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दरभंगा. जिला के 4489 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर  गर्भवती महिलाओं का गोदभराई का रस्म अदा किया गया।

जिला के 4489 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं की हुई गोदभराई की रस्म
महिलाओं के हाथ में फल देकर सफल व सुरक्षित प्रसव को ले दिया आशीष
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को विशेष देखभाल को ले दी गयी जानकारी
दरभंगा. जिला के 4489 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर  गर्भवती महिलाओं का गोदभराई का रस्म अदा किया गया।

दरभंगा news 24 live न्यूज़ डेस्क अजित कुमार सिंह रिपोर्ट

इसके तहत आंगनवाड़ी केन्द्रों को आकर्षक ढ़ंग से सजाया गया. हाथ में फल व अन्य सामग्री देकर सफल प्रसव का आशीष दिया गया. विदित हो कि सरकार बेहतर पोषण के लिये विभिन्न कार्यक्रमों को संचालित करती है. इसके तहत प्रत्येक माह की सात तारीख को आंगनवाड़ी केन्द्रों पर सात से नौ महीने की गर्भवती महिलाओं की गोद भराई करायी जाती है. इसमें गर्भवती महिलाओं को पोषक आहार वितरण के साथ बेहतर पोषण की जानकारी दी गयी।
हर्षोल्लास के साथ हुई गोद भराई
शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के केन्द्रो पर गर्भवती महिलओं को लाल चुनरी ओढा कर एवं माथे पर लाल टीका लगा कार्यक्रम की शुरुआत हुई. महिलाओं को विभिन्न व्यंजनों में शामिल सतरंगी फल, हरी सब्जियाँ एवं अन्य पोषक आहार दिए गए. साथ ही गर्भावस्था के दौरान पोषक आहार सेवन के विषय में गर्भवतियों को भी जागरूक किया गया. गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में विविधता लाने की सलाह दी गयी. आहार में दाल, बीन, दूध एवं दूध से निर्मित खाद्य पदार्थ, हरी साग-सब्जी, पीले फ़ल. मीट एवं मछली शामिल करने की बात बताई गयी. नियमित रूप से 4 प्रसव पूर्व जाँच, मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड में वजन का पंजीकरण के साथ नियमित रूप से प्रतिदिन आयरन की एक गोली एवं कैल्शियम की दो गोली खाने की सलाह दी गयी।
शहरी क्षेत्र के राम चौक स्थित आंगनवाड़ी केंद्र संख्या 75 पर गोदभराई रश्म के दौरान मौजूद पर्वेक्षिका शुरभि ने बताया कि गोदभराई का मुख्य उद्देश्य गर्भावस्था के आखिरी दिनों में बेहतर पोषण की जरूरत के विषय में गर्भवतियों को अवगत कराना है. गर्भावस्था के आखिरी दिनों में अधिक पोषण की जरूरत होती है. माता एवं गर्भस्थ शिशु के बेहतर स्वास्थ्य एवं प्रसव के दौरान होने वाली संभावित जटिलताओं में कमी लाने के लिए गर्भवती के साथ परिवार के लोगों को भी अच्छे पोषण पर ध्यान देना चाहिए. बेहतर पोषण एक स्वस्थ बच्चे के जन्म में सहायक होने के साथ गर्भवती महिलाओं में मातृ मृत्यू दर में कमी भी लाता है।
आखिरी दिनों में पोषण का रखें ख्याल : गर्भ के आखिरी महीनों में शरीर को अधिक पोषक तत्वों की जरूरत होती है.इस दौरान आहार में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट के साथ वसा की भी मात्रा होना जरुरी होता है. इसके लिए समेकित बाल विकास योजना के अंतर्गत आंगनवाडी केन्द्रों में गर्भवती महिलाओं को साप्ताहिक पुष्टाहार भी वितरित किया जाता है. इसके साथ महिलाएं अपने घर में आसानी से उपलब्ध भोज्य पदार्थों के सेवन से भी अपने पोषण का ख्याल आसानी से रख सकती हैं।

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