शिक्षा के केंद्र को सिर्फ परीक्षा का केंद्र ना बना कर रखे विश्वविद्यालय :छात्र सेना
छात्र सेना संस्थापक सदस्य सह पूर्व छात्रसंघ परिषद सदस्य राहुल राज ने लॉकडॉन के इस विकट समय में छात्र छात्राओं को हो रहे विभिन्न समस्याओं को लेकर
कुलपति को मेल के माध्यम से ज्ञापन सौंपा है ।ज्ञापन के माध्यम से राहुल ने कहा है कि विश्वविद्यालय के द्वारा देशव्यापी लॉकडॉन होने के बाद सभी अंगीभूत कॉलेजों को यह निर्देश दिया गया कि वह अपने छात्रों के लिए ऑनलाइन वीडियो क्लासेज शुरू करें जिसके बाद आनन फानन में कुछ कॉलेजों ने वीडियो भी डालना शुरू कर दिया वहीं कई कॉलेजों और लाखों की सैलरी पाने वाले प्रोफेसरों ने अभी तक क्लास लेना उचित भी नहीं समझा ।वहीं दूसरी ओर सम्बद्ध महाविद्यालय के छात्रों से विश्वविद्यालय समान नामांकन एवं परीक्षा शुल्क आदि लेती है लेकिन उनलोगों के लिए किसी भी प्रकार की पढ़ाई की सुविधा नहीं दी जा रही है ।विश्वविद्यालय शिक्षा केंद्र के जगह सिर्फ परीक्षा केंद्र बन कर रह गया है ।जहां छात्रों को पढ़ाने से अधिक डिग्री बांटने पर ध्यान दिया जा रहा है ।उन्होंने कहा कि लॉकडॉन के कारण गैर सरकारी क्षेत्र में काम करने वाले 90 प्रतिशत परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रही है साथ ही आगे भी लॉकडॉन बढ़ने की संभावना लग रही है इसको देखते हुए विश्वविद्यालय से जुड़े तमाम हॉस्टल के फीस को माफ किया जाए साथ ही छात्रों को अगले कक्षा में नामांकन एवं परीक्षा फीस में लगने वाली राशि को माफ किया जाए जिससे इस विपदा की घड़ी में छात्रों के माता पिता को थोड़ी राहत मिल सकें।आगे उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ऑनलाइन क्लास देने का प्रयास इस पिछड़े क्षेत्र में कर रही है साथ ही ऑनलाइन परीक्षा लेने के ऊपर भी विचार किया जा रहा है जो की सराहनीय प्रयास है लेकिन यह क्षेत्र आर्थिक रूप से सबसे पिछड़े क्षेत्रों में आता है जिस कारण यहां के 50 प्रतिशत छात्रों के पास स्मार्टफोन नहीं है ,विश्वविद्यालय उन सभी छात्रों को स्मार्टफोन /टैब उपलब्ध करवाए जिससे वह अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें और अच्छे से परीक्षा दे सकें ।ज्ञापन के माध्यम से कुलपति का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा है कि पूर्व में आये पीजी तृतीय सेमेस्टर के छात्रों के रिजल्ट में भारी धांधली की गई थी जिसमें सी एम साइंस कॉलेज केमिस्ट्री के छात्रों के साथ साथ विभिन्न कॉलेजों के छात्रों का रिजल्ट एक साजिश के तहत खराब कर दिया गया ।स्पेक्ट्रोस्कोपी पेपर में छात्रों को साजिश के तहत पीजी विभाग को ऊपर दिखाने के लिए .5 , 1.5 ,2 अंको से प्रमोट कर दिया गया है । बायो आर्गेनिक पेपर में 40 अंक के सवाल सेलेबस से बाहर पूछे गए थे वही सवाल पीजी विभाग के आंतरिक परीक्षा में भी पूछे गए थे इसके ऊपर जांच कमिटी गठित की जाए कि किस आधार पर विभागाध्यक्षों द्वारा मुख्य परीक्षा के सवाल आंतरिक परीक्षा में दे दिए गए थे ।साथ ही सभी केमिस्ट्री के कॉपी का पुनर्मूल्यांकन किया जाए ।छात्र नेता ने कहा है कि अगर इन मांगों पर जल्द कारवाई नहीं कि जाती है और छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखकर फैसला नहीं लिया जाता है तो संगठन आगे की रणनीति पर विचार करेगी ।