पप्पु यादव एवं कन्हैया कुमार अपनी सियासी जमीन तलाश कर रहे हैंः नजरे आलम
दरभंगा-
सीएए, एनपीआर और एनआरसी जैसे काले कानून के खिलाफ पूरा भारत एक है, यह बात भाजपा को भी भलिभांति ज्ञात है कि संविधान के रहते हुए यह कानून देश में कभी भी लागू नहीं हो सकता वो जानती है कि पिछले लोकसभा चुनाव में उसके गठबंधन को 39 प्रतिशत ही मत प्राप्त हुए हैं अर्थात 61 प्रतिशत मत विपक्ष के खेमे को गया है, यहाँ यह बात भी समझनी होगी जिन 39 प्रतिशत मतदाताओं ने भाजपा गठबंधन को अपना बहुमूल्य मत दिया है वो इसलिए नहीं दिया है कि भाजपा संविधान की अनदेखी करते हुए जो चाहे करे। उक्त बातें आॅल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवाँ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नजरे आलम ने कही। श्री आलम ने कहा कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी जैसे काले कानून को वापस कराने के समर्थन में लोग सड़कों पर उतरे और देखते ही देखते, भारतीयों ने पूरे देश के ज्यादातर शहरों में अनिश्चितकालीन धरना दे दिया जो अब भी जारी है। हम जानते है यह लड़ाई सीधे तौर पर अब जनता और सरकार के बीच है, इतिहास गवाह है सत्तापक्ष और जनता का जब भी आमना सामना हुआ है, विजय हमेशा जनता की ही हुई है।
अब ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि वो नेता जो न लोकसभा का सदस्य है न राज्यसभा का वो अपना विरोध दर्ज कैसे करे? स्वाभाविक है उसे भी सड़को पर आना होगा, अपनी पार्टी के साथ सत्याग्रह शुरू करनी होगी, बड़ा मार्च निकालना होगा अर्थात अनिश्चितकालीन आन्दोलन का हिस्सा बनना पड़ेगा।
आलम ने आगे कहा कि पप्पु यादव एवं कन्हैया कुमार जो दोनों आज बिहार से सीएए के खिलाफ खुदको मुखर बताते हुए भी वो रास्ता नहीं अपनाया जो गांधी जी का है। ये दोनों नेता जनता को बेवकुफ बनाकर सिर्फ और सिर्फ अपनी सियासी जमीन तलाश करने में लगे हैं। हमें ऐसे में सावधन रहने की जरूरत है, अन्यथा यह भारतीयों के द्वारा सीएए का विरोध एक हास्य बनकर रह जायगा।