श्रम संसाधन विभाग के धावा दल द्वारा बाल श्रमिक को कराया गया विमुक्त
दरभंगा श्रम अधीक्षक, किशोर कुमार झा द्वारा बताया गया कि बिरौल प्रखण्ड के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी कुणाल कुमार के नेतृत्व में बिरौल प्रखण्ड, दरभंगा के विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में धावा दल के टीम द्वारा सघन जाँच अभियान चलाया गया।
सघन जाँच अभियान के दौरान धावा दल की टीम द्वारा *रॉयल एनफील्ड पार्ट्स एंड सर्विस सेंटर,सुपौल बाजार, बिरौल से एक बाल श्रमिक*को विमुक्त कराया गया।
विमुक्त बाल श्रमिक को बाल कल्याण समिति के समक्ष उपस्थापित कर निर्देशानुसार उन्हें बाल गृह में रखा गया है।
बाल एवं किशोर श्रम ( प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत नियोजक के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है।
श्रम अधीक्षक श्री किशोर कुमार झा ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत गैरकानूनी है तथा बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को 20 हजार से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना और 02 वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि राशि को जमा नहीं कराने वाले नियोजक के विरुद्ध एक सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र वाद अलग से दायर किया जाएगा।
श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि पात्र बाल श्रमिक को शैक्षणिक पुनर्वास के अतिरिक्त तीन हजार रुपये की तत्काल सहायता राशि तथा माननीय मुख्यमंत्री राहत कोष से 25 हजार रूपये की राशि भी दी जाती है,जिसे उनके 18 वर्ष की आयु पूरी करने की अवधि तक का एफडी कराया जाता है, जो उनके आगे की पढ़ाई या अन्य कार्यों में मदद के लिए प्राप्त होता है।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त उनके परिवार को प्राथमिकता के आधार पर विभिन्न विभागों की कल्याणकारी योजनाओ से आच्छादित भी कराया जाता है जिसकी मॉनिटरिंग जिलाधिकारी के द्वारा प्रत्येक माह के जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों से की जाती है।
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में दरभंगा जिले के विभिन्न प्रखंडों से धावा दल के द्वारा अब तक 07 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराकर उनका पुनर्वासन लगातार कराया जा रहा है।
धावा दल की टीम के द्वारा आज बिरौल प्रखण्ड, दरभंगा के विभिन्न क्षेत्रों सभी दुकान एवं प्रतिष्ठानों में सघन जाँच की गई तथा सभी नियोजको से किसी भी बाल श्रमिक को नियोजित नहीं करने हेतु एक शपथ पत्र भरवाया गया।
श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि धावा दल नियमित रूप से प्रत्येक सप्ताह संचालित होगा तथा दरभंगा शहर के अलावा सभी अनुमंडल मुख्यालय एवं प्रखंड मुख्यालयों में भी धावा दल संचालित किया जाएगा तथा बाल श्रमिकों को नियोजित करने वाले नियोजकों के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।