माहवारी स्वच्छता के प्रति समुदाय को जागरूक करने की जरूरत
28 मई को पूरे विश्व में मनाया जाता है माहवारी दिवस
– 2014 से प्रतिवर्ष मनाया जा रहा विश्व माहवारी दिवस
मधुबनी
आज विश्व मासिक धर्म दिवस है, साल 2014 से 28 मई को “विश्व माहवारी व स्वच्छता दिवस” पूरे विश्व मे मनाया जाता है. इसको मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य समाज मे फैली मासिक धर्म संबंधी गलत अवधारणा को दूर करना तथा महिलाओं और किशोरियों को माहवारी प्रबंधन संबंधी सही जानकारी देना है । महिलाओं और किशोरियों मे मासिक धर्म को लेकर फैली भ्रांतियाँ उनके गंभीर बीमारी की वजह हैं। माहवारी के मिथक व शर्म को तोड़ने के लिए पूरे विश्व मे आज के दिन विश्व मासिक धर्म दिवस मनाया जाता है।
क्या है माहवारी
सामान्यता 12 से 13 वर्षों की किशोरियों में 4 – 5 दिनों तक रक्त का स्राव होना जो 28 से 29 दिन के अंतराल पर होता है तथा 40 से 45 उम्र तक की महिलाओं में होती है। माहवारी को कई नामों से मासिक धर्म,पीरियड्स, ब्लीडिंग, एमसी आदि नामों से जाना जाता है।
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल ऑफिसर डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि कई परिवारों मे लड़कियों को मासिक धर्म के दौरान परिवार से अलग थलग कर दिया जाता है।मंदिर जाने या पूजा करने की मनाही होती है, कुछ परिवारों मे किशोरियों को खेलने कूदने से लेकर खट्टी चीजें, आचार आदि को छूने से मना किया जाता है। ऐसी कुरीतियों को अब बदलने का समय आ गया है। ग्रामीण क्षेत्रों मे तो आज भी यही स्थिति है कि महिलाएं इस तरह के विषयों पर न केवल बात करने से हिचकिचाती हैं। उन्होने बताया कि ऐसे दिनों मे स्वच्छता के साथ ज्यादा पोषक तत्वों की भी अवश्यकता होती है। पीरियड्स के दिनो मे पोषक तत्व न लेने के कारण अधिकतर महिलाएं और किशोरियाँ एनीमिया से ग्रसित हो जाती हैं । इसलिए महिलाओं को इस तरह के संवेदनशील मुद्दों के बारे मे जागरूक करने की जरूरत है ।
सदर अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ प्रवृति मिश्रा ने बताया कि माहवारी के दौरान साफ सफाई बेहद जरूरी है। एक ही कपड़े को बार बार धोकर इस्तेमाल करने से उसमे जीवाणु हो जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। ऐसे मे महिलाओं को सेनेट्री नेपकिन का इस्तेमाल करना चाहिए ।
माहवारी में रखे अपना ध्यान:
– कई घंटों तक एक ही पैड को लगाए रखने से भी संवेदनशील अंगों पर इचिंग, सूजन हो सकती है
– महिलाओं को ब्लड फ्लो के आधार पर तीन से चार बार पैड बदलना चाहिए
– महावारी के दिनों मे सूती कपड़े पहनना उपयुक्त होता है
-महिलाओं मे चिड़चिड़ापन, थकान और पेट व कमर दर्द जैसी कई परेशानियाँ होती हैं ऐसे मे महिलाएं यदि गुनगुने पानी से नहाएँ तो शरीर स्वस्थ होने के साथ ही दर्द मे आराम भी मिलेगा.
एडिटर अजित कुमार सिंह (दरभंगा news 24 live)