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किसान सभा की बैठक में आन्दोलन की बनी रणनीति

किसान सभा की बैठक में आन्दोलन की बनी रणनीति

 

 

किसानों का हत्यारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह,हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर और गृह मंत्री अनिल विज अविलंब इस्तीफा दे तथा उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए।

शहीद युवा किसान शुभंकर सिंह के परिवार को पर्याप्त मुआवजा दो एवं उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी दो।

पंजाब की सरजमीं पर अवैध रूप से घुसकर पुलिसिया तांडव मचाने,गोलीबारी,हत्या,आंसू गैस,भीषण लाठीचार्ज एवं ट्रैक्टर के साथ तोड़फोड़ कर भारी नुकसान पहुंचाने की घटना की सुप्रीम कोर्ट के जज से अविलंब न्यायिक जांच करवाया जाए तथा दोषी लोगों पर कठोर कार्रवाई की मांग को लेकर 23 फरवरी को किसान सभा ने काला दिवस मनाते हुए अजय भवन में जिलाध्यक्ष राजीव कुमार चौधरी की अध्यक्षता में अखिल भारतीय किसान सभा की बैठक हुई। जिसको सम्बोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष राम कुमार झा ने कहा कि डब्लू टी ओ की किसान विरोधी नीति के खिलाफ डब्लू टी ओ छोड़ने के लिए भारत सरकार को मजबूर करने हेतु 26 फरवरी को ट्रैक्टर पैरेड राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों पर निकाला जाएगा।

14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसानों,मजदूरों छात्रों,नौजवानों,महिलाओं,एवं बुद्धजीवियों का विशाल किसान महापंचायत में भाग लेने के लिए बिहार से 50000 किसान,मजदूर,छात्र,नौजवान एवं महिलाए दिल्ली कुच करेंगे।

किसान आंदोलन में फूट पैदा करने,हरियाणा-पंजाब के बीच झगड़ा फंसाकर किसान आंदोलन को खत्म करने की साजिश तथा हर मुसीबत की घड़ी में देश के लिए अकुत कुर्बानी देने को हमेशा तत्पर पंजाब के आमलोगों पर जलियांवाला बाग कांड के लिए कुख्यात जेनरल डायर से भी ज्यादा क्रूर दमनात्मक कार्रवाई के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उनके आदेश पाल खट्टर एवं अनिल विज से इस्तीफे की मांग करते है। पंजाब के अंदर गैर कानूनी तौर पर घुसकर किसानों के ऊपर वेबजह गोलीबारी करने,एक 23साल का होनहार युवा किसान शुभंकर की हत्या,आंसू गैस का गोला बर्षाने,भीषण लाठी चार्ज कर सैकड़ो किसानों को घायल करने और ट्रैक्टर पर हमला कर भारी नुकसान पहुंचाने की पुलिसिया नंगा नाच के खिलाफ पंजाब सरकार अविलंब मुकदमा दर्ज करे तथा कठोर कार्रवाई करें। किसानों के ऊपर हुए पुलिस जोर-जुल्म की सुप्रीम कोर्ट के किसी न्यायाधीश से अविलंब न्यायिक जांच करवाई जाए। वर्ना पंजाब और बिहार सहित संपूर्ण देश में आंदोलन छेड़ने को किसान मजबूर होंगे। किसानों को कृषि पैदावार का एम एस पी नहीं देने और गरीबों को जन वितरण प्रणाली के माध्यम से अनाज योजन को बंद करने के लिए दबाव दे रही डब्लू टीओ की नीति कृषि प्रधान भारत में किसान-मजदूर एवं गरीब विरोधी है। इस नीति से हमारी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं संप्रभुता पर खतरा पैदा हो रही है। इसलिए किसानों,मजदूरों एवं गरीबों से आह्वान करते है कि गांव-गांव में सामूहिक बैठके आयोजित कर

डब्लू टीओ से बाहर होने के लिए भारत सरकार पर दबाव डालने हेतु डब्लू टीओ की अबू धाबी में 26 फरवरी को होने वाली आगामी बैठक के दिन यातायात में बगैर अवरोध पैदा किए राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों पर 26 फरवरी को ट्रैक्टर परेड कर मोदी सरकार को डब्लूटीओ से हटने के लिए हम मजबूर करेंगे। बैठक में उक्त कार्यक्रम की रणनीति बनायी गयी। मौके पर जिला महासचिव अहमद अली तमन्ने, किसान नेता विश्वनाथ मिश्र, शैलेन्द्र मोहन ठाकुर, चन्देश्वर प्रसाद सिंह, रामनरेश राय, आदि अपने विचार रखें।

 

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