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आकाशवाणी दरभंगा केंद्र को बंद करने के विरुद्ध शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन आयोजित 

आकाशवाणी दरभंगा केंद्र को बंद करने के विरुद्ध शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन आयोजित

प्रसार भारती द्वारा जारी फरमान के आलोक में आकाशवाणी दरभंगा को बंद कर इसे मात्र रिले केंद्र के रूप में क्रियान्वित किए जाने के निर्णय के विरोध में विद्यापति सेवा संस्थान ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को आकाशवाणी के मुख्य द्वार को बाधित कर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया। संस्थान के इस कार्यक्रम के समर्थन में आकर अखिल भारतीय मिथिला संघ, सखी बहिनपा मैथिलानी संगठन, मिथिला समाज रहिका एवं मिथिला लोक संस्कृति मंच ने धरना प्रदर्शन को मजबूती प्रदान करते हुए एकजुटता का प्रदर्शन किया।

विद्यापति सेवा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ बुचरू पासवान की अध्यक्षता में आयोजित धरना प्रदर्शन में संस्थान के महासचिव एवं मिथिला मैथिली आंदोलन के शीर्षास्थ स्तंभ डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि वर्ष 1976 में आकाशवाणी दरभंगा केंद्र की स्थापना मैथिली भाषा के विकास एवं मिथिला की गौरवशाली संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के साथ इस क्षेत्र में रोजगार सृजन का अवसर तलाशते हुए किया गया था। प्रसार भारती के तानाशाही फरमान को सिरे से खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि आकाशवाणी दरभंगा केंद्र को मैथिली भाषा का स्वतंत्र केंद्र स्थापित करने के लिए मिथिला के साढे आठ करोड़ लोगों को साथ लेकर सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने इस मसले पर मिथिला के जन प्रतिनिधियों से मातृभूमि एवं मातृभाषा के प्रति संवेदनशीलता का परिचय देते हुए आगे आने का आह्वान किया।

अखिल भारतीय मिथिला संघ के अध्यक्ष विनय कुमार झा संतोष ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक तरफ जहां संविधान को मैथिली में अनूदित कर अपनी सदाशयता प्रदर्शित की है वहीं मिथिला की हृदय स्थली में स्थापित आकाशवाणी केंद्र को बंद किए जाने की साजिश समझ से परे है। मिथिला लोक संस्कृति मंच के महासचिव प्रो उदय शंकर मिश्र ने कहा कि आकाशवाणी दरभंगा को बंद किए जाने का निर्णय घोर निंदा का विषय है। इसके विरुद्ध जोरदार आंदोलन किया जाएगा। सखी बहिनपा मैथिलानी संगठन की अध्यक्ष आरती झा ने कहा कि सरकार के इस तानाशाही निर्णय के खिलाफ मिथिला और मिथिला के बाहर रह रही मिथिला की बेटियां देशव्यापी आंदोलन करेंगी।

मिथिला समाज रहिका के शीतलांबर झा ने कहा कि जहां मैथिली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने की कवायद चल रही है, ऐसे में इस तरह की अटकलबाजी केंद्र सरकार की कथनी और करनी में फर्क को दर्शाता है। मौके पर मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने कहा कि जिस आकाशवाणी केंद्र से प्रधानमंत्री के मन की बात का भी प्रसारण विशेष रूप से मैथिली में की जाती हो, उसे बंद करने की कवायत घोर निंदाजनक है। धरना प्रदर्शन के उपरांत डॉ बुचरू पासवान के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने आकाशवाणी केंद्र दरभंगा को साढ़े आठ करोड़ मैथिली भाषियों की भावना का सम्मान करते हुए इसे मैथिली भाषा का स्वतंत्र केंद्र खोले जाने संबंधी ज्ञापन सहायक केंद्र निदेशक के एन झा को सौंपा। इस शिष्टमंडल में डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू, विनय कुमार झा संतोष, प्रो उदय शंकर मिश्र, आरती झा एवं विद्यापति सेवा संस्थान के मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा शामिल थे। धरना प्रदर्शन में शैलेंद्र कुमार कश्यप, रोशन झा, प्रो विजय कांत झा, विनोद कुमार झा, प्रो चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई, रामनाथ पंजियार, प्रतिभा स्मृति, लक्ष्मी सिंह ठाकुर, हरिकिशोर चौधरी, प्रो राजकिशोर झा, राजीव चौधरी, पंकज कुमार, महेश झा, चंद्र मोहन झा पड़वा, शिव शंकर झा, राजेश सिंह ठाकुर, श्याम राम, उदयकांत मिश्र, शुभानंद कुमर, दुर्गानंद झा, डॉ राम सुभग चौधरी आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

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