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मधुबनी  सदर अस्पताल के सभागार में कोरोना वायरस की जागरूकता को लेकर जिले के पैरामेडिकल स्टाफ, एएएएम को सिविल सर्जन डॉ. किशोर चन्द्र चौधरी ने प्रशिक्षण दिया. इसके तहत सिविल सर्जन ने कोरोना की विस्तृत जानकारी दी

कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम को ले स्वास्थ कर्मियो को किया गया प्रशिक्षित
-प्रशिक्षणमें के दौरान जिले के पैरामेडिकल स्टाफ, ए एन एम ने लिया हिस्सा
कोरोना को लेकर अफवाह न फैलाए
जरूरी हो तभी निकले घर से बाहर
मधुबनी  सदर अस्पताल के सभागार में कोरोना वायरस की जागरूकता को लेकर जिले के पैरामेडिकल स्टाफ, एएएएम को सिविल सर्जन डॉ. किशोर चन्द्र चौधरी ने प्रशिक्षण दिया. इसके तहत सिविल सर्जन ने कोरोना की विस्तृत जानकारी दी

दरभंगा न्यूज़ 24 लाइव रिपोर्ट न्यूज़ डेस्क

. तथा उन्होंने सभी पैरामेडिकल स्टाफ को कहा कोई भी संदिग्ध मरीज आता है, तो उससे पूरी हिस्ट्री लेनी है. उस मरीज के साथ अमानवीय व्यवहार नहीं करना है. उसका समुचित उपचार किया जाना है. बताया कि इलाज के दौरान उससे 1 मीटर की दूरी बनाये रखना जरूरी है. चिकित्सा के दौरान उसके ब्लड सैंपल लेना है. जांच रिर्पोट में अगर मरीज पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे आइसोलेशन वार्ड में रखना है. इस दौरान पैरामेडिकल स्टाफ को एक फार्म ए दिया गया है. जिसमें कोरोना से संदिग्ध की पूरी हिस्ट्री नाम, मोबाइल नंबर, उम्र, ग्राम,पासपोर्ट संख्या आदि लेनी है. वह व्यक्ति पिछले 14 दिनों में कहां कहां गया है तथा किस देश से आया है, और किस तरह से आया है वह सारी सूचनाएं प्रवृष्ट करनी है.

मधुबनी में अब तक एक भी कोरोना का पॉजिटिव मरीज नहीं
सिविल सर्जन ने प्रशिक्षण के दोरान सभी स्वास्थ कर्मियों से कहा जिले में अबतक एक भी पॉज़िटिव मरीज नहीं पाया गया है उन्होंने स्वास्थ कर्मियों से कहा कि जरूरत हो तभी मास्क का प्रयोग करें. अन्यथा भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है. अगर कोई कोई मरीज और कोरोना से पॉजिटिव पाया जाता है तो उसके परिवार के सभी सदस्यों की जांच करनी जरूरी है.

संक्रमण से बचने के उपाय
सिविल सर्जन ने कहा कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अति आवश्यक हो तभी घर से बाहर निकले. नहीं तो दो या तीसरे दिन जरूरत के हिसाब से बाहर निकले. किसी व्यक्ति से आप 1 मीटर की दूरी पर ही बात करें या मिले. साबुन से कम से कम 20 सेकंड तक हाथों को धोएं.
दूसरे स्वस्थ्य व्यक्ति को बनाता संक्रमित:
जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं. इन कणों में कोरोना वायरस के विषाणु होते हैं. संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये विषाणुयुक्त कण सांस के रास्ते दूसरे स्वस्थ्य व्यक्ति शरीर में प्रवेश कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर अनजान वस किसी ऐसी जगह को छूते हैं, जहां ये कण गिरे हैं, और फिर उसके बाद उसी हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह को छूते हैं तो वहीं कण दूसरे स्वस्थ्य व्यक्ति के शरीर में पहुंचते हैं. इससे वह व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है.

संक्रमण से बचाव का सुझाव :
ख़ुद को दूसरों से अलग कर रखें . इसके अलावा भीड़- भाड़ वाले इलाकें में जाने से बचें. अनजान लोगो से दूरी बनाये रखें. इससे बचने के लिए आप नियमित रूप से और अपने हाथ साबुन और पानी से अच्छे से धोएं. अगर आप किसी ऐसी जगह को छूते हैं, जहां ये कण गिरे हैं और फिर उसके बाद उसी हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह को छूते हैं तो ये कण आपके शरीर में पहुंचते हैं. ऐसे में खांसते और छींकते वक्त टिश्यू का इस्तेमाल करना, बिना हाथ धोए अपने चेहरे को न छूना और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. प्रशिक्षण में ए सी एम ओ डॉक्टर सुनील कुमार डीएसपी के अनिल चक्रवर्ती, प्रीतम कुमार तथा सभी पैरामेडिकल स्टाफ एवं ए एन एम उपस्थित थे.

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