युवाओं के सर्वांगीण विकास हेतु ”एक भारत- श्रेष्ठ भारत” कार्यक्रम सर्वोत्तम–डॉ चौरसिया
संस्कृति के निर्माण में भौगोलिक परिवेश की भूमिका अहम–डॉ रीता दुबे
‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम भारत सरकार की एक बेहतरीन योजना है, जिसके द्वारा युवाओं में अपने राष्ट्र के प्रति प्रेमभाव बढ़ रहा है।यह युवाओं के सर्वांगीण विकास हेतु सर्वोत्तम योजना है।इसके संचालन से राष्ट्रीय एकता को भी मजबूती मिल रही है।उक्त बातें सी एम कॉलेज,दरभंगा के सेमिनार हॉल में आयोजित ‘एक भारत- श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ आर एन चौरसिया ने कहा।उन्होंने कहा कि इसके मार्फत युवा एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जोड़ते हैं और वे विकास तथा समाज की मुख्यधारा में आ जाते हैं।इससे उनके चरित्र का निर्माण तथा व्यक्तित्व का विकास भी होता है।साथ ही उनमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
मुख्य वक्ता के रूप में डॉ मीनाक्षी राना ने कहा कि युवाओं पर ही राष्ट्र का भविष्य निर्भर है।हर संस्कृति की अपनी विशेषताएं होती हैं।इस सराहनीय कार्यक्रम के माध्यम से युवा पीढ़ी विशेष रूप से मिजोरम तथा त्रिपुरा राज्यों की खान-पान,वेश-भूषा, रहन-सहन को जान सकेंगे और यहां की सभ्यता व संस्कृति से उन्हें भी अवगत कराएंगे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में एनएसएस पदाधिकारी डॉ प्रीति त्रिपाठी ने कहा कि भारत विविधताओं तथा विभिन्न संस्कृतियों का देश है।यह कार्यक्रम एक-दूसरे से मिलने-जुलने तथा जानने-समझने की अच्छी पहल है।इसमें युवाओं की अधिक से अधिक भागीदारी आवश्यक है।सम्मानित अतिथि के रूप में हिंदी के प्राध्यापक डॉ रूपेंद्र झा ने कहा कि मिजोरम में शिकारा- व्यवस्था तथा झूम खेती आजीविका का मुख्य साधन है। वहां की गीत-नृत्य भी प्रसिद्ध है।
अध्यक्षीय संबोधन में हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो अखिलेश राठौर ने कहा कि ‘पहाड़ों की धरती कहे जाने वाले मिजोरम’ के लोग बड़े ही सरल,सहज एवं संवेदनशील होते हैं।वहां का लैंगिक अनुपात भी काफी बेहतर है। वहां मिजो जनजाति मुख्य रूप से पाई जाती है जो मिजो भाषा एवं संस्कृति के पोषक हैं।कार्यक्रम में आचार्य विकाश कुमार,डॉ ललित शर्मा,फैकेल्टी रवि कुमार, नीरज कुमार,अमरजीत कुमार,सुधांशु कुमार रवि, जूही झा,श्रेया कुमारी,अनिमा कुमारी,नीलू कुमारी,जया बोहरा,लालबाबू,संदीप झा, उत्सव मिश्रा,वरुण कुमार, निखिल कुमार झा तथा सूरज कुमार ठाकुर सहित 100 से अधिक व्यक्ति उपस्थित थे।
आगत अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम का संचालन करते हुए “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” की महाविद्यालय नोडल पदाधिकारी डॉ रीता दुबे ने कहा कि किसी भी प्रदेश की संस्कृति के निर्माण में उसके भौगोलिक परिवेश का महत्वपूर्ण योगदान होता है।मिजोरम जंगल एवं पहाड़ बाहुल्य प्रांत है,जहां बांस की बहुतायत है।इस कारण बांस वहां के रोजमर्रा की जिंदगी एवं संस्कृति में शामिल है।वहां बांस के तरह-तरह की कलाकृतियां बनाई जाती हैं, जिनका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी काफी सराहना की गई है। उन्होंने बताया कि मिजो सभ्यता-संस्कृति से संबंध निबंध प्रतियोगिता का आयोजन महाविद्यालय में 28 जनवरी,2020 को किया जाएगा। कार्यक्रम में मिजो की सभ्यता,संस्कृति तथा उसके नृत्य पर आधारित तीन लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।कार्यक्रम का संचालन स्वयंसेवक सुधांशु कुमार रवि ने किया।