विश्व हेपेटाइटिस डे: कोरोना संक्रमण से भी गंभीर है हेपेटाइटिस बी का संक्रमण
•विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रतिवर्ष 9 लाख लोगों की मृत्यु हेपेटाइटिस बी से होती है
•इस वर्ष की थीम “हेपेटाइटिस फ्री फ्यूचर”
कोरोना महामारी काल में कई ऐसे अन्य रोग भी हैं जो इससे कहीं अधिक गंभीर है, जिसमें हेपेटाइटिस बी भी शामिल है. हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस के रूप में मनाया जाता है. विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को हेपेटाइटिस के लिए जागरूक करना है. लोगों में जागरुकता नहीं होने के कारण लोग सही समय पर हेपेटाइटिस का टीका नहीं लगाते हैं, जिसके कारण यह इस रोग के होने की सम्भावना बढ़ जाती है.इस वर्ष हेपेटाइटिस डे की थीम “हेपेटाइटिस फ्री फ्यूचर” रखी गयी है. हेपेटाइटिस वायरस के कारण होने वाला संक्रमण है जो ह्रदय को प्रभावित करता है एवं रोग बढ़ने पर सिरोसिस, लिवर कैंसर एवं ह्रदय अघात तक हो सकती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रतिवर्ष विश्व भर में 9 लाख से अधिक लोगों की हेपेटाइटिस-बी के कारण मृत्यु होती है.
हेपेटाइटिस के प्रकार:
हेपेटाइटिस वायरस मुख्यतः पांच प्रकार के होते है, जिसमें हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस डी एवं हेपाटाइटिस ई शामिल है। इनमें हेपेटाइटिस बी सबसे अधिक खतरनाक एवं जानलेवा होता है। इसकी रोकथाम जन्म के समय टीका देकर की जा सकती है। थकावट, गहरे रंग का पेशाब, पीला मल, पेट में दर्द, भूख का ख़त्म हो जाना, वजन में अप्रत्याशित कमी, त्वचा एवं आँखों का पीला पड़ना एवं गंभीर स्थिति में मुँह से ख़ून की उल्टी जैसे लक्षण हेपाटाइटिस वायरस संक्रमण के होते हैं। हेपेटाइटिस ए और इ दूषित जल व दूषित भोजन के कारण होते है। हेपेटाइटिस बी, सी और डी, संक्रमित रक्त और शरीर के संक्रमित द्रवों से फैलते हैं।
इन कारणों से होता है हेपेटाइटिस:
हेपेटाइटिस को बेहद गंभीर रोगों की सूची में शामिल किया जाता है. हेपेटाइटिस बी का संक्रमण सबसे ज्यादा मां से बच्चे को होता है। हेपेटाइटीस का संक्रमण खून चढ़ाने,इस्तेमाल की गई सूई के प्रयोग,रेजर और दूसरे के टूथब्रश का इस्तेमाल करने, असुरक्षित यौन संबंध ,टैटू बनवाने, नाक-कान छिदवाने से होता है।
इनमें संक्रमण का होता है अधिक ख़तरा :
• जन्म के समय हेपाटाइटिस-बी का टीका नहीं लेने वाले
• शरीर पर टैटू करवाने से
• असुरक्षित यौन संबंध बनाने से
• माता से गर्भस्थ शिशु को
• नशीली दवा सेवन करने से
• हेपाटाइटिस पीड़ित से उसके पार्टनर को
• बेहतर स्वच्छता नहीं रखने से
• घर में किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ रहने से
• संक्रमित ख़ून चढ़ाने से
क्या है हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय :
• सुरक्षित यौन सम्बन्ध
• हेपेटाइटिस से बचाव के लिए रक्त चढ़ाने के पूर्व रक्त की जांच जरूरी
• स्टेरलाइज़्ड सुई व सिरिंज का प्रयोग
• सुरक्षित रक्त चढ़वाना
• गर्भवती महिला को संक्रमण होने पर इलाज ज़रूरी
• टैटू के लिए नई सुई का प्रयोग
• खाना बनाने व खाने से पहले हाथ धोएं
• स्वच्छ व ताज़ा भोजन खाएं
• शौच के बाद हाथों को स्वच्छ पानी व साबुन से अच्छी तरह धोएं
सिविल सर्जन डॉ संजीव कुमार सिन्हा ने बताया हेपेटाइटिस के विषय में जानकारी और सावधानी रख कर हेपेटाइटिस के संक्रमण से बचाव संभव हो सकता है।हेपेटाइटिस से बचाव और इसका इलाज संभव है। बशर्ते कि लोग जागरुक रहें। अगर लोग हेपेटाईटिस की जांच कराएं और वैक्सीन ले तो इस बीमारी से निजात पाई जा सकती है।