प्रधानमंत्री का कोरोना लॉक डाउन में एक बडा फैसला  संवाददाता अजित कुमार सिंह की रिपोर्ट  गया।

प्रधानमंत्री का कोरोना लॉक डाउन में एक बडा फैसला  संवाददाता अजित कुमार सिंह की रिपोर्ट
गया पुरे भारत में में संपूर्ण लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक फिर देशवासियों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के नौ दिन हो गए और देश में अनुशासन दिखा है देश में सामूहिकता नजर आ रही है। प्रशासन ने हालात को अच्छे से संभाला है।प्रधानमंत्री ने अपने विडियो संदेश में लोगों से लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने की अपील की है। कोरोना जैसे जानलेवा वायरस से लड़ने के लिए लोगों से घरों में रहने की अपील की है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 5 अप्रैल को रात 9 बजे घर की सारी लाइटें बंद करके मोमबत्ती, दिया , टॉर्च या मोबाइल की फ्लैश लाइटें 9 मिनट तक जरूर जलाएं।
आइए जानते हैं मोदी के भाषण की बड़ी बातें..

दरभंगा news 24 live

5 अप्रैल को हम सबको मिलकर कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है उसे प्रकाश की ताकत का परिचय करना है।इस 5 अप्रैल को हमें 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है।
*5 अप्रैल को कोरोना के अंधकार को चुनौती देनी है* प्रधानमंत्री ने कहा कि 5 अप्रैल को हम सबको मिलकर कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है उसे प्रकाश की ताकत का परिचय करना है। इस 5 अप्रैल को हमें 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। देशवासियों को महासंकल्प को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है।रविवार को रात 9 बजे मैं आप सबके 9 मिनट चाहता हूं। घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे पर या बालकनी में खड़े रहकर 9 मिनट
के लिए मोमबत्ती, दीया टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं। उस समय घर की सभी लाइटें बंद करेंगे, चारों तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक
दीया जलाएगा तब प्रकाश की उस महाशक्ति का अहसास होगा कि हम सब एक ही मकसद से लड़ रहे हैं।
कोई अकेला नहीं, गलियों या मोहल्लों में इकट्ठा नहीं होना है प्रधानमंत्री ने कहा किहम अपने मन में ये संकल्प करें कि हम अकेले नहीं हैं। कोई भी अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासी एक ही संकल्प के साथ
कृतसंकल्प करें। साथियों, मेरी एक और प्रार्थना है कि इस आयोजन के समय किसी को भी कहीं पर भी इकट्ठा नहीं होना है। रास्तों में ,गलियों में
या मोहल्लों में नहीं जाना है। अपने घर के दरवाजे या बलाकनी से ही इसे करना है।
*5 अप्रैल रविवार को मां भारती को करिए याद*
प्रधानमंत्री ने कहा कि 5 अप्रैल को रात में अकेले बैठकर मां भारती को याद करिए, ये हमें संकट की इस घड़ी से लड़ने की ताकत दे और जीतने का
आत्मविश्वास भी,हमारे यहां कहा गया है कि हमारे उत्साह, हमारी स्पिरिट से बढ़कर दुनिया में कोई फोर्स नहीं होता है। दुनिया में ऐसा कुछ भी
नहीं है जो हम इस ताकत से हासिल न कर पाएं।सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा नहीं लांघनी है प्रधानमंत्री ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा को कभी भी लांघना नहीं है। किसी भी हालत में सोशल डिस्टेंसिंग को तोड़ना नहीं है। कोरोना की चेन तोड़ने का यही रामबाण इलाज है।प्रधानमंत्री ने किया देश को विजयी बनाने का आह्वान सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा को कभी भी नहीं लांघना नहीं है। आइए साथ आकर, साथ मिलकर कोरोना को हराएं !
*भारत को विजयी बनाएं।*
लॉकडाउन में देशवासियों ने दिया सेवा भाव का परिचय प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में देशावासियों के सेवा भाव की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि देशवासी लॉकडाउन के 9 दिन हो गए हैं आपलोगों ने जिस
तरह सेवा भाव का परिचय दिया है। *शासन, प्रशासन और जनता ने मिलकर स्थिति को अच्छे ढंग से संभाला है।*
*जनता कर्फ्यू और थाली बजाना मिसाल बनगया है* जनता कर्फ्यू और थाली बजाना लोगों के लिए मिसाल बन गया है उन्होंने 22 मार्च रविवार को दिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले हर किसी का धन्यवाद किया, वह भी आज कई देशों के लिए मिसाल बन गया है जनता कर्फ्यू, या थाली बजाने का कार्यक्रम हो, इन्होंने इसकी सामूहिक शक्ति का असहास कराया। इससे पता चला कि देश एक होकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ सकता है।लॉकडाउन में जनता की सामूहिकता नजर आती हैप्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन में जनता की सामूहिकता नजर आई। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के समय में देश की और आप सभी की ये सामूहिकता
नजर आ रही है आज जब देश करोड़ों लोग घरों में है, तो किसी को लग सकता है कि वो अकेला क्या करेगा। ये सवाल भी मन में आते होंगे कि कितने दिन और रुकना पड़ेगा। हम अपने घरों में जरूर हैं लेकिन हममे से कोई भी अकेला नहीं है।130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है। समय समय पर देशवासियों की इस सामूहिक शक्ति कि विराटता और इसकी दिव्यता की अनुभूति करना आवश्यक है।
*बड़ी लड़ाई हमें लक्ष्य देता है* प्रधानमंत्री ने कहा कि देश जब इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो तो बार-बार जनता रूपी विराट शक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए, यह हमें मनोबल देता है, लक्ष्य देता है और उसकी प्राप्ति के लिए ऊर्जा भी देता है हमारा मार्ग और प्रशस्त करता है।
*हमें उजाले और निश्चितता की तरफ बढ़ना है* प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से फैले अंधकार के बीच हमें निरंतर प्रकाश के बीच जाना है।जो गरीब इस कोरोना संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, उन्हें निराशा से आशा की तरफ ले जाना है। इस कोरोना संकट से जो अंधकार और अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे समाप्त करके हमें उजाले और निश्चितता की तरफ बढ़ना है। देशवासियों को महासंकल्प को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। रविवार को रात 9 बजे मैं आप सबके 9 मिनट चाहता हूं घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे पर या बालकनी में खड़े रहकर नो मिनट के लिए मोमबत्ती ,दिया टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं एवं उस समय घर की सभी लाइटें बंद करेंगे,चारों तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दिया जलाएगा तब प्रकाश की उस महाशक्ति का अहसास होगा कि हम सब एक ही मकसद से लड़ रहे हैं।देशवासी लॉकडाउन के नौ दिन हो गए हैं। आपलोगों ने जिस तरह सेवा भाव का परिचय दिया है शासन, प्रशासन और जनता ने मिलकर स्थिति को अच्छे ढंग से संभाला है।हम अपने मन में ये संकल्प करें कि हम अकेले नहीं हैं। कोई भी अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासी एक ही संकल्प के साथ कृतसंकल्प करें। साथियों, मेरी एक और प्रार्थना है कि इस आयोजन के समय किसी को भी कहीं पर भी इकट्ठा नहीं होना है। रास्तों में , गलियों में या मोहल्लों में नहीं जाना है। अपने घर के दरवाजे या बलाकनी से ही इसे करना है। सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा को कभी भी लांघना नहीं है। किसी भी हालत में सोशल डिस्टेंसिंग को तोड़ना नहीं है। कोरोना की चेन तोड़ने का यही रामबाण इलाज है।

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