हम अपने घरों से गंदगी हटाने में विश्वास करते हैं, परन्तु हम समाज की परवाह किए बगैर इसे गली में फेंकने में भी विश्वास करते हैं। हम व्यक्तिगत रूप से साफसुथरे रहते हैं, परन्तु राष्ट्र के, समाज के सदस्य के तौर पर नहीं, जिसमें कोई व्यक्ति एक छोटा-सा अंश होता है। यही कारण है कि हम अपने घर के द्वार के बाहर इतनी अधिक गंदगी और कूड़ा-कचड़ा पड़ा हुआ पाते हैं। हमारे आस-पास कोई अजनबी अथवा बाहरी लोग गंदगी फैलाने नहीं आते हैं। ये हम ही हैं, जो अपने आस-पास रहते हैं। इस गंदगी को फैलाकर बदहाली की स्थिति पैदा कर देते हैं। उक्त बातें युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा निर्देशित व नेहरु युवा केंद्र,दरभंगा द्वारा आयोजित स्वच्छ भारत अभियान सह पद जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर जिला युवा अधिकारी रोशन कुमार ने कही।
उन्होंने कहा कि जब हम कूड़े से भरा थैला अपने दरवाजे या खिड़की से फेंकते हैं, हम खुश हो सकते हैं कि हमारा घर साफ है, परन्तु हमारा आस-पड़ोस भी हमारी बस्ती का ही हिस्सा है और यदि कोई जान-बूझकर इसे गंदा करने का काम करता है, तो पूरा परिसर गंदगी का ढेर हो जाएगा, क्योंकि किसी बस्ती में रहने वाला हर व्यक्ति एक ही तरह से व्यवहार करता है और उसे इस बात की कोई चिन्ता नहीं होती कि वह अपने पड़ोस, समुदाय और शहर को किस प्रकार गंदा कर रहा है।”
वहीं इस अवसर पर लेखपाल सह कार्यक्रम अधिकारी सोहैल जफर ने कहा कि आज भारत में बहने वाली नदियों की दयनीय दशा किसी से छिपी नहीं है। पावन कहलाने वाली नदियां प्रदूषण का दंश झेल रही हैं। नदियों को प्रदूषित करने में हमारा ही योगदान है। इस संबंध में बापू ने बहुत पहले ही इस बारे में आगाह करते हुए कहा था कि नदियां हमारे देश की नाड़ियों की तरह हैं और हमारी सभ्यता हमारी नदियों की स्थिति पर निर्भर है। यदि हम उन्हें गंदा करना जारी रखेंगे, जिस तरह से हम कर रहे हैं, वह दिन दूर नहीं, जब हमारी नदियां जहरीली हो जाएंगी और यदि ऐसा हुआ तो हमारी सभ्यता नष्ट हो जाएगी। हम पर्यावरणीय आपदा के मुहाने पर खड़े हैं, क्योंकि हमने अपनी सबसे पवित्र नदी गंगा को प्रदूषित कर डाला है।
वहीं इस अवसर पर अपने संबोधन में चयन समिति सदस्य श्री संजीव साह ने महात्मा गांधी के वक्तव्य को याद करते हुए कहा कि स्वतंत्रता से ज्यादा महत्वपूर्ण है स्वच्छता __महात्मा गांधी ” : बापू के उक्त कथन से यह ध्वनित होता है कि वह जीवन में स्वच्छता के कितने बड़े हिमायती थे। सबसे बड़ी बात यह है कि वह सिर्फ बाहरी स्वच्छता यानी घर, पास-पड़ोस आदि के ही पक्षधर नहीं थे, बल्कि मन की स्वच्छता के भी प्रबल पक्षधर थे। उनका यह मानना था कि यदि मन और पड़ोस स्वच्छ नहीं होगा, तो अच्छे, सच्चे एवं ईमानदार विचार आना असंभव है। आंतरिक स्वच्छता को वह वाह्य स्वच्छता के लिए आवश्यक मानते थे।
वहीं इस अवसर पर युवाओं को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी महाविद्यालय के एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी श्री ज्वाला चंद्र चौधरी ने कहा कि एक पवित्र आत्मा के लिए एक स्वच्छ शरीर में रहना उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि किसी स्थान, शहर, राज्य और देश के लिए स्वच्छ रहना जरूरी होता है, ताकि इसमें रहने वाले लोग स्वच्छ और ईमानदार हों।
बता दें कि आज नेहरु युवा केंद्र, दरभंगा द्वारा शहर के रेलवे स्टेशन परिसर से स्वच्छता अभियान पद जागरूकता रैली हराही तालाब होते हुए एमएलएसएम महाविद्यालय में संपन्न हुई,जहां स्वच्छता जागरूकता पर आधारित नुकड़ नाटक का मंचन कर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया तथा उक्त परिसर की साफ सफाई की गई।
इस कार्यक्रम में कुणाल कुमार गुप्ता,विशाल चौधरी,इशरत परवीन,उपासना कुमारी,मणिकांत ठाकुर,मुकेश झा,हरेंद्र कुमार,नवनीत कुमार, पूजा कुमारी,संगीता कुमारी, राकेश कुमार झा,नीतीश कुमार, ज्ञान रंजन चौधरी,निराला कुमार सहित महात्मा गांधी महाविद्यालय के एनएसएस के कई स्वयंसेवक उपस्थित थे।
![](https://darbhanganews24.com/wp-content/uploads/2019/08/Untitled-2-copy-660x330.jpg)