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मंत्री रत्नेश सादा का दरभंगा दौरा: शराबबंदी जागरूकता और सतत् जीविकोपार्जन योजना की सराहना, गरीब परिवारों को मिली आर्थिक मदद 

मंत्री रत्नेश सादा का दरभंगा दौरा: शराबबंदी जागरूकता और सतत् जीविकोपार्जन योजना की सराहना, गरीब परिवारों को मिली आर्थिक मदद

दरभंगा बिहार सरकार के मध निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री रत्नेश सादा ने शनिवार को दरभंगा जिले का दौरा किया और महादलित बस्ती में आयोजित शराबबंदी जागरूकता कार्यक्रम में भाग लिया। यह कार्यक्रम बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘जीविका’ और ‘कला जत्था’ के सहयोग से आयोजित किया गया था, जिसमें समाज के अत्यंत निर्धन परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने और शराबबंदी के लाभों के प्रति जागरूकता फैलाने का उद्देश्य था।

 

मंत्री सादा ने अपने संबोधन में शराबबंदी नीति की सराहना करते हुए इसे बिहार में सामाजिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने शराब और नशे से होने वाले दुष्प्रभावों को विस्तार से समझाते हुए सभी उपस्थित लोगों को नशे से दूर रहने और शिक्षा से जुड़कर गरीबी को समाप्त करने का संदेश दिया। उन्होंने बोर्ड पर नशे के दुष्प्रभावों के बारे में लिखते हुए सभी से आह्वान किया कि वे नशे से दूर रहकर अपने और अपने परिवारों की भलाई का ध्यान रखें।

 

**सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत आर्थिक सहायता और रोजगार के साधन वितरित**

 

इस मौके पर मंत्री सादा ने सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत दरभंगा जिले के 671 लाभार्थी परिवारों को दो करोड़ दो लाख एकावन हजार रुपये की आर्थिक सहायता का प्रतीकात्मक चेक प्रदान किया। इसके अलावा, 6 इलेक्ट्रिक रिक्शा और एक ठेला का फीता काटकर अनावरण किया गया और जीविका दीदियों को चाभी सौंपी गई। इस पहल का उद्देश्य इन परिवारों को रोजगार के स्थायी साधन प्रदान करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सहयोग देना है।

 

**सतत् जीविकोपार्जन योजना की सफलता की सराहना**

 

मंत्री सादा ने ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत जीविका द्वारा संचालित सतत् जीविकोपार्जन योजना की सफलता की प्रशंसा करते हुए कहा, “यह योजना अत्यंत निर्धन परिवारों को गरीबी के कुचक्र से बाहर निकालने में मदद कर रही है। अब तक 2.01 लाख से अधिक परिवार इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं, जो कि एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।”

 

डीपीएम ऋचा गार्गी ने योजना का उद्देश्य बताते हुए कहा कि इसका लक्ष्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और अन्य अत्यंत निर्धन परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के माध्यम से लाभार्थी परिवारों को न केवल वित्तीय सहायता दी जाती है, बल्कि उन्हें क्षमता विकास, परिसंपत्तियों के निर्माण, और विभिन्न लाभकारी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, जन वितरण प्रणाली के तहत राशन कार्ड, शौचालय, और आयुष्मान कार्ड से भी जोड़ा जाता है, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार हो सके।

 

**रूबी, रेनू, और संजुला जैसी लाभार्थियों के सफल उदाहरण**

 

मंत्री सादा ने योजना के प्रभाव को स्पष्ट करते हुए रूबी देवी, रेनू देवी, और संजुला देवी जैसे लाभार्थियों के उदाहरण दिए, जिन्होंने सतत् जीविकोपार्जन योजना का लाभ उठाकर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार किया है। रूबी देवी, जिन्होंने अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए पहले मजदूरी की थी, अब इस योजना की मदद से एक किराना दुकान चला रही हैं। रेनू देवी, जो पहले ताड़ी और देशी शराब की बिक्री में शामिल थीं, अब एक चाय और स्नैक्स की दुकान चलाती हैं और साथ ही किराना व्यवसाय और बकरी पालन कर अपनी आय बढ़ा रही हैं। संजुला देवी, जिन्होंने पहले आर्थिक तंगी का सामना किया था, अब अपने सफल व्यवसाय के माध्यम से अपने परिवार की सभी आवश्यकताओं को पूरा कर रही हैं।

 

**गरीब परिवारों में नई आशा का संचार**

 

मंत्री सादा ने कहा कि सतत् जीविकोपार्जन योजना ने बिहार के अत्यंत निर्धन परिवारों के जीवन में एक नई आशा का संचार किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सही मार्गदर्शन, वित्तीय सहायता और अवसर मिलने पर अत्यंत निर्धन परिवार भी आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बन सकते हैं।

 

इस कार्यक्रम में संचार प्रबंधक राजा सागर, तृषा, अजय राव, राहुल बिलटू, आशीष कुमार, मनोरमा मिश्रा, ब्रजेश कुमार, नीरज, धीरज, सिकंदर आजम, देवदत्त झा, सोफ़िया, सुजाता, रिंकू सहित कई अन्य कर्मी और हजारों जीविका दीदियों ने भाग लिया, जिन्होंने इस जागरूकता कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दिया।

 

मंत्री रत्नेश सादा ने कार्यक्रम के सफल संचालन और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जीविका और अन्य संबंधित संस्थाओं की भी सराहना की।

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