रिपोर्ट गुड्डू कुमार ठाकुर
सी एम कॉलेज के संस्कृत विभागाध्यक्ष ने प्रतिष्ठा के छात्रों को तैयारी हेतु दिया अनेक सुझाव
स्नातक प्रथम खण्ड के संस्कृत प्रतिष्ठा में अधिक अंक हेतु डा चौरसिया ने दिये कई कारगर टिप्स
मुसीबत की इस घड़ी में छात्र टूटे नहीं,बल्कि रिकॉर्ड तोड़ें–डा चौरसिया
सीएम कॉलेज,दरभंगा के संस्कृत विभागाध्यक्ष डा आर एन चौरसिया ने बताया कि संस्कृत अत्यंत ही रुचिकर एवं उच्च अंक दिलाने वाला लोकप्रिय विषय है, जिसमें छात्र शिक्षक से प्रत्यक्षत: अधिक जुड़े होते हैं।संस्कृत न केवल हमें अपनी प्राचीन सभ्यता व संस्कृति से अवगत कराता है,बल्कि एक परिपूर्ण एवं सर्वगुण संपन्न मानव भी बनाता है। लॉकडाउन के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति की पहल पर प्रधानाचार्यों के सकारात्मक प्रयास से शिक्षकों द्वारा तैयार पाठ्य सामग्री बेवसाइटों पर उपलब्ध हैं,जिनका भरपूर उपयोग संस्कृत के छात्र-छात्राएं भी कर सकते हैं। मुसीबत के समय अधिकांश लोग टूट जाते हैं, पर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो रिकॉर्ड तोड़ देते हैं। हमारे छात्र इस समय उपलब्ध पर्याप्त समय को अपनी शक्ति बनाकर अपने को बेहतर सिद्ध करते हुए रिकॉर्ड बनाए।
उन्होंने स्नातक प्रथम खंड में अध्ययनरत संस्कृत प्रतिष्ठा के छात्र-छात्राओं को परीक्षा की तैयारी करने तथा अधिक अंक प्राप्ति हेतु कई टिप्स देते हुए छात्रों से कहा कि प्रथम पत्र में 50 अंकों के “संस्कृत साहित्य का इतिहास” टॉपिक हेतु बलदेव उपाध्याय या डा सूर्यकांत आदि किसी भी लेखक के मूल पुस्तकों का अध्ययन करें। इसमें विशेष रूप से ऋग्वेद का रचनाकाल एवं वर्ण्य-विषय, यजुर्वेद तथा अथर्ववेद का वर्ण्य-विषय, रामायण और महाभारत का काल-निर्धारण एवं वर्ण्य- विषय, नाटक एवं महाकाव्य के लक्षण एवं परिचय तथा गीतिकाव्य एवं गद्यकाव्य के उद्भव व विकास के साथ ही प्रमुख गीति व गद्यकाव्यों का सामान्य परिचय तैयार करें। इस भाग से 10-10 अंकों के तीन दीर्घ उत्तरीय प्रश्न तथा 5-5 अंकों की चार टिप्पणियां पूछे जाते हैं;जिनके लिए परीक्षा में लगभग दोगुने वैकल्पिक प्रश्न दिए जाते हैं।
जबकि प्रथम पत्र के द्वितीय भाग में 50 अंकों के भट्टोजी दीक्षित लिखित “लघु सिद्धांत कौमुदी” से संज्ञा-प्रकरण,अच् संधि (प्रकृति उद्भाव को छोड़कर),हल संधि (रूप प्रकरण को छोड़कर) तथा उसके संधि-प्रकरण पाठ्यांश हैं,जिससे 5-5 अंकों के 5 सूत्रों की सोदाहरण व्याख्या तथा 5-5 अंकों के 5 सूत्रोलेख पूर्वक संधि प्रक्रिया के विवरण पूछे जाते हैं। व्याकरण के इस भाग के लिए संबंधित सूत्रों को याद रखना तथा उनका सोदाहरण व्याख्या करना जरूरी है।साथ ही संधि-प्रक्रिया का विवरण सूत्रोलेख पूर्वक करना आवश्यक है।
वहीं द्वितीय पत्र में 70 अंकों के अंतर्गत ‘पूर्वमेघ’ का 25 श्लोक तक, ‘किरातार्जुनीयम्’ का द्वितीय सर्ग तथा ‘गीता’ के 12वें अध्याय का अध्ययन आवश्यक है।इस भाग में तीनों ग्रंथों से 10-10 अंकों के एक-एक आलोचनात्मक प्रश्न आएंगे;जबकि 10-10 अंकों के दो श्लोकों के सप्रसंग व्याख्या तथा 10-10 अंकों के दो श्लोकों के हिंदी अनुवाद करना होगा। इस भाग में तीनों पुस्तकों की भूमिका भाग को विशेष रूप से पढ़ें। जबकि 30 अंकों के ‘काव्यदीपिका’ से 15 अंकों के एक आलोचनात्मक प्रश्न तथा 5-5 अंकों के तीन कारिकाओं की व्याख्या करना आवश्यक है। काव्यदीपिका कांतिचंद्र भट्टाचार्य का पढें। परीक्षा में प्रश्नोत्तर हेतु कई विकल्प उपलब्ध रहेंगे,जिनमें से अच्छे प्रश्नोत्तर को पहले लिखें।
*परीक्षा की सुव्यवस्थित तैयारी तथा उच्च अंक प्राप्ति के टिप्स*—
01.पाठ्यांश के सभी मूल पुस्तकों का गहन अध्ययन, 02.वेबसाइट पर उपलब्ध स्टडी मटेरियल का अधिकाधिक उपयोग, 02.ईमेल,व्हाट्सएप,फेसबुक तथा दूरभाष आदि के माध्यम से शिक्षकों से सलाह लेना, 03.सहपाठियों से मैटर डिस्कशन करना तथा पाठ्य-सामग्रियों का आदान-प्रदान करना, 04.गत कई वर्षों के प्रश्नोत्तर का अभ्यास कर,अपने शिक्षक से जांच कराना, 05.परीक्षा में शुद्धता,स्पष्टता तथा सुंदर हैंडराइटिंग में उत्तर लिखना,
06. परीक्षा भवन में पूर्ण आत्मविश्वास व अति शांत मन से जाना,
07.प्रश्न पत्रों को ध्यान पूर्वक पढ़-समझ कर ही उत्तर लिखना,
08.अपने प्रश्नोत्तर की जांच हेतु परीक्षा में आधे घंटे का समय बचाना,
09. निर्धारित समय में ही सभी प्रश्नों के उत्तर लिखने का प्रयास करना।
10. परीक्षा के दौरान निरीक्षकों के निर्देशों का पूर्णतः पालन करना,
11.परीक्षा का वाकआउट ना करना,ना ही किसी से उलझना।