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• जीविका दीदियों ने संभाला डीएमसीएच की सफाई व्यवस्था • एक सप्ताह में आया क्रांतिकारी बदलाव।  • डीपीएम ऋचा गार्गी ने पर्यवेक्षकों के कार्यों की समीक्षा कर स्थलों का निरीक्षण किया । 

जीविका दीदियों ने संभाला डीएमसीएच की सफाई व्यवस्था, एक सप्ताह में आया क्रांतिकारी बदलाव।

डीपीएम ऋचा गार्गी ने पर्यवेक्षकों के कार्यों की समीक्षा कर स्थलों का निरीक्षण किया ।

 

दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (डीएमसीएच) में पहले से संचालित ‘जीविका दीदी की रसोई’ की सफलता के बाद, अब साफ-सफाई की व्यवस्था भी जीविका दीदियों को सौंप दी गई है। जब से जीविका दीदियों ने इस जिम्मेदारी को संभाला है सफाई व्यवस्था में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जीविका दीदियां न केवल मुस्तैदी से सफाई का काम कर रही हैं, बल्कि अपनी निष्ठा और समर्पण से पूरे अस्पताल परिसर में सफाई के स्तर को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं।

मंगलवार को जिला परियोजना प्रबंधक (डीपीएम) डॉ. ऋचा गार्गी ने सफाई व्यवस्था का जायजा लेने के लिए सभी पर्यवेक्षकों के साथ एक समीक्षा बैठक की। बैठक में डीपीएम ने पर्यवेक्षकों को अपने कार्यों को ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डीएमसीएच जैसी बड़ी संस्थान में सफाई का काम चुनौतीपूर्ण है, लेकिन जीविका दीदियों ने जिस प्रकार पिछले सप्ताह से यह जिम्मेदारी उठाई है, उससे अस्पताल परिसर में साफ-सफाई के स्तर में पहले से ही बड़ा सुधार देखने को मिल रहा है।

 

समीक्षा के दौरान, पर्यवेक्षकों ने डीपीएम के सामने अपने काम के दौरान आ रही समस्याओं को भी रखा। डीपीएम ने इन समस्याओं का समाधान निकालने के लिए नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे पर्यवेक्षकों को आवश्यक सामग्री और पहचान पत्र समय पर उपलब्ध कराएं, ताकि काम में किसी प्रकार की रुकावट न हो।

डीपीएम और वाईपी ने किया स्थलों का निरीक्षण

समीक्षा बैठक के बाद, डीपीएम डॉ. गार्गी और वाईपी (यंग प्रोफेशनल) तृषा ने डीएमसीएच परिसर में उन तीन भवनों का निरीक्षण किया, जहां फिलहाल जीविका दीदियां सफाई का काम कर रही हैं। निरीक्षण के दौरान, डीपीएम ने दीदियों के कार्यों पर संतोष व्यक्त किया और सफाई व्यवस्था में और सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए।

डीपीएम ने कहा, “डीएमसीएच में साफ-सफाई का यह कार्य काफी चुनौतीपूर्ण है, लेकिन जीविका दीदियों ने जिस तरह से काम संभाला है, उससे अस्पताल का परिदृश्य पहले से ही बदल चुका है। हम आने वाले समय में और बेहतर परिणामों की उम्मीद कर सकते हैं।”

वाईपी तृषा ने निरीक्षण के दौरान जानकारी दी कि वर्तमान में डीएमसीएच के इन तीन प्रमुख भवनों मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य भवन, सर्जरी भवन, और सुपर स्पेशलिटी भवन में जीविका दीदियां सफाई सेवाएं प्रदान कर रही हैं। उन्होंने बताया कि सफाई व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए 17 पर्यवेक्षकों और 150 जीविका दीदियों को तैनात किया गया है, लेकिन जरूरत पड़ने पर इस संख्या को और बढ़ाया जा सकता है।

अस्पताल प्रबंधन ने भी इस बदलाव की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि जीविका दीदियों के समर्पण से डीएमसीएच की सफाई व्यवस्था में और भी सुधार होगा।

संचार प्रबंधक राजा सागर ने कहा डीएमसीएच में ‘जीविका दीदी की रसोई’ की सफलता के बाद अब सफाई व्यवस्था भी जीविका समूहों को सौंपे जाने से यह मॉडल एक उदाहरण बनता जा रहा है, जो न केवल अस्पताल में बेहतर सेवाएं सुनिश्चित कर रहा है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।

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