण प्रबंधन का ग्यान साधा,
हम वही जिसके लिए दिन रात की उपजी न बाधा ।
इन उजालो का यही पैगाम ले आये हैं हम,
ग्रीन फ़ील्ड टाउनशिप ,हाँ मगर पर्यावरण अनुकूल बनायेंगे हम।
अन्त मे उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया ।