जीविकोपार्जन ने बदली पुतुल की दशा

दरभंगा जिले के सदर प्रखंड के कंसी गांव की रहने वाली पुतुल देवी की जिंदगी कभी संघर्ष से भरी हुई थी। शादी के बाद कुछ वर्ष तक उनका जीवन सामान्य रहा लेकिन जब उनके पति शराब के आदी हो गए तब हालत बिगड़ने लगी शराब से उनके पति मानसिक रूप से बीमार हो गया। पुतुल देवी ने उनका इलाज करवाने के लिए रांची तक का सफर तय किया. लेकिन 4 साल तक इलाज के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ। इस कठिन परिस्थितियों में पुतुल देवी को अपने परिवार का भाड़ अकेले उठाना पड़ा. परिवार चलाने के लिए संघर्ष कर रही पुतुल देवी का चयन सतत जीविकापोर्जन योजना sjy के तहत जनवरी 2020 में अत्यंत गरीब परिवार के रूप में हो गया। सत्तत जीविकापोर्जन नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बिहार के द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण तथा महत्वाकांक्षी योजना है। राज्य सरकार द्वारा शराबबंदी से पूर्व देशी शराब तथा ताडी के उत्पादन तथा बिक्री में पारंपरिक रूप से जुड़े अत्यंत निर्धन तथा अनुसूचित जाति तथा जनजाति तथा अन्य समुदायों के चिन्हित परिवारों के लिए यह काफी उपयोगी योजना है। इसके तहत परिसंपत्ति क्रय करने के लिए 60 हजार से 01 लाख तक निवेश हेतु राशि दी जाती है। इसके तहत दुधारू पशु पालन बकरी मुर्गी पालन मधुमक्खी पालन नीरा अगरबत्ती व्यवसाय तथा कृषि गतिविधियों के लिए प्रदान की जाती है। ऐसे परिवारों को निशुल्क कौशल विकास तथा प्रशिक्षण भी दी जाती है। फरवरी 2021 में जीविका के सूरज ग्राम संगठन के माध्यम से उन्हें श्रृंगार दुकान शुरू करने के लिए सहायता दी गई। परिश्रम और सफलता से श्रृंगार दुकान शुरू करने के बाद पुतुल देवी ने अपने आमदनी को बढ़ाने के लिए मेहनत की धीरे-धीरे उनकी आय में वृद्धि हुई जिससे उन्होंने बचत करना शुरू किया। इस बचत से उन्होंने गाय पालन शुरू की इसके अलावा उन्होंने बकरी पालन भी शुरू की जिसकी कुल संपत्ति 50 हजार रूपये तक पहुंच चुकी है। आज पुतुल देवी की मासिक आय 9000 हजार तक हो गई है जिसमें लगातार वृद्धि हो रही है। इससे वह अपने तीनों बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा रही है सरकारी योजनाओं से लाभ पुतुल देवी को मिल रहा है जैसे राशन कार्ड जीवन बीमा PMJJBY / PMSBY उज्जवल योजना के तहत गैस कनेक्शन और शौचालय निर्माण आदि कई सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है साथ ही उनके पास बैंक खाता भी है जिससे वह वित्तीय रूप से और सशक्त हो रही है यह महिला सशक्तिकरण की मॉडल बन गई है। अब पुतुल देवी की व्यवसाय फल फूल रहा है लेकिन महत्वाकांक्ष आगे बढ़ाने की है वह अपने तीनों बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाना चाहती है ताकि वह एक बेहतर भविष्य बना सके। उनके दृढ संकल्प मेहनत और जीवित की सहायता से उनके जीवन में आशा की एक नई किरण जगी है। पुतुल देवी आज न केवल आत्मनिर्भर है बल्कि अपने गांव की अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन चुकी है उनकी यह कहानी साबित करती है की कठिनाइयों के बावजूद अगर हिम्मत और सही दिशा में प्रयास किया जाए तो सफलता निश्चित है महिला सशक्तिकरण के लिए बिहार सरकार द्वारा कई योजनाएं संचालित है।
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