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दरभंगा में भारत विकास परिषद् की नई शाखा “भारती मंडन” का हुआ गठन

दरभंगा में भारत विकास परिषद् की नई शाखा “भारती मंडन” का हुआ गठन
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रिपोर्ट गुड्डु कुमार ठाकुर

संस्थापक एवं सक्रिय सदस्यों से गठित शाखा में होंगे 100 से अधिक सदस्य
कोटा से मणिपुर जा रहे 40 से अधिक छात्रों को भोजन-पानी उपलब्ध कराकर हुआ शाखा के कार्यक्रमों की शुरुआत
नवगठित संस्था तत्काल कोरोना जागरूकता कार्यक्रम को देगा प्राथमिकता
स्वामी विवेकानंद जन्म शताब्दी वर्ष 1963 में स्थापित भारत विकास परिषद् एक सामाजिक, सांस्कृतिक एवं गैर राजनीतिक संस्था है, जिसकी देश भर में 1400 से अधिक शाखाएं कार्यरत हैं। यह समाज के प्रबुद्ध एवं संपन्न व्यक्तियों का संगठन है जो समाज में सेवा एवं संस्कार के माध्यम से भारतीय संस्कृति पर आधारित समाज-निर्माण हेतु कार्यरत है। उक्त बातें विश्वविद्यालय संगीत एवं नाट्य विभाग की प्राध्यापिका प्रो पुष्पम नारायण के मिर्जापुर,दरभंगा स्थित आवास पर यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व उप शाखा प्रबंधक अनिल कुमार ने दरभंगा में परिषद् की नई शाखा ‘भारती- मंडन’ के गठन हेतु आयोजित सात संस्थापक एवं सक्रिय सदस्यों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि परिषद् अपने पांच प्रमुख सूत्रों- सम्पर्क, सेवा, सहयोग, संस्कार व समर्पण के आधार पर नि:स्वार्थ भाव से समाजसेवा करता रहा है। नई शाखा इन कार्यों को आगे बढ़ाएगी।
वाणिज्य के प्राध्यापक सह एपेक्स फाउंडेशन, दरभंगा के अध्यक्ष डा के के चौधरी ने कहा कि यह पारिवारिक एवं सांस्कृतिक संस्था है जो हमेशा ही खुशहाल समाज तथा विकसित राष्ट्र-निर्माण हेतु कार्य करती है। परिषद् की नवगठित भारती-मंडन शाखा समाज के गरीब,वंचित व जरूरतमंद लोगों की सेवा करेगा। गठन के साथ ही कोटा से मणिपुर जा रहे 40 छात्र-छात्राओं को प्रो पुष्पम नारायण द्वारा दरभंगा में भोजन-पानी उपलब्ध कराना सराहनीय कार्य है।
बिहार विद्युत विभाग के पूर्व लेखा पदाधिकारी दीनानाथ सिन्हा ने कहा कि परिषद् के उद्देश्य एवं कार्य अत्यंत ही प्रेरक एवं सराहनीय हैं। मैं दरभंगा में नव गठित शाखा के मार्फत समाजसेवा करता रहूंगा।उन्होंने शाखा को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। समस्तीपुर रेल मंडल के अवकाश प्राप्त अभियंता श्रीरमण अग्रवाल ने कहा कि समाज का सर्वांगीण विकास करते हुए स्वस्थ, समर्थ व संस्कारित भारत का निर्माण करना ही परिषद् का मूल उद्देश्य है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि नवगठित शाखा इन उद्देश्यों की पूर्ति करने में समर्थ होगी।
मारवाड़ी महाविद्यालय के वर्सर एवं एनएसएस पदाधिकारी डा अवधेश प्रसाद यादव ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी के दौर में स्थापित यह शाखा अपने सेवा,सहयोग एवं जागरूकता के द्वारा कोरोना को मात देने में समाज को पूरा सहयोग करेगी। फिर अपने प्रेरक कार्यों से शिक्षित, संस्कारित तथा समृद्ध समाज एवं मजबूत राष्ट्र के निर्माण में अपना सार्थक सहयोग करती रहेगी। कोयलास्थान हाई स्कूल की विज्ञान शिक्षिका डा अंजू नारायण ने कहा कि महादेवी वर्मा, डा लक्ष्मीमल सिंघवी, पूर्व केंद्रीय मंत्री जगमोहन, बिहार के पूर्व राज्यपाल न्यायमूर्ति एम रामा जोइस, न्यायमूर्ति हंसराज खन्ना आदि परिषद् के सदस्य रह चुके हैं। संगठन एवं कार्य की दृष्टि से भारत को 9 क्षेत्रों तथा 73 प्रांतों में विभाजित किया गया है। देश भर में परिषद् के लगभग 1600 स्थाई सेवाकार्य चल रहे हैं, जिनमें अस्पताल,पैथोलॉजी, अल्ट्रासाउंड केंद्र,डिस्पेंसरी, फिजियोथेरेपी केंद्र, ब्लड बैंक,शिक्षण संस्थान,प्रशिक्षण केंद्र,पुस्तकालय तथा जलशालाएं आदि शामिल हैं।
सदस्यों का धन्यवाद करते हुए विश्वविद्यालय के ललित कला-संकायाध्यक्ष प्रो पुष्पम नारायण ने कहा कि दरभंगा के लिए यह अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि परिषद् की एक और शाखा सामाजिक, शैक्षणिक व सांस्कृतिक कार्य करने हेतु स्थापित की गई है।
अतिथियों का स्वागत करते हुए सी एम कॉलेज के संस्कृत विभागाध्यक्ष सह नवगठित शाखा के संयोजक डा आर एन चौरसिया ने कहा कि नवगठित शाखा स्वच्छता, स्वास्थ्य तथा शिक्षा के कार्यक्रमों को प्रमुखता से करते हुए अन्य समाजसेवा तथा जागरूकता का कार्यक्रम करेगी। कोरोना वायरस नियंत्रण में सहयोग इसका तात्कालिक मुख्य कार्य है। विशेष रूप से ‘भारत को जानो प्रतियोगिता’, ‘राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता’ तथा ‘गुरु-वंदन छात्र-अभिनंदन’ कार्यक्रम इस संस्था का लोकप्रिय एवं अद्वितीय कार्यक्रम हैं, जिन्हें भविष्य में प्राथमिकता दी जाएगी। शारीरिक दूरी रखते हुये कार्यक्रम का प्रारंभ विवेकानंद के चित्र पर पुष्प अर्पण व राष्ट्रीय गीत तथा समापन राष्ट्रगान के सामूहिक गायन से हुआ।

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